Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/किसानों-ने-खुद-बदली-अपनी-किस्मत-2970.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | किसानों ने खुद बदली अपनी किस्मत | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

किसानों ने खुद बदली अपनी किस्मत


भोपाल. योजनाएं चलाने में उनका इस्तेमाल करने वालों की भूमिका समाज को कैसे खुशहाल बना देती है,इसका उदाहरण हैं मान और जोबट सिंचाई परियोजनाएं।


धार-झाबुआ जिले की इन दो परियोजनाओं के कमांड क्षेत्र में आने वाले किसानों की समझदारी और भागीदारी से 71 गांवों की तकदीर बदल गई है।इसके चलते इन गांवों में पक्के मकानों की तादाद में 14 फीसदी, बाइक संख्या में 16 और बैंक खातों में 35 प्रतिशत इजाफा हुआ है। वहीं अपराधों का ग्राफ 18 फीसदी नीचे आ गया है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने भी इन किसानों के कामकाज की तारीफ की है।


यह बात इन दोनों परियोजनाओं के कमांड क्षेत्र में हुए सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण में उभरकर सामने आई है। सर्वे अहमदाबाद के एनजीओ डवलपमेंट सपोर्ट सेंटर ने किया है।



सिंचाई में पिछड़ा राज्य है मप्र : केंद्रीय योजना आयोग के मुताबिक मप्र में सिंचाई का प्रतिशत महज 26 है जबकि देश में औसत सिंचाई प्रतिशत 72 है। आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने मान और जोबट की जल उपयोगकर्ता समितियों के कामकाज की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि इसे उदाहरण की तरह अन्य योजनाओं में भी लागू किया जाना चाहिए।



परियोजना एक नजर में: करीब 246 करोड़ लागत का मान प्रोजेक्ट वर्ष 2007 और 230 करोड़ का जोबट प्रोजेक्ट 2008 में पूरा हुआ। मान की सिंचाई क्षमता 15 हजार, जोबट की 9848 हेक्टेयर तय की गई थी। लेकिन वर्ष 2009-10 में मान से 17404 और जोबट से 12000 हेक्टेयर में सिंचाई होने लगी है। नहरों की लाइनिंग का काम पूरा होने पर मान से करीब 20 हजार और जोबट परियोजना से करीब 15 हजार हेक्टेयर खेतों तक पानी पहुंच पाएगा।



मान परियोजना



246 करोड़ की लागत, 17404 हेक्टेयर में होगी सिंचाईजोबट परियोजना230 करोड़ का खर्च। 12000 हेक्टेयर में होगी सिंचाई



कम हुए अपराध



वर्ष 2005 से 2007 के बीच इस क्षेत्र में दर्ज अपराध 964 थे जबकि प्रोजेक्ट पूरे होने के बाद 2008 से 2010 के दो सालों में यह संख्या 794 रह गई। सिंचाई परियोजना के पहले अपराध शून्य गांवों की संख्या 15 थी और अब ऐसे गांव 30 हैं जहां दो साल के दौरान अपराध दर्ज नहीं हुए।



बढ़ी संपन्नता



सात प्रश मकान ही पक्के थे, अब 14 प्रश है। पांच प्रश घरों में बाइक थीं अब 21 प्रश घरों में हैं। 10 प्रश घरों में टीवी थी, अब 32 प्रतिशत घरों में है।



बैंक खातों की संख्या 25 से बढ़कर 60 प्रश हुई।



किसानों की समझदारी



नहरों के मेंटेनेंस के लिए सामान्य क्षेत्रों में दो साल और आदिवासी इलाकों में पांच साल तक किसानों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता। लेकिन यहां के किसानों ने जल उपयोगकर्ता समितियां बनाकर पहले ही साल से प्रति जल उपयोगकर्ता 60 रुपए लेना शुरू किया और नहरों को दुरुस्त बनाए रखा।



मान में 10 और जोबट प्रोजेक्ट में 6 समितियां हैं। कमांड एरिया में इफ्को ने सॉइल हेल्थ कार्ड बनाए हैं, जिनमें मिट्टी की तासीर दर्ज है। किसानों को यह भी बता दिया जाता है कि उन्हें कौन सी खाद किस मात्रा में डालना है।



सिंचाई से उपज तीन गुना तक बढ़ गई है, हम किसान खुद ही नहर की देखरेख करते हैं।



करन सिंह,जोबट परियोजना जल उपयोगकर्ता समिति ग्राम पलासी दोनों प्रोजेक्ट की सफलता का श्रेय किसानों को जाता है। अन्य प्रोजेक्ट भी वक्त पूरे हो जाएं तो मप्र सिंचाई के राष्ट्रीय औसत को छू लेगा।



कन्हैयालाल अग्रवाल,एनवीडीए अध्यक्ष एवं राज्य मंत्री नर्मदा घाटी विकास विभाग