Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/कोर्ट-ने-दिल्ली-और-केन्द्र-के-बीच-चल-रहे-शासन-विवाद-को-संविधान-पीठ-को-सौंपा-11280.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | कोर्ट ने दिल्ली और केन्द्र के बीच चल रहे शासन विवाद को संविधान पीठ को सौंपा | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

कोर्ट ने दिल्ली और केन्द्र के बीच चल रहे शासन विवाद को संविधान पीठ को सौंपा

उच्चतम न्यालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ आप सरकार की याचिकाओं को आज संविधान पीठ को सौंप दिया जिसमें कहा गया है कि दिल्ली एक राज्य नहीं है और इसका प्रशासनिक मुखिया उपराज्यपाल है। न्यायमूर्ति ए के सिकरी और न्यायमूर्ति आर के अग्रवाल की पीठ ने कहा कि इस मामले में कानून और संविधान से संबंधित महत्वपूर्ण सवाल निहित हैं और इसलिए इसका निर्णय संविधान पीठ को करना चाहिए।
 

हालांकि, पीठ ने इस मामले में संविधान पीठ के विचारार्थ मुददे तैयार नहीं किये और केन्द्र तथा दिल्ली सरकार से कहा कि वे वहद पीठ के समक्ष इस प्रकरण मे बहस करें। अब प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर इस प्रकरण की सुनवाई के लिये संविधान पीठ का गठन करेंगे। आप सरकार ने न्यायालय ने कहा कि वह इस मामले की वहद पीठ द्वारा शीघ्र सुनवाई के लिये प्रधान न्यायाधीश के समक्ष इसका उल्लेख करेंगे क्योंकि इस विवाद की वजह से दिल्ली में शासन प्रभावित हो रहा है।

 


दिल्ली सरकार ने दो फरवरी को शीर्ष अदालत से कहा था कि विधान सभा के दायरे में आने वाले सभी मामलों में उसे शासकीय अधिकार प्राप्त हैं और केन्द्र या राष्ट्रपति या उपराज्यपाल इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं। शीर्ष अदालत ने कहा था कि यह सही है कि निर्वाचित सरकार के पास कुछ अधिकार तो होने ही चाहिए परंतु क्या यह दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार होने चाहिए या फिर दिल्ली सरकार के दष्टिकोण के अनुसार, इस पर गौर करना होगा।

 

 


दिल्ली सरकार ने न्यायालय से यह भी कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के पास सार्वजनिक व्यवस्था, भूमि और पुलिस के अलावा वे सारे अधिकार हैं जो राज्य और समवर्ती सूचियों में शामिल हैं। दिल्ली सरकार का कहना था कि हम संविधान के अनुच्छेद 239एए के अंतर्गत प्रदत्त विशेष दजार् चाहते हैं। उसका कहना था कि यह बहुत सीमित विषय है परंतु इसकी व्याख्या की आवश्यकता है। हमें यह देखना होगा कि इस अनुच्छेद के तहत उपराज्यपाल की क्या सीमायें हैं। शीर्ष अदालत ने पिछले साल नौ सितंबर को उच्च न्यायालय के आठ अगस्त के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने से इंकार कर दिया था।