Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/जल-बंटवारा-अधिसूचना-रद-करने-के-फैसले-को-चुनौती-1630.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | जल बंटवारा अधिसूचना रद करने के फैसले को चुनौती | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

जल बंटवारा अधिसूचना रद करने के फैसले को चुनौती

नई दिल्ली [माला दीक्षित]। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच चल रहे जल बंटवारा और सिंचाई परिसंपत्तियों के प्रबंधन विवाद में अब केंद्र सरकार भी कूद गई है। केंद्र सरकार ने गंगा मैनेजमेंट बोर्ड का गठन होने तक सिंचाई परिसंपत्तियों के संचालन की बागडोर उत्तर प्रदेश को सौंपे जाने वाली उसकी अधिसूचना रद करने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीमकोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार की याचिका पर दोनों राज्यों व हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले अरविंद चौहान को नोटिस जारी किया। मामले में यथास्थिति कायम रखने के आदेश दिए हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही फैसले को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दे चुकी है और कोर्ट ने गत वर्ष की यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दे दिए थे। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन व न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की पीठ ने केंद्र सरकार की वकील रेखा पांडेय की दलीलें सुनने के बाद उपरोक्त निर्देश जारी किए। वकील का कहना था कि केंद्र सरकार की याचिका भी इसी मामले में पहले से लंबित उत्तर प्रदेश की याचिका के साथ संलग्न कर दी जाए। कोर्ट ने उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया।

--

मकसद गंगा मैनेजमेंट बोर्ड का गठन

केंद्र सरकार का कहना है कि उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 के तहत केंद्र सरकार को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच विद्युत और जल परियोजनाओं और संसाधनों के बंटवारे के लिए गंगा मैनेजमेंट बोर्ड का गठन करना है। केंद्र सरकार ने बोर्ड का गठन होने तक दोनों राज्यों के बीच जल संसाधनों के बंटवारे के लिए 7 नवंबर 2000 को अधिसूचना जारी की थी। इस अधिसूचना के मुताबिक बोर्ड का गठन होने तक परियोजनाओं और परिसंपत्तियों का संचालन व प्रबंधन पूर्व की भांति उत्तर प्रदेश के हाथ में ही रहना था।

उत्तराखंड का विरोध बना अड़ंगा

केंद्र ने कहा है कि उत्तराखंड के विरोध के कारण अभी तक गंगा मैनेजमेंट बोर्ड का गठन नहीं हो पाया। इस बीच हाईकोर्ट ने जल संसाधनों के प्रबंधन और बंटवारे की केंद्र सरकार की अधिसूचना रद कर दी और उत्तर प्रदेश सरकार को उत्तराखंड की सिंचाई परिसंपत्तियों का कब्जा वापस करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के इस आदेश से उत्तर प्रदेश में जल बंटवारे की मौजूदा व्यवस्था गंभीर रूप से प्रभावित होगी। केंद्र सरकार को दोनों राज्यों के बीच जल प्रबंधन के लिए अधिसूचना जारी करने का कानूनी अधिकार है इसलिए अधिसूचना रद करने वाला का हाईकोर्ट का फैसला निरस्त किया जाए।

क्या है विवाद

-केंद्र सरकार ने उत्तराखंड राज्य के गठन के समय 7 नवंबर 2000 को अधिसूचना जारी की थी जिसमें गंगा मैनेजमेंट बोर्ड का गठन होने तक विद्युत परियोजनाएं व जल संसाधनों का प्रबंधन उत्तर प्रदेश सरकार के पास ही रहने की घोषणा की गई थी।

- उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 29 जून 2009 को केंद्र सरकार की अधिसूचना को गैरकानूनी ठहराते हुए रद कर दिया था और उत्तर प्रदेश सरकार को उत्तराखंड में स्थित सिंचाई परिसंपत्तियों का कब्जा तत्काल उत्तरांचल को सौपने का आदेश दिया था।