Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/किसान-पंजीयन-के-बाद-तय-होगा-धान-खरीद-का-लक्ष्‌य-7431.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | किसान पंजीयन के बाद तय होगा धान खरीद का लक्ष्‌य | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

किसान पंजीयन के बाद तय होगा धान खरीद का लक्ष्‌य

रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस साल अब तक हुई अनुकूल बारिश के बीच धान की फसल लहलहा रही है। किसान अच्छी फसल होने की उम्मीद बांधे हुए हैं, लेकिन राज्य में अब तक इस साल की धान खरीद का लक्ष्‌य तय नहीं हो सका है। वजह यह है कि सरकार ने राज्य में धान उत्पादक किसानों का पंजीयन शुरू किया है, पंजीयन का काम पूरा होने के बाद ही लक्ष्‌य तय करने की योजना है। दूसरी ओर केंद्र सरकार ने पहले ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद पर बोनस देने की व्यवस्था बंद करने के लिए कहा है। केंद्र के इस आदेश के कारण राज्य सरकार के सामने दुविधा खड़ी हो गई है। दरअसल भाजपा सरकार अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा कर चुकी है कि किसानों को उनके धान के एवज में हर साल तीन सौ रुपए प्रति क्विंटल बोनस दिया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में पिछले खरीफ सीजन ने 80 लाख मीट्रिक टन धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा गया था। इस खरीद पर 300 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से 2400 करोड़ रुपए का बोनस बांटा जा रहा है। अब बोनस न देने संबंधी आदेश को लेकर राज्य सरकार को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। बताया गया है कि बोनस के मसले पर राज्य सरकार का रूख केंद्र के आदेश से अलग है। राज्य सरकार चाहती है कि किसानों को बोनस दिया जाए। इस मसले को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह 19 सितंबर को दिल्ली में केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान से चर्चा करने के प्रयास में थे, लेकिन ी पासवान के दिल्ली से बाहर होने के कारण उनकी चर्चा नहीं हो पाई। इसी बीच अब यह जानकारी मिल रही है कि इस मामले में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा की तैयारी है।

पंजीयन के प्रावधान से किसानों में नाराजगी

छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार अब से पहले हर बार कहा करती थी कि किसानों का एक-एक दाना धान समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। लेकिन केंद्र के आदेश के बाद और खासकर बोनस न देने की हिदायत मिलने के बाद अब इस तरह की बात कहना मुश्किल हो रहा है। इधर सरकार ने प्रदेश के सभी किसानों का नए सिरे से पंजीयन शुरू कर दिया है। खाद्य एवं सहकारिता विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पंजीयन का काम पूरा होने के बाद ही धान खरीद का लक्ष्‌य तय किया जाएगा। लेकिन पंजीयन को लेकर भी दिक्कतें आ रही हैं, कई जिलों से ऐसी सूचनाएं मिल रही हैं कि पंजीयन के लिए तय प्रावधान से किसानों में नाराजगी है। इस मामले को लेकर प्रदेश के खाद्य एवं सहकारिता मंत्री पुन्नूलाल मोहले से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन वे चर्चा के लिए उपलब्ध नहीं हो सके।

अब तक मात्र साढ़े आठ फीसद किसानों का हुआ पंजीयन

छत्तीसगढ़ में इस माह के शुरू से प्रारंभ हुई किसान पंजीयन प्रक्रिया में 21 सितंबर तक की स्थिति में केवल साढ़े आठ फीसद किसानों के आवेदन पंजीयन के लिए आए हैं। पंजीयन के लिए आवेदन देने वाले किसानों की संख्या 2 लाख 65 हजार 17 तक पंहुची है। पिछले साल राज्य में धान बेचने के लिए 15 लाख 69 हजार 397 किसानों ने पंजीयन करवाया था। इनमें से 11 लाख 60 हजार 360 ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 80 लाख मीट्रिक टन धान बेचा था। इस बार पंजीयन की प्रक्रिया कई नए बिंदुओं पर आधारित है। सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में धान की अधिक कीमत मिलने के कारण ओडिशा, सहित अन्य पड़ोसी राज्यों का धान यहां आकर बिक जाता है। यह गड़बड़ी रोकने के लिए किसानों के धान की फसल के रकबे की जानकारी ली जा रही है। रकबे और उत्पादकता के अनुपात के हिसाब से ही खरीदारी होगी।