Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/जल-संरक्षण-की-अनूठी-मिसाल-है-200-साल-पुराना-यह-समृद्ध-तालाब-12188.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | जल संरक्षण की अनूठी मिसाल है 200 साल पुराना यह समृद्ध तालाब | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

जल संरक्षण की अनूठी मिसाल है 200 साल पुराना यह समृद्ध तालाब

संतोष यादव, भिलाई। एक पौराणिक कहावत है, ग्रीष्‍म में जो सरोवर सदानीरा रहते हैं, उन सरोवरों के निर्माता स्वर्ग का अक्षय सुख भोगते हैं। क्या आपके गांव, आपके शहर में है ऐसा कोई तालाब, ऐसा सदानीरा सरोवर? छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में ऐसा एक तालाब है। पहुनाई में चरण पखारने वाले कंडरका गांव के बाशिंदे पानी को भी पूजते हैं। यही कारण है कि वे अपने जलाोतों का संरक्षण पूरे मनोयोग और समर्पित भाव से करते आए हैं। 49 एकड़ में फैला कंडरका गांव का तालाब जल संरक्षण का अनुकरणीय उदाहरण है। स्वस्थ, स्वच्छ, सुंदर और सदानीरा।


प्राकृतिक सोतों से भरापूरा एक समृद्ध सरोवर। जो अब एक जन धरोहर बन चुका है। कभी नहीं सूखता कंडरका लोगों ने दो सौ साल से इसे सहेज कर रखा है। यही वजह है कि इन दो सदियों में इस इलाके में भीषण सूखा पड़ा हो या घोर अकाल, लेकिन कंडरका तालाब सदानीरा बना रहा और अपने लोगों के काम आता रहा। यहां के लोगों ने इसमें कभी कोई रद्दोबदल नहीं किया। न ही कोई अतिक्रमण किया।


तालाब की सेहत और स्वच्छता का हर संभव ध्यान रखा। जिससे यह कृत्रिम तालाब खुद ब ख्रुद एक प्राकृतिक सरोवर में तब्दील हो गया। इसके पानी के सोते आज भी उतने ही स्वस्थ और सक्रिय हैं। इसमें इतना पानी रहता है कि ग्रामीणजन खेतों की सिंचाई भी आसानी से कर लेते हैं। वे इसके पानी का इस्तेमाल नहाने-धोने में भी करते हैं और मवेशियों की प्यास बुझाने में भी।


लेकिन इस बात का पूरा ध्यान रखते हैं कि तालाब की सेहत और स्वच्छता बरकरार रहे। मजाल है कि जरा सी भी गंदगी देखने को मिल जाए। 250 हेक्टेयर की होती है सिंचाई जिले के कुम्हारी कस्बे के पास कंडरका गांव में मौजूद इस विशाल तालाब से 250 हेक्टेयर खेतों की सिंचाई भी होती है। यह पूरे क्षेत्र में खासा प्रसिद्ध है। खास बात यह है कि आज तक इसे किसी ने सूखा नहीं देखा। दो सौ साल पहले जल संकट के चलते गांव के मालगुजार ने इसे खोदवाया था। तब पहली कुदाल पड़ते ही जल धारा फूट पड़ी थी। तभी से लोग इसे जल देवता की कृपा मानते आए हैं। प्राकृतिक सोते से इसमें अपने आप पानी आता रहता है। इसकी वजह से आसपास के क्षेत्र में भी भूजल स्तर काफी ऊपर है।