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टीचर स्कूल में है या नहीं, एसएमएस सब बता देगा

ग्वालियर। सर, क्लास में पढ़ा रहा हूं। मैं तो स्कूल में ही हूं। अब ऐसी बात सुनकर अधिकारी स्कूल समय में टीचर की सही पोजिशन का पता मिनटों में लगा सकेंगे, क्योंकि जिले के शिक्षकों की मॉनिटरिंग अब स्कूल मॉनिटरिंग सिस्टम (एसएमएस) के जरिए ऑनलाइन होगी।

जीपीआरएस की मदद से विभागीय सॉफ्टवेयर में ऐसे टीचर्स की लोकेशन ऑनलाइन दिखेगी। अगर कोई टीचर स्कूल में होने की बात झूठ बोलता है। तब उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विभाग संभवत: इस सिस्टम के प्रारंभिक चरण को फरवरी 2015 तक लागू कर देगा। इसके लिए जिला स्तर पर तैयारियां की जा रहीं हैं।

इस तरह का होगा सॉफ्टवेयर

- स्कूल में टीचर की मॉनिटरिंग करने के लिए स्कूल मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया जा रहा है। इस सिस्टम में जिले का एक यूनिक आईडी नंबर होगा। साथ ही ऐसे 5 यूनिक आईडी नंबर होंगे।

-इन आईडी नंबर के जरिए जिला और ब्लॉक के संबंधित अधिकारी किसी भी समय में ऑनलाइन स्कूल में शिक्षकों की स्थिति देख सकेंगे।

- इस मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर को राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल से भी लिंक किया जाएगा।

मोबाइल फोन का लिया जाएगा सहारा

-इस सिस्टम को लागू करने के लिए शिक्षकों के मोबाइल फोन का सहारा लिया जाएगा। इसमें साधारण और स्मार्ट फोन की कनेक्टिविटी जिला स्तर पर मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर से की जाएगी।

- सॉफ्टवेयर के लिए हेडमास्टर, शिक्षक और अध्यक्ष व सदस्य को अनिवार्य रूप से अपने मोबाइल नंबर देना जरूरी होगा।

9 हजार से ज्यादा लोगों का डेटा अपलोड होगा

- जिले के 5 हजार से ज्यादा शिक्षक इस मॉनिटरिंग सिस्टम से जोड़े जाएंगे। साथ ही 4 हजार स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी ) के अध्यक्ष और सदस्यों को जोड़ा जाएगा।

- सिस्टम के लिए जिला स्तर पर ब्लॉकवार डेटा एकत्रित करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसमें हेडमास्टर, स्कूल शिक्षक, एसएमसी अध्यक्ष और सदस्य का डेटा शामिल है।

पाइलट प्रोटेक्ट में शामिल है ग्वालियर

- ग्वालियर जिले को पाइलट प्रोटेक्ट के रूप में शामिल किया गया है। इस सिस्टम के सकारात्मक परिणाम हासिल होने पर प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसे लागू किया जाएगा।

इनका कहना है

स्कूल मॉनिटरिंग सिस्टम के जरिए टीचर की सही लोकेशन स्कूल समय में कभी भी ली जा सकेगी। ग्वालियर को पाइलट प्रोजेक्ट के रूप में शामिल किया गया है। इस सिस्टम से कोई भी अधिकारी ऑनलाइन स्कूल समय में टीचर की उपस्थित देख सकेगा।

-संजीव शर्मा, डीपीसी, ग्वालियर