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टूटा पहाड़, बिहार पर खतरा

वाल्मीकिनगर (बगहा)/बैरगनिया: नेपाल के म्यागदी जिले में बेनी बाजार रामछे गांव के पास काली गंडकी नदी में पहाड़ टूट कर गिर गया है. इससे नदी से पानी का बहाव पूरी तरह से बंद हो गया है और एक कृत्रिम झील बन गयी है. रविवार सुबह तक इसमें आठ लाख क्यूसेक पानी स्टोर हो चुका था. जल स्तर 150 फुट तक पहुंच गया है. पानी लगातार बढ़ रहा है. इससे बिहार व उत्तरप्रदेश में भी बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है.

काली गंडकी नदी नेपाल से होकर भारत में बहती है, जिसे यहां गंडक के नाम से जाना जाता है. इसलिए कृत्रिम झील टूटने पर गंडक में अचानक अतिरिक्त पानी आने की आशंका के मद्देनजर बिहार के सात जिलों में अलर्ट जारी किया गया है. वाल्मीकिनगर गंडक बराज के सभी 36 फाटक खोल दिये गये हैं. बराज के कंट्रोल रूम में कार्यरत तकनीशियन की छुट्टी रद्द कर दी गयी है.

नेपाल के बेलाटाड़ी पुलिस चौकी के इंस्पेक्टर जगत बंधु पोखरैल ने बताया कि तराई क्षेत्र में बाढ़ की आशंका है. इसको लेकर लोगों को अलर्ट कर दिया गया है. वहीं लाउडस्पीकर से प्रचार किया जा रहा है कि लोग सुरक्षित ठिकाना तलाश लें. इसमें नेपाली सेना व पुलिस को लगा दिया गया है. 25 अप्रैल से नेपाल व तराई इलाके में लगातार आ रहे भूकंप के झटकों से पहाड़ों की ढलान कमजोर हो गयी है, इसके कारण बीती रात एक बजे काठमांडो से करीब 150 किमी दूर पहाड़ टूट कर गिर गया. रिपोटरे में बताया गया है कि इससे काली गंडकी नदी का 95 फीसदी प्रवाह अवरुद्ध हो गया है, जिससे यह करीब चार किलोमीटर लंबी कृत्रिम झील बन गयी. गंडक बराज के सहायक अभियंता मो जिलानी ने बताया कि नेपाल में पहाड़ टूटने की सूचना है. इससे बाढ़ आने की आशंका भी है. इसलिए गंडक के आसपास बसे गांव के लोगों को अलर्ट किया गया है.

साथ ही गंडक बराज के सभी 36 फाटक खोल दिये गये हैं. उन्होंने बताया कि गंडक नदी में 8.5 लाख क्यूसेक पानी स्टोर करने की क्षमता है. इससे अधिक पानी आने पर खतरा बढ़ सकता है. फिलहाल गंडक में 22 हजार क्यूसेक पानी है. जल स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. बराज के कंट्रोल रूम में कार्यरत तकनीशियन की छुट्टी रद्द कर दी गयी है.

गांवों में हाइ अलर्ट
नेपाली पुलिस अधिकारी जगत बंधु पोखरैल ने बताया कि नदी में मलबा जमा हो गया है. इस वजह से नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. प्रशासन ने एक दर्जन गांव के लोगों से सुरक्षित स्थानों की ओर जाने को कहा है. भारत-नेपाल सीमा पर कई बीओपी गंडक नदी के तट पर स्थित हैं. एसएसबी की ओर से जवानों को अलर्ट कर दिया गया है. एसएसबी के सेनानायक अमित कुमार ठाकुर ने चकदहवा, झंडू टोला व वाल्मीकिनगर बीओपी को हाइ अलर्ट कर दिया है. बाढ़ की स्थिति से निबटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है.

कृत्रिम झील टूटी तो मचेगी तबाही
डिपार्टमेंट ऑफ हाइड्रोलॉजी एंड मेटेरियोलॉजी के डायरेक्टर जेनरल ऋषि राम शर्मा ने कहा कि कृत्रिम झील में 50 क्यूमेट (क्यूबिक मीटर प्रति सेकेंड) की दर से पानी भर रहा है. इस गति से एक घंटे में 1,80,000 क्यूबिक फुट पानी झील में जमा होगा. यदि 10 घंटे के भीतर झील में पानी के स्टोर को नहीं रोका गया, तो झील टूट जायेगा और आपसास के इलाकों में भारी तबाही मचेगी. सीमा से सटे बिहार के कुछ जिलों में भी बाढ़ से तबाही हो सकती है.

मलबा हटाने की कोशिश में सेना
नेपाल के गृह मंत्री लक्ष्मी प्रसाद ढकाल ने बताया कि नदी में जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है. सेना के जवान नदी में जमे मलबे को हटाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शनिवार रात हुए भू-स्खलन के कारण दो दर्जन घर नष्ट हुए हैं, लेकिन प्रशासन को हताहतों की जानकारी नहीं है.

भूकंप के तीन झटके

इस बीच काठमांडों और आसपास के इलाके में रविवार को भी भूकंप के तीन हल्के झटके भी महसूूस किये गये. हालांकि, जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ. सुबह 7:06 बजे, 10:38 बजे और पूर्वाह्न् 11:46 बजे आये भूकंप की तीव्रता क्रमश: 4.2, 4.4 और 4.2 थी.
सात जिलों में अलर्ट जारी
राज्य के जल संसाधन विभाग ने बूढ़ी गंडकी में अतिरिक्त पानी आने की आशंका के मद्देनजर सात जिलों-पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, मुजफ्फरपुर और वैशाली में अलर्ट जारी किया है. विभाग ने वाल्मीकिनगर के मुख्य अभियंता को इस मामले में निगरानी रखने का निर्देश दिया है. विभाग के अभियंता ने बताया कि काली गंडक का प्रवाह सामान्य ही रहता है, फिर भी फ्लैट-फल्ड के मद्देनजर सातों जिलों के डीएम को सतर्क रहने को कहा गया है.