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काले धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करें: बाबा रामदेव

यवतमाल. देश की जनता दरिद्रता, बीमारी, भूख, कुपोषण से पीड़ित है। सभी तरह से बेहाल है फिर भी देश के नेताओं ने जनता को चूस-चूसकर भ्रष्टाचार के माध्यम से थोड़ा नहीं बल्कि 4 लाख करोड़ रु. का काला धन विदेशी बैंक में जमा कर रखा है।

इस काला धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित कर देश में लाना जरूरी है। इस राष्ट्रीय संपत्ति का उपयोग करने से देश सिर्फ बलवान ही नहीं बनेगा बल्कि अमेरिका से भी बड़ी महाशक्ति बन सकता है।

इसके लिए हर देशवासी को संकल्प करना होगा ऐसा आह्वान आज स्थानीय पोस्टल ग्राऊंड पर आयोजित सभा में योगगुरु रामदेव बाबा ने किया। पतंजलि योग समिति की ओर से आयोजित इस योग शिविर व जनसभा में काफी लोग मौजूद थे।

लोगों की उपस्थिति देख रामदेव बाबा ने मराठी में सभी का उपस्थिति के लिए आभार माना। सभा मंच पर बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रवि राणा भी प्रमुखता से उपस्थित थे। विदेश में रखे काले धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने की उन्होंने इस समय जमकर पैरवी की।

उन्होंने कहा कि, चंद भारतीयों द्वारा विदेशों में रखा काला धन यदि राष्ट्रीय संपत्ति घोषित कर दिया जाता है तो देश की आर्थिक व्यवस्था का पूरी तरह से नक्शा बदल सकता है। उन्होंने इसके लिए तीन रास्तों से मार्गक्रमण करने का आह्वान इस समय किया।

उन्होंने यह भी कहा कि, काला धन विदेशी बैंकों में जमा करनेवालों के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का अपराध भी दर्ज किया जाना चाहिए। काला धन जमा करने और जमा करनेवालों के खिलाफ अपराध दर्ज करवाने के लिए कानून में बदलाव आवश्यक हैं।

इसके बाद ही स्वस्थ एवं बलशाली देश के रूप में भारत की पहचान बन पाएगी। उन्होंने आगे कहा कि, करीब 17 लाख भारतीय विदेशों में बसे हुए हैं जिनमें से काला धन संग्रह करनेवालों की खोज करने के लिए सात जानकारी केंद्रों की स्थापना कर उनके जरिए काले धन का पता लगाए जाने की मांग उन्होंने इस समय की।

उन्होंने आगे कहा कि, इस देश को कई वीर शहीदों ने अपने प्राणों की आहुति देकर आजाद करवाया अब हर भारतीय का कतव्र्य है कि, वह देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करवाने के लिए पूरी इमानदारी से प्रयास करने होंगे।

उन्होंने कहा कि, आज सत्ताधीश महलों में वास करने के कारण ही आज जनता को दरिद्रता भुखमरी, कुपोषण तथा बीमारियों से जूझ रहा है। आगे बाबा ने कहा कि, ए. राजा, हसन अली जैसे गिने-चुने लोगों ने आम आदमी का धन हथिया लिया है।

ऐसे लोग वास्तव में हैवान हैं, शैतान हैं। वे सही मायने में अपराधी हैं। अपराधियों के केवल किसी भी नाजायज ढंग से धन संग्रह करना होता है। उनका कोई धर्म या जाति नहीं होती। वे असल मानवता विरोधी हैं।

मैं तो किसान का बेटा

बाबा रामदेव ने कहा कि, वे आम आदमी की जिन्दगी जीते हैं। अब तक निवास करने स्थान नहीं था। अब वे पतंजलि योग समिति में प्राकृतिक तौर पर बनायी गई कुटिया में रहते हैं। वे आम किसान के घर पैदा हुए और उनकी तरह ही जीवन बिताएंगे। अपना अभियान अंत समय तक जारी रखने का निश्चय उन्होंने इस समय जताया।

योगगुरु या मार्केंटिंग गुरु?

