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खाद्य सुरक्षा मिशन में तिलहनी फसलें भी शामिल

खाद्य तेलों के उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए इन फसलों की पैदावार बढ़ाने पर भी फोकस होगा

सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) के तहत चावल, गेहूं और दलहन के बाद अब तिलहनों की पैदावार बढ़ाने पर जोर देगी। केंद्र सरकार ने 12वीं पंचवर्षीय योजना में एनएफएसएम में नेशनल मिशन ऑयल सीड ऑयल पाम (एनएमओओपी) को भी शामिल कर लिया है।

कृषि आयुक्त डॉ. जे एस संधू ने बिजनेस भास्कर को बताया कि देश में खाद्य तेलों की सालाना कुल खपत का करीब 50 फीसदी आयात करना पड़ता है। ऐसे में आयात पर निर्भरता कम करने के लिए एनएमओओपी को भी एनएफएसएम में शामिल किया गया है। एनएफएसएम के तहत जिस तरह से चावल, गेहूं और दलहन की पैदावार में बढ़ोतरी हुई है, उसी तरह से तिलहनों की पैदावार बढ़ाने पर भी जोर दिया जायेगा।

एनएफएसएम के तहत चयनित किए गए जिलों में किसानों को तिलहनों के प्रमाणित बीजों का वितरण किया जायेगा, जिससे प्रति हैक्टेयर पैदावार में बढ़ोतरी होगी। 12वीं पंचवर्षीय योजना में एनएफएसएम के तहत कुल 12,350 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। तिलहनों की प्रमुख फसल मूंगफली में सीड रिप्लेशमेंट की दर लगातार बढ़ रही है तथा चालू खरीफ में बढ़कर 33-34 फीसदी हो गई है।

उन्होंने बताया कि अनुकूल मौसम से चालू खरीफ में तिलहनों के बुवाई क्षेत्रफल में हुई बढ़ोतरी से खाद्य तेलों का उत्पादन बढऩे का अनुमान है जिससे खाद्य तेलों के आयात में करीब 8 से 10 फीसदी की कमी आने की संभावना है। खरीफ में मूंगफली और सोयाबीन के बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी हुई है।

हालांकि कुछेक क्षेत्रों में ज्यादा पानी से सोयाबीन की फसल की आंशिक नुकसान जरूर हुआ है लेकिन इसके बावजूद पैदावार पिछले साल से ज्यादा ही होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि राज्यों की मांग के अनुसार रबी में प्रमाणित बीजों की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में है, साथ ही इस बार खाद की किल्लत भी नहीं है।

इसलिए रबी सीजन में भी तिलहनों की बुवाई समय पर होने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में तिलहनों की बुवाई बढ़कर 191.64 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 169.81 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। मूंगफली की बुवाई पिछले साल के 37.78 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 42.59 लाख हैक्टेयर में हुई है।

सोयाबीन की बुवाई चालू खरीफ में रिकॉर्ड 122.20 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 106.83 लाख हैक्टेयर में हुई थी। मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2012-13 में 310.06 लाख टन तिलहनों का उत्पादन हुआ है। सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू तेल वर्ष के पहले 9 महीनों (नवंबर-12 से जुलाई-13) के दौरान 78.16 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हो चुका है।