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कैमरे का फ्लैश चला तो वनदेवता का उपहार समझ उखाड़ ले गए बैगा

वीरेन्द्र अग्निहोत्री/सिझौरा/मंडला। ट्रैप कैमरों से फ्लैश चली तो एक बैगा आदिवासी ने उसे वनदेवता की कृपा समझ ली। वह चर्मरोग से पीड़ित है और वनदेवता की कृपा में जंगल में निकला था। वनदेवता की कृपा मानकर उसने चार कैमरों को उखाड़कर अपने घर ले गया।

लेकिन जब उसकी बीमारी सही नहीं हुई तो वह वनदेवता की नाराजगी मान ली और दोबारा कैमरे रखने मौके पर पहुंचा। इधर, सेंसर कैमरे गायब होने पर पार्क प्रबंधन ने जबलपुर से डॉग स्क्वॉड बुला लिया। बुधवार को कैमरों की तलाश कर रहे पार्क प्रबंधन की गश्ती टीम ने उसे कैमरे के साथ पकड़ लिया। अब कैमरे उखाड़ने के जुर्म में उसकी आज कोर्ट में पेशी होगी।

छत्तीसगढ़ का रहने वाला, कैमरे रखने आया तो पकड़ा गया

पार्क प्रबंधन की पकड़ में आए बैगा आदिवासी छत्तीसगढ़ के बधोरा गांव का रहने वाला है। उसने अपना नाम पडरू बताया है। उसने पार्क प्रबंधन को बताया कि वह काफी समय से चर्मरोग से पीड़ित है। उसके मन में विचार आया कि जंगल जाए तो वन देवता कुछ कृपा कर देंगे। इसी धुन में वह मंगलवार को जंगल की ओर निकल गया। जंगल में जड़ी-बूटी खोजते-खोजते उसे पता नहीं चला कि वह कब मप्र के कान्हा नेशनल पार्क में पहुंच गया है। इसी बीच उसने महसूस किया कि कोई लाइट चमक रही है।

वह जब आगे बढ़ा तो फिर कैमरे में लगी फ्लैश चमकी। जिसे वह वन देवता समझ बैठा और वन देवता की कृपा मानकर 4 कैमरे उखाड़कर घर ले आया। घर में मंगलवार को रातभर कैमरों को रखने के बाद जब उसके चर्म रोग में अंतर नहीं आया तो वनदेवता की नाराजगी समझ वह दूसरे दिन बुधवार की सुबह कैमरों को लेकर फिर वापस उसी स्थान में रखने नीमपानी जंगल पहुंचा।

बाघ की लोकेशन के लिए लगे थे सेंसर कैमरे

दरअसल कान्हा नेशनल पार्क ने जंगली जानवरों की गणना व बाघ की लोकेशन के लिए सेंसर कैमरे लगा रखे हैं। नीमपानी बीट प्रभारी राकेश मरावी ने बताया कि वह जब बुधवार की सुबह गश्त कर रहे थे तब उन्होंने कैमरों की गिनती की, जिसमें चार कैमरे कम थे। उन्होंने तत्काल परिक्षेत्र अधिकारी को सूचना दी । सूचना के बाद परिक्षेत्र अधिकारी ने जबलपुर से डॉग स्क्वॉड भेज दिया। बुधवार शाम को गश्ती के दौरान मैदान में चार कैमरों के साथ आराम कर रहे पडरू बैगा को पकड़ लिया व उसके ऊपर वन अधिनियम के तहत मामला बना दिया।