Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/गृह-मंत्रालय-द्वारा-1964-के-विदेशी-न्यायाधिकरण-आदेश-में-किए-गए-बदलावों-का-अर्थ-क्या-है-13503.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | गृह मंत्रालय द्वारा 1964 के विदेशी न्यायाधिकरण आदेश में किए गए बदलावों का अर्थ क्या है? | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

गृह मंत्रालय द्वारा 1964 के विदेशी न्यायाधिकरण आदेश में किए गए बदलावों का अर्थ क्या है?

नई दिल्ली: 30 मई को गृह मंत्रालय ने विदेशी (न्यायाधिकरण) आदेश, 1964 के कुछ प्रावधानों में संशोधन करने संबंधी एक अधिसूचना जारी की. सुर्खियों में रही इस खबर ने सीमा के आर-पार प्रवासी और ‘विदेशी' करार दिए गए व्यक्ति को देश से बाहर करने की प्रक्रिया (डिपोर्ट) को लेकर सवालों को जन्म दिया है.

1964 के आदेश में क्या कहा गया था और यह हालिया संशोधन उसमें कैसे बदलाव लाता है और लोगों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा? द वायर ने इसका विश्लेषण किया है.

केंद्र सरकार ने विदेशी अधिनियम, 1946 की धारा तीन में दिए गए अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए ने विदेशी (न्याधिकरण) आदेश, 1964 की घोषणा की थी. हालांकि, 23 सितंबर, 1964 को गृह मंत्रालय की तरफ से जारी किया गया यह आदेश पूरे देश में लागू होता था, लेकिन यह वास्तव में असम राज्य को ध्यान में रखकर तैयार किया गया था.

1961 की जनगणना पर भारत के रजिस्ट्रार जनरल ने यह कहा था कि पूर्वी पाकिस्तान से 2,20,691 घुसपैठिये असम में दाखिल हो गए हैं. इस तथ्य की तस्दीक खुफिया रिपोर्ट्स द्वारा भी की गई थी.

यह देखते हुए इस सीमावर्ती राज्य में ऐसे घुसपैठियों की पहचान करने और उन्हें देश से बाहर करने के लिए 1962 में एक पुलिस अभियान की शुरुआत की गई, जिससे हंगामा खड़ा हो गया. राज्य के मुस्लिम समुदाय के कई प्रभावशाली कांग्रेसी नेताओं ने यह कहते हुए इसका विरोध किया कि इस प्रक्रिया में कई वैध नगारिकों को भी डिपोर्ट किया जा रहा है.

असम सरकार द्वारा विदेशियों के मामले में 2012 में जारी किए गए एक श्वेत पत्र के मुताबिक उस समय पाकिस्तान सरकार ने इस मसले पर संयुक्त राष्ट्र जाने की धमकी दी थी. 1965 की जंग से पहले उस समय दोनों मुल्कों के बीच तनाव बढ़ रहा था.

इस हालात को देखते हुए केंद्र सरकार ने व्यवस्था दी कि ऐसे व्यक्ति को डिपोर्ट करने से पहले न्यायिक प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ेगा. इस तरह से न्यायाधिकरण आदेश अस्तित्व में आया.

द वायर हिन्दी पर प्रकाशित इस कथा को विस्तार से पढ़ने के लिएयहां क्लिक करें