Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/गंदा-पानी-और-बैक्टीरिया-से-बिजली-पैदा-कर-जलाया-बल्ब-11618.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | गंदा पानी और बैक्टीरिया से बिजली पैदा कर जलाया बल्ब | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

गंदा पानी और बैक्टीरिया से बिजली पैदा कर जलाया बल्ब

रायपुर। राज्य में तेजी से बढ़ते औद्योगिकीकरण के बीच निकल रहे गंदे जल को संभालना, उसका उपचार और निपटान करना सरकार के लिए चुनौती है। ऐसे में पं. रविशंकर शुक्ल विवि के बायो टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट ने इसके इस्तेमाल का अनोखा फॉर्मूला खोजा है।

 

गंदे पानी में पनप रहे बैक्टीरिया में ऐसे इलेक्ट्रो बैक्टीरिया की खोज करके जैव बिजली उत्पन्न की है, जो कम लागत में महीनों तक बिजली पैदा करता है। विभाग ने चार साल के रिसर्च के बाद सफलता पाई है।

 

यहां एक लीटर औद्योगिक गंदे जल का इस्तेमाल करके 90 यानी तीन महीने से लगातार 4 वोल्ट और 58 दिन से 12 वोल्ट का एलईडी बल्व जल रहा है। रिसर्चकर्ता इस बिजली से मोबाइल भी चार्ज कर रहे हैं। अब बिजली की क्षमता बढ़ाने पर काम किया जा रहा है।

 

रिसर्च करने वालों में बायो टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. एसके जाधव, यूजीसी स्कॉलर रीना मेश्राम, डीबीटी स्कॉलर अलका कौशिक शामिल हैं। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय जनरल में यह रिसर्च प्रकाशित भी हो चुका है।

 

इनके लिए ज्यादा उपयोगी

राज्य में 70 हजार से अधिक ऐसी बसाहटें हैं, जहां आज तक बिजली नहीं पहुंची है। ऐसे में इन जगहों पर उजाला किया जा सकता है। अभी एक सौर ऊर्जा सिस्टम लगाने के लिए अब एक बार में ही 60 हजार रुपए खर्च आता है।

 

क्रेडा (अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण) ने घरों में सोलर पावर प्लांट लगाने पर 40 फीसदी सब्सिडी देता है। इसके तहत एक लाख रुपए में लगने वाला एक किलोवॉट का सोलर प्लांट मात्र 60 हजार रुपए में किसी के भी घर पर लग जाएगा।

 

ऐसे करता है काम

रिसर्चकताओं ने 650 एमएल के बेलनाकार प्लास्टिक पात्र का इस्तेमाल करके एक एनोड और कैथोड की सिरीज बनाई। इसमें एनोड वाले सेल में उद्योग से निकला गंदा पानी डाला। इसी में बैक्टीरिया भी डाले गए।

 

दूसरी तरफ दूसरे पात्र में कैथोड बनाया और बफर सॉल्यूशन बनाया। इन दोनों पात्र के बीच ब्रिज बनाया। अब इसमें जो बैक्टीरिया हैं, वे गंदे पानी में मौजूद कार्बनिक तत्वों को अपघटित करके बिजली में बदलने लगे।

 

हो सकता है कमर्शियल इस्तेमाल

रिसर्चकर्ताओं का दावा है कि कामार्शियल इस्तेमाल के लिए माइक्रोबियल फ्यूल सेल को विकसित करके यांत्रिकी विधि में परिवर्तित किया जा सकता है। यह सौर ऊर्जा से काफी सस्ता है। इसमें मेंटेनेंस भी नहीं है। भविष्य में घर से निकलने वाले गंदे पानी में भी इस पर प्रयोग करने की तैयारी है। अभी शुरुआत है बाद में इसे बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

 

इन इलाकों के गंदे पानी पर प्रयोग

चार साल से रिसर्चकर्ताओं ने उरला-सिलतरा और गुढ़ियारी के राइस मिल से निकले वाले गंदे पानी का इस्तेमाल में आसपास के वातावरण से कुछ बैक्टीरिया खोजा। इनमें कुछ बैक्टीरिया ऐसे निकले, जो कि इलेक्ट्रो रहे यानी इन बैक्टीरिया है। ये बैक्टीरिया कार्बनिक पदार्थों का विघटित करके बिजली उत्पन्न करते हैं।

 

- अभी यह रिसर्च की शुरुआत है। चार साल में हमने ऐसे बैक्टीरिया को खोजा है, जो गंदे औद्योगिक जल में बिजली उत्पादित करने के लिए काम करता है। - डॉ. एसके जाधव, एचओडी, बायो टेक्नोलॉजी, पं .रविवि