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गांवों के लिए काफी कुछ करना है बैंकों को

नई दिल्ली। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने पर जोर देते हुए बैंकों से कहा है कि उन्हें इस दिशा में अभी लंबा सफर तय करना है। सार्वजनिक क्षेत्र के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के 100 वर्ष [1911 से 2011] पूरे होने के अवसर पर बीती रात आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि 2000 से अधिक आबादी वाले गावों तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने के सरकार के वित्तीय समावेशी कार्यक्रम की सफलता के लिए बैंकों को लंबी यात्रा करनी है।

उच्च आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए यह जरूरी है। मुखर्जी ने कहा कि बैंकों को अभी काफी कुछ करना है। ग्रामीण भारत की मात्र 40 प्रतिशत आबादी तक ही बैंकिंग सुविधाएं पहुंची हैं, जबकि 73 प्रतिशत किसान परिवारों की संस्थागत वित्तीय तंत्र तक पहुंच नहीं बन पाई हैं। उन्होंने साफ कहा कि वित्तीय समावेश को मिशन के तौर पर लेकर, बैंकों को ग्रामीण भारत में काम करना चाहिए। वित्त मंत्री ने इससे पहले सेंट्रल बैंक के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में राशि दान करने के लिए बैंक की ऑनलाइन सुविधा का बटन दबाकर शुभारंभ किया।

समारोह में ही सेंट्रल बैंक की ऑनलाइन सुविधा के जरिए 11,00,000 रुपये प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में भेज दिए गए। इसके अलावा राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्र में एक वित्तीय साक्षरता एवं साख परामर्श केंद्र की भी शुरुआत की गई। वित्तीय सेवा विभाग में सचिव डीके मित्तल ने सेंट्रल बैंक की ग्राहक सेवा क्षेत्र में उपयोग में लाई जा रही उन्नत प्रौद्योगिकी की सराहना की और कहा कि बैंक ने ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशी लक्ष्यों को हासिल करने में उल्लेखनीय कार्य किया है।

उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक देश का नेटवर्क के लिहाज से तीसरा और कारोबार के लिहाज से छठा बड़ा बैंक है। सेंट्रल बैंक की स्थापना सर सोराबजी पोचखानवाला ने दिसंबर 1911 में की थी। देश के स्वदेशी आदोलन के समय बैंक की स्थापना की गई थी इसलिए उस समय इसका नाम 'स्वदेशी बैंक' रखा गया था। वित्त मंत्री ने इस अवसर पर सेन्ट्रल बैंक के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशकों और कार्यकारी निदेशकों और लंबे समय से बैंक से जुड़े ग्राहकों को फूल और शॉल भेंट कर सम्मानित किया। वित्त राज्य मंत्री नमोनारायण मीणा भी इस अवसर पर उपस्थित थे। बैंक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मोहन वी. टाकसाले ने कहा कि बैंक ने 100 वर्ष के कार्यकाल में कई अहम पड़ाव हासिल किए हैं। बैंक की शाखाओं की संख्या करीब 4,000 तक पहुंच गई है। देश के 50 जिलों में बैंक को लीड बैंक बनाया गया है। उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक आज 100 वर्ष का युवा बैंक है।