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चिमनी कैसे ढही न्यायिक जांच शुरू

कोरबा. जस्टिस बख्शी ने निरीक्षण उपरांत कहा घटना की पूरी पारदर्शिता व निष्पक्षता के साथ जांच होगी। साथ ही सही समय पर जांच रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत कर दी जाएगी। चिमनी हादसे में मृत मजदूरों के प्रति संवेदना जताते हुए उन्होंने कहा घटना काफी दु:खद है। यह बातें श्री बख्शी ने सीएसईबी के वीआईपी गेस्ट हाउस में पत्रकारों से चर्चा में कहीं।


उन्होंने कहा घटना की जांच में चिमनी के गिरने के प्रमुख कारण व दोषियों का पता लगाना मुख्य बिंदु है। जज का काम देखने व सुनने के अलावा सभी पक्षों का तर्क जानने के बाद निर्णय करना होता है। जस्टिस बख्शी ने कहा कि जिसे भी इस घटना के बारे में जानकारी है वे सभी आयोग के समक्ष अपना पक्ष रख सकते हैं। जरूरत होने पर जांच के बिंदु भी बढ़ाए जाएंगे, ताकि गलती व अनियमितता का खुलासा हो सके।


सभी पक्षकारों को अपना पक्ष रखने के लिए अवसर दिया जाएगा। हालांकि उनका जिम्मा न्यायिक जांच है फिर भी पुलिस जांच को भी वे इसमें शामिल करेंगे। आम लोग लिखित या मौखिक जानकारी जांच आयोग के सचिव पी निहलानी के कार्यालय में दे सकते हैं। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि जांच दल में एक, दो या तीन सदस्य होने पर कोई फर्क नहीं पड़ता।


जरूरत होने पर तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी। तीन माह का समय जांच के लिए पर्याप्त है, पर इसमें सबका सहयोग भी उतना ही जरूरी है। प्रत्यक्षदर्शी या घटना के दौरान कार्य कर रहे लोग जांच के दौरान अपना पक्ष रखने के लिए उपस्थित नहीं हो पाने की स्थिति में जांच प्रभावित होने के संबंध में जस्टिस श्री बख्शी ने कहा कि यह सब काल्पनिक बातें हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।


विभिन्न एजेंसी या संस्थानों द्वारा दिए जा रहे कथित कारणों पर रोक लगाने के संबंध में उन्होंेने कहा कि किसी को रोका नहीं जा सकता। लेकिन हमारी जांच के दौरान जो तथ्य व साक्ष्य सामने आएंगे उसके आधार पर रिपोर्ट तैयार होगी। इसके पहले जस्टिस बख्शी ने बालको विस्तार संयंत्र परिसर में स्थित घटनास्थल का निरीक्षण कर कलेक्टर अशोक अग्रवाल व एसपी रतनलाल डांगी से हादसे की जानकारी ली।


इस दौरान उन्होंने मृत मजदूरों को श्रद्धांजलि दी। यहां से वे कलेक्टोरेट पहुंचे और आयोग के सचिव पी निहलानी के कक्ष का निरीक्षण करने के बाद स्टाफ की जानकारी ली। उनके साथ एडिशनल एसपी टीआर कोसिमा, एसडीएम रामजी साहू, सीएसपी जेआर ठाकुर, तहसीलदार राजेन्द्र गुप्ता सहित अन्य अधिकारी थे। उल्लेखनीय है कि 23 सितंबर को बालको की निर्माणाधीन चिमनी ढहने से 41 मजदूरों की मौत हो गई थी।


मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए थे। राज्य सरकार ने एक सदस्यीय जांच आयोग गठित कर रायपुर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश संदीप बख्शी को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। जांच की अवधि तीन माह निर्धारित है।