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चक्रव्यूह के जरिए मलेरिया से निपटने की तैयारी

भोपाल। मलेरिया पर नियंत्रण पाने के लिए मलेरिया विभाग ने नई रणनीति तैयार की है। यह तरीका कारगर रहा तो राजधानी में मच्छरों का सफाया करने व मलेरिया की रोकथाम में काफी सहूलियत मिल सकती है। साथ ही डेगू व चिकनगुनिया से भी पार पाने में मलेरिया विभाग को आसानी होगी। इस नीति में मलेरिया प्रभावित घर के आसपास के घरों में सर्वे कर सभी मलेरिया रोधी उपाय किए जाएंगे।

सरकार मलेरिया की रोकथाम के लिए हर साल लाखों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन मलेरिया, चिकनगुनिया व डेंगू से पार पाना उसके लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। इसकी वजह यह है कि शहर में जिस तेजी से मच्छरों की संख्या बढ़ती है, उसके अनुसार संसाधन नहीं है। राजधानी की आबादी और क्षेत्र भी लगातार बढ़ रहा है। मलेरिया और डेंगू के मामले भी साल दर साल बढ़ रहे हैं, लेकिन लाख प्रयास के बाद भी मच्छर जनित बीमारियों पर लगाम नहीं लग पा रही है। मलेरिया विभाग ने अब मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया से लड़ाई लड़ने की नई रणनीति बनाई है। सर्वे के बाद जिस घर में मलेरिया पीड़ित मरीज मिलेगा उसके आसपास के चालीस घरों में मलेरिया विभाग का अमला लार्वा सर्वे करेगा। साथ ही गंबूसिया मछली, पाइरेथ्रम स्प्रे व मच्छरदानी सहित अन्य जरूरी उपायों का प्रचार प्रसार किया जाएगा। जरूरी होने पर टेमोफास का छिड़काव भी किया जाएगा। ऐसा इसलिए कि मलेरिया फैलाने वाला मच्छर मादा एनोफिलीज व डेंगू व चिकनगुनिया का मच्छर एडीज एक व्यक्ति को काटने के बाद ज्यादा दूर नहीं जाता है। वह आसपास के घरों में ही मौजूद रहता है और अन्य लोगों को भी संक्रमित करता है। हालांकि मादा एनोफिलीज अधिकतम तीन किमी व एडीज पांच सौ मीटर तक जा सकता है। मलेरिया विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस उपाय से मच्छर जनित बीमारियों को रोकने में काफी सफलता मिल सकती है। इन बीमारियों से लड़ने के लिए प्रदेश में इस तरह की रणनीति पहली बार बनाई गई है। हालांकि इसमें बड़े पैमाने पर कर्मचारियों व बजट की जरूरत होगी।

सरकारी दफ्तरों में मौजूद है मच्छरों की फैक्ट्री

मलेरिया व डेंगू का सबसे ज्यादा खतरा सरकारी दफ्तरों में काम करने वालों को है। इसकी वजह यह कि इन दफ्तरों में मौजूद कूलरों में भारी संख्या में लार्वा पाया जाता है। मलेरिया विभाग के एक सर्वें में चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। सतपुड़ा भवन व विंध्याचल के एक कूलर में करीब पंद्रह हजार लार्वा पाया गया।

[पिछले साल के आकड़े]

बीमारी पाजिटिव मौत

मलेरिया 5062 1

डेंगू 323 1

मलेरिया के स्लाइड बने- 4 लाख 11 हजार