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चार दिन तक नहीं मिला खाना, पहाड़ी कोरवा की भूख से मौत

बगीचा (निप्र) पत्नी का इलाज कराने के लिए सन्ना गए एक पहाड़ी कोरवा की चार दिन तक खाना नहीं मिलने से मौत हो गई। पत्नी की आंख का इलाज कराने के लिए उसे सन्ना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उसे चार दिन रुकना पड़ा। इस दौरान उन्हें खाना नहीं मिला। चार दिन बाद अपने गांव लेदरापाठ लौटने लगे। शाम हो जाने की वजह से वे खुंटाटांगर बस्ती के पास एक मिर्ची बगान में बनी झोपड़ी में रूक गए। सुबह पहाड़ी कोरवा लंबूराम की मौत हो चुकी थी।

मृतक की पत्नी ने बताया कि सन्नाा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उन्होंने खाना की मांग की थी परन्तु वहां खाना की व्यवस्था नहीं होने की बात कही गई। पैसे नहीं होने के कारण लंबूराम चार दिन तक कुछ भी नहीं खाया था। इस कारण लंबूराम हो गया था। इसी वजह से उसकी मौत हो गई। इधर, इस खबर से प्रशासन में हड़कंप मच गया है, लेकिन प्रशासनिक अफसर खाना नहीं मिलने की वजह से मौत होने की पुष्टि नहीं कर रहे हैं।

मामला जशपुर जिले के बगीचा विकासखण्ड का है। बगीचा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत के तहत लेदरापाठ स्थित है। यहां लंबूराम उपर्ᆬ कलिया अपनी पत्नी सुकनी के साथ निवास करता था। पत्नी सुकनी की आंखों में समस्या थी। वो ठीक से देख नहीं पाती थी। करीब 20- 25 दिन पहले लंबूराम पत्नी को लेकर इलाज कराने ग्राम सन्ना स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गया था। ग्राम सन्ना, लेदरापाठ से 6 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए घना जंगल पार करना होता है। इलाज के लिए पहाड़ी कोरवा पत्नी के साथ चार दिनों तक वहां रुका था। चौथे दिन शाम को दोनों ने वहां से वापसी की।

लेदरापाठ लौटने के दौरान वे खुंटाटांगर बस्ती के पास एक मिर्ची बगान मे बनी झोपड़ी में रूक गए। पति, पत्नी भूख से बेहाल हो गए थे। किसी तरह रात झोपड़ी में गुजारी। सुबह उसने पति को मरा हुआ पाया। मृतक की पत्नी ने नईदुनिया के बगीचा संवाददाता को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य केन्द्र में डाक्टरों से खाना मांगा गया था। डाक्टरों ने खाना उपलब्ध नहीं होने की जानकारी दी। चूंकि उसे दिखाई नहीं देता था इसलिए उसके द्वारा खाने की व्यवस्था नहीं की जा सकी।

वे आर्थिक तौर पर सक्षम नहीं थे, इसलिए भोजन का व्‍यवस्‍था नहीं कर सके। सुकनी के अनुसार चार दिनों तक भोजन नहीं मिल पाने के कारण उसका पति कमजोर हो गया था और गांव वापसी करने के दौरान उसकी मौत हो गई। सुकनी पति के अंतिम संस्कार के बाद अपनी बहन के यहां खजरीकोना हर्राडीपा आ गई। जहां वो फिलहाल निवास कर रही है।

इलाज के लिए पति पत्नी सन्ना अस्पताल गए हुए थे। जहां से वापसी के दौरान लंबूराम की मौत हुई है। मामले में जानकारी एकत्रित की जा रही है,जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि मौत कैसे हुई। - प्रेम पटेल, एसडीएम, बगीचा

पाहड़ी कोरवा दंपति के दो दिनों तक सन्ना में रहने की जानकारी मिली है। लंबूराम पत्नी की आंखों के इलाज के लिए वहां गया था, लेकिन अस्पताल में उसे भर्ती नहीं किया गया था। मामले में जानकारी मांगी गई है। -डॉ. बीबी बोर्डे, सीएमएचओ, जशपुर