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चीनी मिलें समय से न चलीं तो बर्बाद हो जाएंगे गन्ना किसान

गोरखपुर-बस्ती मंडल के गन्ना किसान इस बार दोहरे संकट में हैं। मिलों के चलने को लेकर ऊहापोह के बीच सूखे के हालात में फसल बचाए रखने की चुनौती भी है। मिलें समय से (नवंबर अंतिम सप्ताह) न चलीं तो किसान बर्बाद हो जाएंगे।

आमतौर पर मिलों के चलने के चार महीने पहले से ही गन्ने की सिंचाई की जरूरत नहीं रहती थी। लेकिन जून से लेकर अब तक अच्छी बारिश नहीं होने से गन्ने को सिंचाई की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में लागत बढ़ेगी और प्रति क्विंटल पैदावार घट जाएगी। कैम्पियरगंज के सोनौरा बुजुर्ग गांव के गन्ना किसान राम वृक्ष सिंह व कुनवार के किसान कैलाश सिंह कहते हैं कि गन्ने की खेती करके इस बार फंस गए हैं। जिले की चीनी मिलें अरसे से बंद पड़ी हैं।

अन्य जिलों की मिलों को गन्ना भेजते हैं। लेकिन उनके भी चलने की उम्मीद धूमिल होती जा रही है। क्रशर पर गन्ना बेचने से लागत डूब जाएगी। कुशीनगर जिले के रामकोला निवासी गन्ना किसान विनोद कुमार के अनुसार मिलें समय से नहीं चलीं तो मुश्किल बढ़ेगी। गन्ने को बचाए रखने के लिए समय-समय पर सिंचाई करनी होगी। ऐसे में लागत भी बढ़ेगी। कमोबेश इसी तरह की पीड़ा देवरिया के लार क्षेत्र के गन्ना किसान प्रमोद की भी है।

गन्ने का बावग भी पिछड़ेगा सितंबर के अंतिम सप्ताह से बड़े किसान गन्ने की बुआई करते हैं। इसके लिए भी खेत में पर्याप्त नमी की जरूरत पड़ती है। लेकिन इस बार खेत की दशा ऐसी नहीं है कि बिना सिंचाई के बावग (बुआई) हो सके।

घटेगा परता, पैदवार भी प्रभावित होगीः खेत में नमी कम होने से पेराई के समय चीनी परता कम हो जाती है। गन्ना शोध संस्थान के अधिकारियों के अनुसार पूर्वांचल के किसान जो प्रजाति बोते हैं उसके लिए पर्याप्त नमी जरूरी है। नमी नहीं होने से गन्ने की पैदावार घट जाएगी।

हाल के वर्षो में अच्छी बारिश होने से दोनों मंडलों में गन्ने की पैदावार 568 से 647 कुंतल प्रति हेक्टेयर होती रही है। हालांकि इस बार यह अनुपात बनाए रखने के लिए बुआई के समय से ही पर्याप्त सिंचाई की जरूरत पड़ेगी।

कहां कितनी हुई गन्ने की बुआई जिला क्षेत्रफल गोरखपुर 5994 हेक्टेयर कुशीनगर 86439 हेक्टेयर देवरिया 16907 हेक्टेयर महराजगंज 21898 हेक्टेयर बस्ती 79557 हेक्टेयर सिद्धार्थनगर 3125 हेक्टेयर

इतनी हैं चीनी मिलें- जनपद कुल मिलें बंद कुशीनगर 10 5 देवरिया 5 4 बस्ती 5 2 महराजगंज 4 2 गोरखपुर 3 3 संतकबीरनगर 1 0

गोरखपुर-बस्ती मंडल में 28 चीनी मिलों में से 16 बंद हो चुकी हैं। अगर सरकार का दबाव काम आया तोभी इनमें से केवल 12 मिलों के चलने की उम्मीद है। गोरखपुर की एक भी मिल नहीं चलेगी। संतकबीरनगर की इकलौती मिल, बस्ती की रुधौली, वाल्टरगंज और बभनान की चलने की संभावना है।

हालांकि बस्ती की वाल्टरगंज मिल को भी प्रबंधन ने बंद करने की नोटिस दे दी है। देवरिया की इकलौती प्रतापपुर मिल, कुशीनगर में कप्तानगंज, रामकोला पंजाब, सेवरही, खड्डा व ढाढा बुजुर्ग, महराजगंज जिले में सिर्फ गड़ौरा व सिसवा बाजार चीनी मिलों के ही चलने की संभावना जताई जा रही है।