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गैस पीड़ितों को 1,500 करोड़

नयी दिल्ली/भोपाल। भोपाल गैस त्रासदी में मारे गए लोगों के परिजनों तथा विकलाग हुए लोगों के लिए मुआवजे की रकम को बढ़ाते हुए मंत्रियों के समूह ने सोमवार को 1,500 करोड़ रुपये के पैकेज पर अंतिम फैसला किया है। केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह ने पीड़ितों को राहत तथा उनके पुनर्वास सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया था। माना जाता है कि इस समूह ने करीब 26 वर्ष पहले हुई विश्व की बदतरीन औद्योगिक त्रासदी में मारे गये लोगों के परिजन के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे का भुगतान करने की सिफारिश की है।

त्रासदी के दौरान मिथाइल आईसोसाइनेट गैस के रिसाव के कारण स्थायी रूप से विकलाग हुए या फिर गंभीर रूप से बीमार पड़े लोगों को पाच लाख, जबकि आशिक रूप से विकलाग हुए लोगों को तीन लाख रुपये का मुआवजा मिलने की संभावना है।

यह सब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक रिपोर्ट के जरिये समूह द्वारा की गयी सिफारिशों में शामिल है। इस रिपोर्ट पर शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में विचार किया जायेगा।

सूत्रों ने कहा कि मंत्रिसमूह ने जो प्रमुख सिफारिशें की हैं, उनमें यूनियन कार्बाइड के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी वॉरेन एंडरसन के प्रत्यर्पण तथा मामले में आरोपियों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में कम सख्त धाराएं तय होने के खिलाफ क्यूरेटिव याचिका दायर करने के मकसद से नये सिरे से कोशिशें की गयी हैं।

माना जाता है कि मंत्री समूह ने भोपाल स्थित संयंत्र स्थल पर जहरीली सामग्री को वहीं दफनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। यह काम मध्य प्रदेश सरकार करेगी, जिसमें केंद्र सरकार वित्ताीय तथा तकनीकी मदद मुहैया कराएगी। सूत्रों ने कहा कि 300 करोड़ रुपये जहरीले कचरे को साफ करने के इस काम के लिए रखे जाएंगे। यह भी माना जाता है कि मंत्री समूह ने त्रासदी के बाद गठित भोपाल मेमोरियल ट्रस्ट अस्पताल का नियंत्रण लेने का भी पक्ष लिया है। इसके आधुनिकीकरण पर 230 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

भोपाल गैस त्रासदी के बाद कुल 5,295 लोगों की जान गई थीं, जबकि त्रासदी के बाद के महीनों में विभिन्न बीमारियों के चलते 10,9047 लोगों की मौत हो गई थी। प्रभावित हुए 5,60,000 लोगों में से करीब 37,000 स्थायी रूप से विकलाग हो गए थे।

गैस पीड़ित संगठनों ने मुआवजा राशि को अपर्याप्त बताया

भोपाल । भोपाल गैस त्रासदी को लेकर कार्यरत गैस पीड़ित संगठनों ने जहां मंत्री समूह द्वारा गैस पीड़ितों के लिए किए गए मुआवजे के प्रस्ताव को अपर्याप्त बताया, वहीं वर्ष 1996 में उच्चतम न्यायालय द्वारा धाराएं कम किए जाने के फैसले के खिलाफ याचिका दायर किए जाने के निर्णय पर संतोष व्यक्त किया है।

भोपाल गु्रप फार इंफार्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने आज कहा कि मंत्री समूह द्वारा गैस कांड में मृत व्यक्तियों के परिजनों को दस लाख रुपए दिए जाने के निर्णय का लाभ मात्र 5283 लोगों को ही मिल पाएगा जबकि पूर्ण रूप से विकलांग हुए लोगों को पांच लाख रुपए देने के निर्णय का लाभ भी केवल 37 हजार लोगों को ही मिलेगा और 94 प्रतिशत लोगों को न्यूनतम मुआवजा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसमें से भी पूर्व में दिया गया मुआवजा काट लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि यूनियन कार्बाइड परिसर में फैले विषाक्त कचरे को भारत सरकार को स्वयं साफ करने के स्थान पर इसकी जिम्मेदारी डाउ केमिकल्स पर डालकर उसका दायित्व तय किया जाना चाहिए।

इसी संगठन के सतीनाथ षडंगी ने कहा कि एंडरसन के प्रत्यर्पण के साथ साथ यूनियन कार्बाइड यूएसए तथा यूनियन कार्बाइड हांगकांग को भी भारत लाया जाना चाहिए।

भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के संयोजक अब्दुल जब्बार ने भी मुआवजे की राशि को अपर्याप्त बताते हुए कहा कि मुआवजा बांटने की यदि वही पुरानी प्रक्रिया अपनाई गई तो इसके वितरण में लंबा समय लगेगा।

जब्बार ने इस बात पर भी असंतोष जताया कि मंत्री समूह ने मात्र भोपाल मेमोरियल अस्पताल के बारे में ही विचार किया जबकि राज्य सरकार द्वारा गैस पीड़ितों के लिए संचालित अन्य अस्पतालों की हालत तो भोपाल मेमोरियल से भी खराब है।

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार मंत्री समूह ने आर्थिक सामाजिक और पर्यावरण सुधार पर भी मौन साध लिया है जबकि इन्हें भी शामिल किया जाना चाहिए था।

जब्बार ने कहा कि यूनियन कार्बाइड परिसर में पडे़ जहरीले कचरे को हटाने के लिए डाउ केमिकल्स पर आर्थिक दंड और आराधिक प्रकरण दायर कर उसे भारत लाया जाना चािहए।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी ने मंत्री समूह द्वारा की गई सिफारिशों को संतोषप्रद बताते हुए कहा कि उन्होंने 16 जून को चिदंबरम को लिखे पत्र में जो मांगे की थी उनमें से अधिकांश को मान लिया गया है।

मा‌र्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव बादल सरोज ने मंत्रियों के समूह द्वारा की गई मुआवजे व जहरीले कचरे की सफाई संबंधी घोषणाओं को अपर्याप्त और अधूरी बताया। उन्होंने कहा कि मुआवजे में कथित रुप से बढ़ाई गई राशि का निर्धारण बिना किसी तार्किक आधार पर किया गया है और पुरानी गलती दोहराई गई है।