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जशोदाबेन के क्या हैं क़ानूनी अधिकार

कई वर्षों से अकेली रह रहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जशोदाबेन ने हाल ही में एक आरटीआई दायर कर अपने अधिकारों के बारे में जानकारी मांगी है.

हालांकि अभी तक उन्होंने औपचारिक रूप से नरेंद्र मोदी से पत्नी का हक़ नहीं मांगा है लेकिन सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह का कहना है कि अगर वह इसकी मांग करती हैं तो उनके पक्ष में कई क़ानून मौजूद हैं.

जयसिंह का कहना है कि क़ानून में पत्नी के ससुराल में रहने और गुजारा भत्ता का अधिकार भी है.
पढ़ें इंदिरा जयसिंह की राय

हर महिला के पत्नी होने के नाते कुछ अधिकार होते हैं. उसी में से एक अधिकार होता है, ससुराल में रहने का. यह अधिकार हर महिला का है.

प्रोटेक्शन ऑफ़ द वुमेन फ्रॉम डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट में भी कहा गया है कि पत्नी के पास ससुराल में रहने का अधिकार है.

इसके अलावा भी कई क़ानूनी उपाय हैं. हम इस तरह के कई मामले उठाते रहते हैं. यह कोई नई बात नहीं है. इसके लिए अदालत जाना पड़ता है. वहाँ से ससुराल में अपने पति के साथ रहने के लिए आदेश लेना पड़ता है.

अदालत की शरण

जसोदाबेन ने आरटीआई के जरिए जानना चाहा है कि प्रधानमंत्री की पत्नी के रूप में उनके सुरक्षा अधिकार क्या हैं.

अगर कोई पति अपनी पत्नी को अपने घर में रखने से मना कर दे, तो महिला को अदालत की शरण लेनी पड़ेगी. महिला हिंदू मैरेज एक्ट में रेस्टिटूशन ऑफ कॉन्जुगल राइट का प्रावधान है. इसके आधार पर कोई महिला अपने पति के घर में रहने के अधिकार की मांग कर सकती है.

यह पूरी प्रक्रिया महिला के हाथ में ही है. इसके लिए जशोदाबेन को ही मांग करनी पड़ेगी. उनकी ओर से कोई और इस मांग को नहीं कर सकता है.

लेकिन प्रधानमंत्री की पत्नी ने अब तक ऐसा कुछ नहीं कहा है, जिससे लगता हो कि वो अदालत की शरण लेंगी.

अगर किसी महिला का पति उसे अपने साथ रखने से इनकार कर देता है या इस मांग पर चुप रह जाता है तो वो महिला अदालत से अपने पति के साथ रहने के अधिकार की मांग कर सकती है.

गुजारा भत्ता

इसके अलावा महिलाओं के कई अन्य अधिकार भी हैं, जैसे गुज़ारा भत्ते का अधिकार और पति की ही तरह की जीवनशैली में रहने का अधिकार.

प्रधानमंत्री की पत्नी के आरटीआई प्रार्थना पत्र से संबंधित ख़बरों को मैंने पढ़ा है, उसमें वो केवल यह जानना चाहती हैं कि सुरक्षा संबंधी उनके अधिकार क्या हैं.

प्रधानमंत्री और उनके परिवार की सुरक्षा के लिए एसपीजी ऐक्ट बनाया गया है. इसमें कहा गया है कि स्पेशट प्रोटक्शन फोर्स की सुरक्षा प्रधानमंत्री और उनके परिवार को मिलेगी. इस क़ानून के तहत प्रधानमंत्री की पत्नी को भी सुरक्षा मिलेगी