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जवाब में देरी पर मुफ्त सूचना देने का आदेश

पश्चिमी दिल्ली, जागरण संवाददाता : तय समय में आरटीआइ के तहत सूचना नहीं देना व अतिरिक्त शुल्क की मांग करना नगर निगम को महंगा पड़ा है। आवेदक की अपील पर केंद्रीय सूचना आयोग ने निगम को आदेश दिया है कि जवाब देर से दिया तो जरूरी सूचनाएं भी मुफ्त उपलब्ध कराओ। साथ ही सूचना अधिकारी (निगम के पीआइओ) को फटकार लगाते हुए शुक्रवार को नोटिस जारी किया है, कि क्यों न उन्हें दंडित किया जाए।

नांगलोई निवासी अखिलेश तिवारी ने पश्चिमी जोन नगर निगम के प्रशासनिक विभाग में 12 अगस्त 2010 को आरटीआइ डालकर तहबाजारी से संबंधित जानकारी मांगी थी। ज्वालाहेड़ी मार्केट में तहबाजारी देने में धांधलेबाजी का आरोप लगा था। बताया जा रहा है कि इस मामले में विभागीय स्तर पर विजिलेंस जांच भी चल रही है। इन्हीं कारणों से आवेदक ने ज्वालाहेड़ी मार्केट में तहबाजारी आवंटन से संबंधित नौ सवाल पूछे थे। इसमें तहबाजारी पाने वाले लोगों का नाम पता सहित पूरा ब्योरा, तहबाजारी लाइसेंस आवंटन में शामिल अधिकारियों व कमेटी के सदस्यों का ब्योरा भी मांगा गया था। निगम के प्रशासनिक अधिकारी ने 30 दिन के अंदर जवाब देने के बजाय नौ दिन देर से जवाब दिया।

20 सितम्बर 2010 को निगम ने कुछ जानकारियां दी और कहा कि संबंधित दस्तावेज लेने के लिए प्रति कॉपी दो रुपया फोटो स्टेट का जमा करा दें और जवाब ले जाएं। आवेदक निगम के जवाब से पूरा संतुष्ट नहीं हुआ। प्रथम अपील करने के बाद भी जब संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो आवेदक ने केंद्रीय सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया। जहां 15 अप्रैल को दोनों पक्षों को बुलाकर सुनवाई की गई। आवेदक अखिलेश तिवारी का आरोप है कि एक तो उसे देर से जवाब दिया गया वह भी आधा अधूरा। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने आदेश दिया है कि चूंकि आवेदक को देर से सूचना दी गई है, इस कारण आवेदक को मुफ्त में दस्तावेज उपलब्ध कराया जाए। निगम कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लेगा। साथ ही प्रशासनिक अधिकारी प्रेम सिंह (डीम्ड सूचना अधिकारी) को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है कि क्यों न जुर्माना ठोका जाए। उन्हें 16 मई को हाजिर होने के लिए कहा है।