योगगुरु के नाम से मशहूर स्वामी रामदेव बाबा यहां पर भी पतंजलि योगपीठ और वहां के उत्पादों की मार्केटिंग करने से बाज नहीं आए।

उन्होंने च्यवनप्राश, जूस आदि के लाभों से उपस्थितों को अवगत करवाया और इन उत्पादों से होनेवाले फायदे भी गिनाए जिससे कुछ समय के लिए लोग भी विस्मय में पड़ गए कि, यह योगगुरु हैं या फिर मार्केटिंग गुरु।

देशी फल उगाएं, देशी फल खाएं

चाय से पेट व यूरिया से खेत से खराब होता है। स्वदेशी व प्राकृतिक ढंग से उगाए गए फल खाने का हमेशा प्रयास करें। देसी सेब का उपयोग कर स्वास्थ हासिल करे। अमेरिकन सेब सबसे महंगा है। उसमें कीटनाशकों की भरमार होने के कारण वे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक एवं महंगे होते हैं।

देश के 90 फीसदी लोग चाय पीते हैं। पहले अंग्रेजों ने मुफ्त में चाय पिलायी, खेती में उपज बढ़ाने मुफ्त में यूरिया उपलब्ध करवायी ताकि भारतीय बर्बाद हो जाएं। उन्होंने चाय की बजाए छांछ पीने की सलाह दी।

उन्होंने कहा कि, योग व प्राणायाम करने से ठंडी व गर्मी सहने की क्षमता प्राप्त की जा सकती है। बाहरी गर्मी से प्राणायाम द्वारा निपटने तथा शरीर की अग्नि को प्रज्ज्वलित कर चेतना, शौर्य, बहादुरी जगाने की भी बात उन्होंने कही।

फूलों से हुआ स्वागत

बाबा रामदेव के आगमन पर उनका सुगंधी फूल बरसाकर शंखनाद व भीड़ ने जोरदार स्वागत किया। साथ ही उनकी आरती उतारी गई। कार्यक्रम के लिए मंच सुशोभित किया गया था। रामदेव बाबा को लोग सुन सके इस हेतु आयोजकों ने विशाल एन्टर स्क्रीन की व्यवस्था जनसभा में की थी।

सभा मंच का प्रबंध अतिविशिष्ट व्यक्तियों की तरह अर्धचक्राकर तथा महिला पुरुषों को अलग-अलग बैठने की व्यवस्था की गई थी। पांढरवकड़ा के उपविभागीय पुलिय अधिकारी तुकाराम गेडाम के नेतृत्व में सभा के लिए कड़ा बंदोबस्त किया गया था।

कड़ी धूप ने किया परेशान

पतंजलि योग समिति की ओर से आयोजित स्वामी रामदेवबाबा की सभा लोगों की भारी भीड़ जुटने की उम्मीद थी लेकिन हजार लोग भी उन्हें सुनने के लिए नहीं पहुंचे थे। सभा स्थल पर आनेवालों को कड़ी धूप में ही बैठे रहना पड़ा। सभा स्थल पर पेंडाल तक की व्यवस्था नहीं की गई थी।

पानी मांगा जूस मिला

सभा के दौरान एक मासूम बालक के प्यास से व्याकुल होकर पानी-पानी का शोर मचाने लगा। बाबा का उसकी ओर ध्यान गया और उन्होंने दोबारा पूछा, तुम्हें क्या चाहिए। बालक ने कहा पानी तो बाबा ने अपने पास रखा जूस का डिब्बा उसे दे दिया। कहा पानी तो नहीं यह जूस पी लो।

चुनकर आए तो किसानों को चौबीसों घंटे मिलेगा पानी

आम नेताओं की तरह बाबा भी आज यवतमाल के किसानों के लिए आश्वासन का झुनझुना बजाते नजर आए। उन्होंने कहा कि, यदि हमारा दल चुनकर आता है तो हम भविष्य में आत्महत्या ग्रस्त जिले के रूप में कुख्यात यवतमाल जिले की तस्वीर बदलकर रख देंगे।

हमारी सत्ता रही तो हम चौबीसों घंटे पानी और बिजली की व्यवस्था किसानों के लिए करेंगे। इससे किसान आर्थिक रूप से सक्षम होंगे और किसान आत्महत्या की समस्या जड़ से मिट जाएगी।