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कृषि पर खर्च होंगे डेढ़ लाख करोड़

पटना : सूबे में कृषि के विकास पर 2012 से 2017 तक एक लाख 52 हजार 511 करोड़ रुपये खर्च होंगे. मंगलवार को कृषि कैबिनेट की पांचवीं बैठक में कृषि रोड मैप के एजेंडे और खर्च होनेवाली राशि तय की गयी.

पांच वर्षो में 60 हजार करोड़ अतिरिक्त खर्च करने की सहमति बनी. साथ ही कृषि कैबिनेट में शिक्षा विभाग को भी शामिल कर लिया गया है. उच्च व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में कृषि की पढ़ाई के लिए सिलेबस तैयार करने और शिक्षकों की आवश्यकता का आकलन और नियुक्ति की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग को दी गयी है.

रिसोर्स मैनेजमेंट ग्रुप का गठन

बैठक के बाद विकास आयुक्त सह एपीसी अशोक कुमार सिन्हा ने कहा, 2012 से 2017 तक के लिए वार्षिक बजट भी तय कर दिये गये हैं. इस राशि से राज्य में इंद्रधनुषी क्रांति को साकार किया जायेगा. नौवीं से 12वीं तक कृषि की पढ़ाई होगी. इंटरमीडिएट में अब कृषि अलग संकाय होगा.

कृषि रोड मैप के तहत विभिन्न योजनाओं पर होनेवाले खर्च के लिए राशि की व्यवस्था के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में रिसोर्स मैनेजमेंट ग्रुप का गठन किया जायेगा. इसमें विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव व सचिव रहेंगे.

एक को किसान समागम

एक फरवरी को पटना में किसान समागम होगा. इसमें दो हजार किसान भाग लेंगे. विभिन्न फसलों के प्रगतिशील किसानों का चयन आत्मा और कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से जिलों में होगा. जिलों में पहले किसानों को कृषि रोड मैप की जानकारी दी जायेगी. उनसे राय ली जायेगी.

प्रत्येक जिले के दो-दो किसानों को फिर राज्यस्तरीय किसान समागम में कृषि रोड मैप पर विचार रखने का मौका दिया जायेगा. इसके बाद पंचवर्षीय रोड मैप को अंतिम रूप दिया जायेगा और इसे एक अप्रैल से लागू कर दिया जायेगा. कृषि रोड मैप के आधार पर अगले पांच वर्षो में धान का उत्पादन 56 लाख टन से बढ़ा कर 94 लाख टन करने का लक्ष्य है.

2022 में धान का उत्पादन 126 लाख टन करने का लक्ष्य है. गेहूं का उत्पादन 50 लाख टन से बढ़ा कर 2017 तक 65.75 लाख टन व 2022 में 74 लाख टन किया जाना है. मक्का का उत्पादन 19 लाख टन से बढ़ा कर 2017 में 63 लाख टन व 2022 में 90 लाख टन किया जायेगा.

अभी सभी फसलों का कुल उत्पादन 130 लाख टन है, जबकि 2017 में इसे 252 लाख टन किया जायेगा. 2022 में यह उत्पादन बढ़ा कर 325 लाख टन दिया जायेगा. अनाज, फल, सब्जी, दूध, अंडा आदि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं लागू की जायेंगी. किसानों को कई प्रकार की सुविधाएं दी जायेंगी.

कृषि रोड मैप लागू होने के साथ ही विभिन्न कृषि महाविद्यालय, वेटनरी एवं फिशरीज कॉलेज के छात्रों को छात्रवृत्ति की राशि मिलेगी. बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह.

शिक्षा मंत्री पीके शाही, पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह, सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह, भूमि सुधार एवं भू-राजस्व मंत्री रमई राम, योजना मंत्री नरेंद्र नारायण यादव, उद्योग मंत्री रेणु कुशवाहा, ग्रामीण कार्य मंत्री डॉ भीम सिंह, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक सहित कृषि कैबिनेट के अन्य मंत्री और संबंधित अधिकारी मौजूद थे.