Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/किसानों-के-12-लाख-के-धान-में-मारी-डंडी-9465.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | किसानों के 12 लाख के धान में मारी डंडी | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

किसानों के 12 लाख के धान में मारी डंडी

कोरबा। सूखे की मार झेल दाना- दाना सहेज कर किसी तरह धान खरीदी केंद्र तक पहुंच रहे किसानों को यहां भी छला जा रहा है। एक बारदाने का वजन 580 ग्राम ही निकल रहा, जबकि बारदाने के नाम पर 700 ग्राम से अधिक धान लिया जा रहा। 28 दिसम्बर तक हुई धान खरीदी के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो 846.40 क्विंटल अधिक धान किसानों से लिया जा चुका है। समर्थन मूल्य के आधार पर इसकी कीमत 12 लाख 27 हजार रुपए होती है। यह सच्चाई को सोमवार को उस वक्त उजागर हुई, जब 'नईदुनिया' की टीम ने कुछ खरीदी केंद्र में पहुंचकर बारदानों का वजन कराया।

बारदाना सप्लाई में की जा रही गड़बड़ी का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। मानक नियमानुसार प्रति बारदाना का वजन 700 ग्राम तय है। इस आधार पर धान खरीद केंद्रों में 700 ग्राम बारदाने का वजन मानकर किसानों से इतना ही धान अधिक लिया जा रहा। 'नईदुनिया' की टीम ने सोमवार को धान केंद्रों में जब इसकी पड़ताल की तो अलग-अलग केंद्रों में खाली बारदाने का वजन अलग-अलग निकला। देवरमाल केंद्र में बोरी का वजन 595 ग्राम पाया गया, जबकि वजन भरे बोरे का वजन 40 किलो 990 ग्राम रहा। खाली बारदाना 105 ग्राम कम रहा। इसी तरह कनबेरी में खाली बारदाने का वजन 605 ग्राम व भरे का 40.700 ग्राम रहा। यानि 95 ग्राम बोरे का वजन कम निकला। कोरकोमा में बारदाने का वजन 630 ग्राम ही निकला। केंद्रों में खरीदी के धान का वजन व बारदानों के वजन में विविधता से यह स्पष्ट हो गया कि समान तौल से धान की खरीदी नहीं हो रही है। बारदानों का वजन औसतन 595 से 650 ग्राम के बीच ही सिमटा हुआ है। बारदानों की वजन कम होने के बाद भी किसानों से 700 से 990 ग्राम अधिक धान बारदाने के एवज में लिया जा रहा है। स्तरहीन बारदानों से हो रही धान खरीदी की वजह से किस तरह किसानों के खून पसीने की फसल को बिना मोल लिया जा रहा इसकी पुल खुल गई है। जिले में अब तक धान 2 लाख 82 हजार 280 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। एक बारदाने में 40 किलो धान भरता है। इस आशय से देखा जाए तो खरीदी किए गए धान के लिए 7 लाख 5 हजार 700 बारदानों का उपायोग किया जा चुका है। बारदानों का वजन भले ही 590 स 630 ग्राम वजन तौल हो रहा है, किंतु किसानों से 700 ग्राम अधिक धान बोरे के एवज में लिया जा रहा है। यदि बोरे के तौल से घटाकर देखा जाए तो औसतन 120 ग्राम अधिक धान प्रति बोरे के हिसाब से अब तक लिया जा चुका है। इस आधार पर अब तक 846 क्विंटल अधिक धान किसानों से लिया जा चुका है। इस धान की कीमत समर्थन मूल्य 1450 रुपए के हिसाब से 12 लाख 75 हजार रुपए हो रही है।

सरकार को भी लग रहा चूना

प्रदेश भर के धान खरीदी केंद्रों में बारदानों की आपूर्ति डीजी सेंडी कंसलटेंसी एजेंसी ने की है। कंपनी को 700 ग्राम वजन वाला बारदाना ही सप्लाई करना था, पर मुनाफा कमाने के चक्कर में घटिया स्तर का बारदाना भेजा जा रहा। इसका सीधा असर धान खरीदी पर पड़ रहा। खरीदी केंद्रों को तो अधिक धान मिल रहा पर किसानों को उसकी कीमत नहीं मिल पा रही। इस गड़बड़ी पर अब तक प्रशासन की भी नजर नहीं पड़ी है और किसान ठगे जा रहे। दूसरी ओर प्रशासन को भी गुणवत्ता के नाम पर घटिया बारदाना देकर चूना लगाया जा रहा।

990 ग्राम तक अधिक ले रहे

बात केवल बारदाने की वजन में आ रहे 120 ग्राम के ही अंतर की नहीं है बल्कि इससे भी कहीं ज्यादा धान का नुकसान प्रत्येक बोरे में किसानों को हो रहा है। प्रशासन ने भले ही 700 ग्राम बारदाने का वजन तय किया है। इसके बावजूद 990 ग्राम तक प्रत्येक बोरे में अधिक धान बारदाने का वजन बता कर लिया जा रहा। जागरूकता के अभाव में किसान इसका विरोध नहीं कर पाते। कुछ किसान इसे लेकर सवाल जवाब करते हैं तो खरीदी केंद्र में इसे अनसुना कर दिया जाता है।

घटिया बारदाने से झड़ रहा धान

सुतली बचाने के फेर में बारदानों की इतनी विरल बुनाई की गई है कि बारदाना दोबार चावल रखने के लिए उपयोग नहीं हो पाएगा। झीनी बुनाई के कारण किसानों के बारदाने से मार्कफेड द्वारा आपूर्ति के बारदानों में लगभग 100-200 ग्राम धान झड़ रहा है।

क्या कहते हैं किसान

पᆬोटो नंबर-28केओ10- बंधन ।

40 की जगह लिया 41 किलो

मैंने सोनपुरी धान खरीद केंद्र में 114 बोरा धान की बिक्री की है। बारदाने का वजन क्या है मुझे नहीं मालूम, किंतु प्रत्येक 40 किलो के तौल में मुझसे 1 किलो अतिरिक्त यानि 41 किलो धान लिया गया है।

- बंधन राम, सोनपुरी

--

ठगा जा रहा किसानों को

किसानों से छलावा किया जा रहा है। बारदाने का वजन कम होने के बाद भी 1 से डेढ़ किलो वजन का धान अधिक लिया जा रहा है। सूखे से त्रस्त किसानों से ठगी की जा रही है।

- अजीत दास महंत, नकटीखार

प्रत्येक किसान से 41 किलो धान लिया जा रहा है। सूखती की स्थिति निर्मित न हो इसलिए अब तक इसी क्रम से खरीदी की जा रही है।

- भरत साहू, फड़ प्रभाारी, सोनपुरी केंद्र

--

मार्कफेड से जो बारदाना दिया गया है, उससे धान की खरीदी की जा रही है। किसानों से अतिरिक्त धान नहीं लिया जा रहा है। 40 किलो की खरीदी में बारदाने के वजन के अनुरूप 700 ग्राम तक धान लिया जा रहा है।

- जमाल खान, नोडल अधिकारी, जिला धान खरीदी केंद्र

--

बारदानों का औसत वजन 665 ग्राम तक हो सकता है। बारदानों की पैकिंग से लेकर उपयोग में लाए जाने के दौरान मौसमी वातावरण का असर होता है। इससे बारदानों के वजन में असर पड़ता है।

- आरएस लहमोर, जिला विपणन अधिकारी