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ग्रामीण इलाकों में फिर से दिखाई देने लगे परिंदे

लुधियाना। पंजाब में हरित क्राति के बाद कृषि मित्र पक्षियों की संख्या में अचानक कमी हो गई। कारण था छायादार पेड़ों की संख्या में कमी और कमाई के लिए लगाए गए नुकीले पेड़ों पर घोंसलों का असुरक्षित होना। इसी के चलते गटार, लालड़ी , छोटी चिड़िया (हाउस स्पैरो), चक्कीराहा (हुप्पू), कठफोड़वा (वुडपेकर), नीलकंठ (ब्ल्यू जे), छोटा व बड़ा उल्लू जैसे पक्षियों की संख्या लगातार कम होने लगी।

हालाकि, इसके पीछे और भी कई महत्वपूर्ण कारण थे। ऐसे में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की परियोजना ने कुछ रंग दिखाया और ये परिंदे फिर ग्रामीण इलाकों में दिखाई देने लगे। आईसीएआर ने अपनी रिपोर्ट में वर्षो पहले ही यह बता दिया था कि प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में गिद्ध, चील आदि कभी-कभार ही देखने को मिलते हैं।

इस सरकारी कृषि विज्ञान संगठन ने कृषि मित्र पक्षियों की कम होती संख्या पर नियंत्रण पाने के लिए एक परियोजना शुरु की। हर किसान पर 20 हजार रुपये का कर्ज वाले इस विकसित सूबे में परियोजना की कमान पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (पीएयू) की पक्षी विज्ञानी डा. तेजदीप कौर को सौंपी, जिसके बेहतर परिणाम अब दिखाई देने लगे हैं। वह बताती हैं, ये पक्षी कृषि मित्र हैं और पर्यावरण संतुलन के लिए बेहद जरूरी हैं।

आईसीएआर ऑल इंडिया नेटवर्क आन एग्रीकल्चर ओरनाथोलॉजी प्रोजेक्ट के अंतर्गत पक्षी विज्ञानियों ने परीक्षण के तौर पर गाव, शहर व खेत-खलिहान में लकड़ी के घोंसले लगाए थे। शुरु-शुरू में तो पक्षियों ने इनको तवज्जो नहीं दी। अब वे इनमें अंडे भी दे रहे हैं। प्रजनन भी कर रहे हैं। डा. तेजदीप कौर के अनुसार, पहली बार वर्ष 2001 में लड़की के घोंसले लगाए गए थे। उस समय तो किसी भी प्रजाति के परिंदे को यह नहीं भाए थे। बाद में इनको सबसे पहले अपनाने में मैना प्रजाति के पक्षियों ने पहल की। अब इन्हें नीलकंठ, कठफोड़वा, छोटा उल्लू, कालर वाला उल्लू आदि ने भी अपना लिया है। वे इनमें प्रजनन भी कर रहे हैं, जो भविष्य के लिए सुखद संकेत हैं। वे लकड़ी के इन घोंसलों में घास-फूस का ही बिस्तर लगा रहे हैं।

इस तरह के घोंसले बठिंडा कपास पट्टी क्षेत्र से लेकर लुधियाना जिले के ग्रामीण व शहरी इलाकों में लगाए गए हैं। हर जगह पक्षियों ने इन्हें अपनाया है। डा. तेजदीप कहती हैं, पक्षियों को पटाने का यह प्रयोग बेहद सफल रहा। आईसीएआर को उन्होंने सफलता की रिपोर्ट भी सौंप दी है।