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किसी भी कीमत पर एफडीआई स्वीकार नहीं

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी आज इस चेतावनी के साथ सडकों पर उतरीं कि अगर संप्रग सरकार खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई), डीजल की कीमतों में वृद्धि और सस्ते एलपीजी की संख्या सीमित करने के फैसले को वापस नहीं लेती है तो उनकी पार्टी 72 घंटे की निर्धारित समय सीमा के समाप्त होने के बाद कठोर फैसले करेगी.

बनर्जी ने रैली में कहा, ‘‘हमने इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को पार्टी की बैठक बुलाई है. अगर केंद्र डीजल की कीमतों में वृद्धि और मल्टी ब्रांड खुदरा कारोबार में एफडीआई और सस्ते एलपीजी की संख्या सीमित करने के फैसले को वापस नहीं लेता है तो चाहे जितना भी कठिन हो हम फैसला करेंगे. मुझे उम्मीद है कि लोग गलत नहीं समङोंगे.’’ मई में पेट्रोल में वृद्धि के बाद से ममता दूसरी बार सडकों पर उतरी हैं.

सरकार के अचानक बडे सुधार के फैसले लेने पर आश्चर्य जताते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं नहीं जानती कि क्या हुआ. एक ही दिन में इतने सारे फैसले किए गए. हम आर्थिक सुधार चाहते हैं जो जमीनी स्तर तक पहुंचे, न कि ऐसा कुछ जो एक तबके को फायदा पहुंचाए. ये जनविरोधी फैसले हैं.’’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी ने हालांकि कहा कि उनकी पार्टी संप्रग सरकार को गिराना नहीं चाहेगी.

उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार छोडने के पक्ष में नहीं हैं. हम हमेशा गठबंधन नहीं तोडने के पक्ष में हैं. लेकिन हम लोगों के प्रति वचनबद्ध हैं.’’ बनर्जी ने कहा, ‘‘हम संप्रग के दूसरे सबसे बडे सहयोगी दल हैं और मंत्रिमंडल में हमारे और मंत्री हो सकते थे. हमारे पास अब सिर्फ रेल मंत्रलय है लेकिन उसका हमारे लिए बमुश्किल महत्व है. हमारे लिए जनता का महत्व है.’’

ममता ने कहा, ‘‘हम खुदरा कारोबार में एफडीआई नहीं चाहते. यह हमारे चुनाव घोषणा पत्र में था. लोगों ने पांच साल के लिए हमारे पक्ष में मतदान किया. कैसे हम लोगों से विश्वासघात कर सकते हैं.’’ उन्होंने कहा कि ये फैसले हो सकता है उन्हें हजम हों लेकिन अन्य को नहीं. आम आदमी की कीमत पर कितनी बार आप मूल्य वृद्धि करेंगे.

डीजल की कीमतों में वृद्धि को तुरंत वापस लेने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र को प्रति माह प्रत्येक परिवार को दो एलपीजी सिलिंडरों पर सब्सिडी देनी चाहिए. इसका मतलब है कि रियायती दर पर प्रति वर्ष 24 गैस सिलिंडर दिए जाएं. बहु ब्रांड खुदरा स्टोरों को स्थापित करने की अनुमति देने की जिम्मेदारी राज्यों पर छोडने के केंद्र के फैसले का उल्लेख करते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘क्या यह संभव है. मैंने ऐसा कभी नहीं सुना.’’ उन्होंने सुझाव दिया कि जनता पर बोझ डालने की बजाय केंद्र काला धन का पता लगाए.

-हमें सुधारों की जरुरत है,लेकिन सब कुछ बेचने की नहीं-

बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति और डीजल के दामों में की गई वृद्धि वापस लेने के लिए केंद्र सरकार को 72 घंटे का समय देने के एक दिन बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज कहा कि सुधारों का मतलब सब कुछ बेच डालना नहीं है.

तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में कहा है ‘‘हां, हमें सुधारों की जरुरत है. लेकिन सुधारों का मतलब कुछ वर्गों को संतुष्ट करने के लिए सब कुछ बेच डालना नहीं है.’’ उन्होंने कहा ‘‘मैं सब कुछ बेच डालने के किसी फैसले का समर्थन नहीं करती. यह सरकार के एक वर्ग के अनुकूल हो सकता है.’’

बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के कडे विरोध के लिए जाने जानी वाली ममता ने कहा ‘‘एकपक्षीय और जनविरोधी फैसलों से केवल कुछ समय के लिए सेन्सेक्स को उपर उठने में मदद मिल सकती है.’’उन्होंने कहा ‘‘मैं इस बात से सहमत हूं कि सेन्सेक्स को स्थिर होना चाहिए लेकिन इसके साथ ही नीतियों तथा योजना का उपयोग आम आदमी पर कमरतोड बोझ डालने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.’’ ममता ने कहा ‘‘लोकतांत्रिक ढांचे में सुधारों का लाभ आम आदमी तक पहुंचना चाहिए और लोकतंत्र की विशेषता आम आदमी के प्रति उसे उसकी जिम्मेदारी के अहसास में निहित है.’’

उन्होंने कहा कि विकसित देशों के पास सामाजिक सुरक्षा की कई योजनाएं हैं. ‘‘हमारे देश में, आम आदमी के हितों की रक्षा के लिए हमारे पास व्यापक सामाजिक सुरक्षा योजनाएं या ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है.’’ तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने सुझाव दिया कि अगर काले धन का खुलासा हो जाए और उसे विदेशों से वापस ला कर विकास में उसका उपयोग किया जाए ‘‘तो सेन्सेक्स वास्तव में उठेगा.’’ उन्होंने कहा ‘‘हम आम आदमी के हितों के लिए लडने को प्रतिबद्ध हैं और अपनी जान दे सकते हैं लेकिन इस पर समझौता नहीं कर सकते.’’

-ममता ने व्यापारियों से कहा:खुदरा में एफडीआई के खिलाफ आम राय तैयार करें-     

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में कारोबारी समुदाय से सरकार की खुदरा में एफडीआई जैसी ‘जन-विरोधी नीतियों’ के खिलाफ ‘आम राय’ बनाने को कहा है. महंगाई पर कार्यदल की एक बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आपको जमीनी स्तर से अपना संगठन तैयार करना चाहिए और बहु ब्रांड खुदरा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश जैसी जन विरोधी नीतियों के खिलाफ मजबूत आम राय बनाना चाहिए.’’

बनर्जी ने कहा कि केंद्र के खुदरा में एफडीआई की अनुमति से कारोबारी काफी ज्यादा प्रभावित होंगे. इससे पहले, मुख्यमंत्री ने कार्यबल की बैठक में मूल्यवृद्धि को लेकर हालात की समीक्षा की और व्यापारियों से सुनिश्चित करने को कहा कि खासकर पूजा के दिनों में कीमतें नियंत्रण से बाहर नहीं होनी चाहिए.