Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/जल-सत्‍याग्रहियों-से-हम-बातचीत-के-लिए-तैयार-मुख्‍यमंत्री-8225.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | जल सत्‍याग्रहियों से हम बातचीत के लिए तैयार : मुख्‍यमंत्री | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

जल सत्‍याग्रहियों से हम बातचीत के लिए तैयार : मुख्‍यमंत्री

मूंदी ,खंडवा। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि वे ओंकारेश्‍वर बांध परियोजना के संबंध में जल सत्‍याग्रह कर रहे लोगाें से बातचीत के लिए तैयार हैं।

श्री चौहान शुक्रवार को पुनासा विकासखंड के ग्राम चांदेल में शुक्रवार को 418.50 करोड़ की लागत से निर्मित पुनासा उद्वहन सिंचाई परियोजना का शुभारंभ कर रहे थे। श्री चौहान ने लोकार्पण कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद वृहद जल जनपंचायत को भी संबोधित किया।

यह है परियोजना

पुनासा उद्वहन सिंचाई परियोजना का उद्देश्य क्षेत्र के 110 गांवों की 35 हजार हेक्टेयर से भी अधिक जमीन को सिंचित किए जाने का है। प्रथम चरण के 40 गांव की 12833 हेक्टेयर, द्वितीय चरण के 28 गांव की 8186 हेक्टेयर तथा तृतीय चरण के कुल 31 गांव की 15831 हेक्टेयर भूमि तक पानी पहुंचाया गया है। कुल 480 किमी की वितरण पाइप लाइन बिछाई गई है। अलग-अलग स्थानों पर सम्पवेल बनाए गए हैं। एक सम्पवेल से तकरीबन 100 एकड़ भूमि को सिंचित किए जाने का लक्ष्य है।

खेतों में पानी पहुंचने से पहले नहरों ने दम तोड़ा

ओंकारेश्वर। इंदिरासागर बांध की मुख्य नहर से निकलने वाली छोटी नहरों ने खेतों में पानी पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया है। नहरों के मलबे से किसानों के खेत भी खराब हो गए। जिन किसानों के खेतों से नहर निकाली गई, उन्हें मुआवजा नहीं मिला। पीड़ितों ने दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।

करीब एक वर्ष पूर्व इंदिरासागर बांध की मुख्य नहर से ओंकारेश्वर क्षेत्र में छोटी-छोटी नहरों का निर्माण किया गया था। इन नहरों में मुख्य नहर से पानी नहीं छोड़ा गया। इस दौरान हुई पहली बारिश के दौरान नहरें क्षतिग्रस्त हो गईं। इन नहरों का निर्माण नर्मदा घाटी विकास विभाग ने नहर समितियों के माध्यम से ठेकेदारों से करवाया था।

हजारों एकड़ जमीन सिंचाई से वंचित

गुंजारी के किसान भगवान यादव का कहना है कि ओंकारेश्वर, कोठी, गुंजारी, डुकिया, जिल्हार की हजारों एकड़ कृषि भूमि की सिंचाई के लिए शासन-प्रशासन ने कोई योजना नहीं बनाई है। गुंजारी के पास ओंकारेश्वर बांध का बैक वॉटर है। इन गांवों की जमीन ऊंचाई पर होने के कारण किसान बैकवॉटर का भी उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।

नहर की जरूरत नहीं

- धावड़िया के किसान चंपालाल यादव ने बताया कि उनकी 15 एकड़ जमीन में से नहर का निर्माण किया गया। उनके खेत के कुएं में इतना पानी है कि उन्हें नहर की जरूरत ही नहीं थी।

- किसान कालूराम यादव ने बताया कि नहर निर्माण के बाद से उनके खेतों तक पानी ही नहीं पहुंचा।

- किसान भुवानीराम पटेल धावड़िया ने बताया नहर निर्माण के दौरान ही इसी गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने लगे थे। इस संबंध में नर्मदा घाटी विकास विभाग के अधिकारियों के साथ ही ठेकेदार से भी शिकायत की गई थी। इसके बावजूद कोई ध्यान नहीं दिया गया।

- शेरू यादव ने बताया कि अभी तक न तो नहरों से खेतों तक पानी पहुंचा और न ही जमीनों का मुआवजा दिया गया है। किसानों की पीड़ा जानने के लिए मुख्यमंत्री को स्वयं क्षेत्र का दौरा करना चाहिए।