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किसानों के कब्जे से आवाजाही ठप, ब्यास पुल पर दूसरे दिन भी डटे रहे

अमृतसर/ब्यास. ब्यास पुल पर किसानों के धरने के कारण पैदा हुई जाम की स्थिति से आमजन खासा परेशान है। जाम के कारण अमृतसर सड़क मार्ग से पूरी तरह कट गया है। 70 प्रतिशत बसें अपने मुकाम पर नहीं पहुंच सकीं।

बसों व निजी वाहनों से अमृतसर से जालंधर के रास्ते होकर दिल्ली या चंडीगढ़ जाने वालों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। कुछ यात्री तो बीच रास्ते ही बसों में उतर गए, जबकि निजी वाहन घंटों जाम में फंसे रहे। वहीं, दो दिन में पंजाब रोडवेज को लाखों रुपए के राजस्व की हानि हुई है।

यहां तक कि धरने पर बैठे किसानों ने बारातों व मरीजों पर भी दया नहीं दिखाई, जिसके चलते इन्हें गांवों के रास्ते से होकर मंजिल तक पहुंचना पड़ा। पंजाब रोडवेज के स्थानीय कार्यालय के एक दिन में साढ़े सात सौ के करीब बसें नहीं चल पाईं। यही हाल, रात के समय भी रहा। यात्रियों के दबाव के चलते कुछेक बसों को रूट बदल कर चलाया गया। बुधवार देर शाम तक जीटी रोड पर ट्रैफिक पूरी तरह ठप रहा। केवल पठानकोट -जम्मू, तरनतारन-पट्टी और बठिंडा की बसें चलीं।

किसी निजी काम से चंडीगढ़ गए डा. जसप्रीत सिंह ने बताया कि जाम के कारण उन्हें करतारपुर से भोगपुर, टांडा, श्री हरगोबिंदपुर के रास्ते मेहता से होकर अमृतसर आना पड़ा। कई यात्री जालंधर से गुरदासपुर की तरफ मुड़ गए और कई घंटे के सफर के बाद घरों को पहुंचे। कुछेक ब्यास से वापस जालंधर हो गए और वहां से ट्रेन पकड़ कर अमृतसर पहुंचे। यात्री मुनीष कुमार ने बताया कि उन्हें जालंधर से अमृतसर पहुंचने में 13 घंटे का समय लगा। रोडवेज की जो बसें जाम में फंसी रहीं, उनमें सफर कर रही सवारियां कंडक्टरों से पैसे वापस मांगती रहीं, लेकिन कंडक्टर असमर्थ दिखे। निजी बस चालकों ने बीच गांवों के रास्ते से लोगों को ले जाना शुरू किया, लेकिन यात्रियों से मुंह मांगा किराया वसूला।

33 घंटे से जाम है बठिंडा-धूरी ट्रैक

जेठूके (रामपुराफूल). गांव जेठूके में किसान पिछले 33 घंटे से रेलवे ट्रैक पर मोर्चा लगाकर बैठे हैं। इससे बठिंडा-धूरी ट्रैक पिछले 33 घंटे से जाम है। ट्रैक जाम होने से रेलवे को मंगलवार-बुधवार को 11 ट्रेनें रद्द करनी पड़ी। बठिंडा-अंबाला ट्रैक पर पूरे दिन एक भी ट्रेन नहीं जा सकी। रेलवे को दो दिनों में करीब 15 हजार रुपए के टिकट वापस लेने पड़े। वहीं, तपा से जेठूके में धरने में शामिल होने जा रहे 27 किसानों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

ये हैं मांगें

पंजाब के दस लाख मजदूरों के घरों के बिजली बिल माफ हो।
किसानों पर चढ़ा 64 हजार करोड़ कर्ज माफ किया जाए।
बैंकों द्वारा जमीन की सीधी कुर्की पर रोक लगाई जाए।
मजदूरों को दस मरले के प्लाट दिए जाएं।