Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/ग्रेनो-हाईकोर्ट-ने-किया-जमीन-अधिग्रहण-रद्द-चंदौली-में-किसानों-ने-सजाईं-चिताएं-विजय-उपाध्याय-3573.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | ग्रेनो: हाईकोर्ट ने किया जमीन अधिग्रहण रद्द, चंदौली में किसानों ने सजाईं चिताएं- विजय उपाध्याय | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

ग्रेनो: हाईकोर्ट ने किया जमीन अधिग्रहण रद्द, चंदौली में किसानों ने सजाईं चिताएं- विजय उपाध्याय

लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महीने में लगातार अपने तीसरे आदेश में ग्रेटर नोएडा में तत्काल महत्व की औद्योगिक जरूरतों के नाम पर 170 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण रद्द कर दिया है। इस बार दादरी तहसील के गुलिस्तापुर के 550 किसानों को राहत मिली है। सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुनील अंबवानी व न्यायमूर्ति केएन पांडेय की खंडपीठ ने 58 याचिकाओं पर सुनवाई के बाद 2007-08 में ग्रेटर नोएडा के अधिग्रहण की अधिसूचना को रद्द कर दिया है।

याचिकाओं में किसानों ने आरोप लगाया था कि अधिग्रहण की कार्रवाई में उनको सुनवाई का मौका नहीं दिया गया। इसके साथ ही तात्कालिक महत्व की औद्योगिक जरूरत के लिए भूमि लेने के बावजूद कई सालों बाद भी कोई उद्योग नहीं लगाया गया। इसके पहले हाईकोर्ट ने शाहबेरी गांव में 156 हेक्टेयर और सूरजपुर गांव में 73 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण को भी अवैध करार दिया था।

बिजली और पानी को लेकर प्रदर्शन
सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के भट्टा पारसौल गांव में जबरन भूमि अधिग्रहण और आंदोलनकारी किसानों के साथ कथित ज्यादतियों की सीबीआई जांच से संबंधित याचिका स्वीकार करने से इनकार कर दिया। न्यायाधीश जीएस सिंघवी और सीके प्रसाद की बेंच ने सोमवार को याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाइकोर्ट जाने को कहा। अदालत ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट इस मामले में पहले ही संज्ञान ले चुका है।

याचिकाकर्ता किसानों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता यूयू ललित ने अदालत के समक्ष दलील रखी कि मामले को शीर्ष अदालत द्वारा देखने की जरूरत है। क्योंकि इससे भट्टा पारसौल में बेघर कर दिए गए हजारों किसानों का जीवन और आजीविका जुड़ी हुई है। उनके जीवन पर लगातार खतरा बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की जरूरत है क्योंकि वहां सरकारी तंत्र ने भूमि अधिग्रहण करने के बाद कथित तौर पर आतंक राज कायम कर रखा है। ललित ने कहा, भूमि अधिग्रहण अधिनियम की धारा 17 के तहत बहुत आवश्यक होने पर ही भूमि का अधिग्रहण किया जा सकता है, जबकि वहां ऐसी कोई स्थिति नहीं थीं। किसानों ने जब इसका प्रतिरोध किया तो उनके साथ हिंसक ज्यादतियां कीं गईं।

किसानों ने सजाईं एक दर्जन चिताएं

वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा गोधना गांव के किसानों की 121 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किए जाने की सूचना से किसान आंदोलित हैं। धरना पर बैठे किसानों ने जमीन लिए जाने पर करीब एक दर्जन चिताएं सजा कर आत्मदाह का ऐलान किया है। सरकार सांस्कृतिक शहर बसाने के नाम पर वाराणसी विकास प्राधिकरण की ओर से कटेसर गांव के किसानों की जमीन का अधिग्रहण करना चाहती है।

चंदौली के जिलाधिकारी विजय कुमार त्रिपाठी ने कहा कि जबर्दस्ती कहीं भी जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा। किसानों की जमीन की खरीद बिक्री पर शासन स्तर से कोई रोक भी नहीं लगाई गई है।