Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/ढाई-साल-में-ढाई-गुणा-बढ़-गया-सरकारी-बैंकों-का-एनपीए-ये-कंपनियां-हैं-बड़ी-कर्जदार-12206.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | ढाई साल में ढाई गुणा बढ़ गया सरकारी बैंकों का एनपीए, ये कंपनियां हैं बड़ी कर्जदार | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

ढाई साल में ढाई गुणा बढ़ गया सरकारी बैंकों का एनपीए, ये कंपनियां हैं बड़ी कर्जदार

नयी दिल्ली : सरकार नए साल में बैंकिंग सुधारों के सिलसिले को जारी रख सकती है. इसके अलावा सरकार का इरादा एनपीए (गैर निष्पादित आस्तियों) के बोझ से दबे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी निवेश करने का भी है, जिससे ऋण की मांग को बढाया जा सके. फिलहाल ऋण की वृद्धि दर 25 साल के निचले स्तर पर चली गयी है.

सरकार ने इस साल अक्तूबर में बैंकों में 2.11 लाख करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि डालने की घोषणा की थी. बैंकों में यह पूंजी दो साल के दौरान डाली जाएगी. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एनपीए जून, 2017 में ढाई गुना से अधिक बढकर 7.33 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है, जो मार्च, 2015 में 2.75 लाख करोड़ रुपये पर था. बैंकों को दिए जाने वाले 2.11 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में से 1.35 लाख करोड रुपये पुनर्पूंजीकरण बांडों के जरिये डाले जाएंगे.


डूबे कर्ज का निबटान जरूरी

 

वित्त मंत्रालय जल्द पुनर्पूंजीकरण बांडों के तौर तरीके की घोषणा करेगा. बैंकों में पूंजी डालने का काम इतना आसान नहीं होगा. पूंजी डालने के साथ बैंकों के बोर्ड को भी मजबूत किया जाएगा तथा डूबे कर्ज का निपटान भी जरूरी होगा. साथ ही बैंकों के मानव संसाधन के मुद्दों को भी सुलझाना होगा, जिससे भविष्य में जिम्मेदारी पूर्ण बैंकिंग को आगे बढाया जा सके. वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा, सुधार एजेंडा शीर्ष प्राथमिकता है जिसे पूंजीकरण के साथ क्रियान्वित किया जाएगा. कई सुधार लाए जाएंगे जिससे ईमानदार कर्जदाताओं को किसी तरह की परेशानी न होगा और उन्हें उनकी जरूरत के हिसाब से समय पर कर्ज मिल सके. कुमार ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रमों (एमएसएमइ), वित्तीय समावेशन तथा रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

 


बैंक एकीकरण को मंजूरी

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में मजबूती के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगस्त में वैकल्पिक व्यवस्था (एएम) के तहत बैंकों के एकीकरण को सैद्धान्तिक मंजूरी दे दी. पिछले महीने वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गयी है जो बैंकों के एकीकरण के प्रस्तावों की समीक्षा करेगी. बैंकों के एनपीए पर काबू के लिए सरकार ने इस साल दो अध्यादेश बैंकिंग नियमन (संशोधन) अध्यादेश, 2017 और दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (संशोधन) अध्यादेश, 2017 जारी किए हैं.


12 खातों पर 5000 करोड़ से अधिक बकाया

भारतीय रिजर्व बैंक की आंतरिक सलाहकार समिति ने 12 ऐसे बडे दबाव वाले खातों की पहचान की है, जिन्हें दिवाला एवं शोधन संहिता के तहत भेजा जाना है. इन खातों पर बकाया कर्ज 5,000-5,000 करोड़ रुपये से अधिक है. यह सकल गैर निष्पादित आस्तियों 1.75 लाख करोड़ रुपये का 25 प्रतिशत बैठता है. रिजर्व बैंक ने इस साल अगस्त में बड़े डिफाल्टरों की दूसरी सूची जारी कर बैंकों को 28 बड़े खातों का निपटान 13 अगस्त तक करने या 31 दिसंबर तक उन्हें राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के पास दिवाला प्रक्रियाओं के लिए भेजने को कहा था. इन 28 खातों पर बकाया कर्ज कुल बकाया का 40 प्रतिशत या चार लाख करोड़ रुपये है.


ये हैं बड़ी बकायादार कंपनियां

एनसीएलटी के पास जो बड़े खाते दिवाला प्रक्रिया के लिए भेजे जाने हैं उनमें एशियन कलर कोटेड इस्पात, कास्टेक्स टेक्नोलॉजीज, कोस्टल प्रोजेक्ट्स, ईस्ट कोस्ट एनर्जी, आइवीआरसीएल, आर्किड फार्मा, एसइएल मैन्युफैक्चरिंग, उत्तम गाल्वा मेटेलिक, वीजा स्टील, एस्सार प्रोजेक्ट्स, जय बालाजी इंडस्टरीज, मोनेट पावर, नागार्जुन आयल रिफाइनरी, रुचि सोया इंडस्टरीज और विंड वर्ल्ड इंडिया शामिल हैं.

इस साल बैंकिंग क्षेत्र की एक अन्य प्रमुख बात भारतीय महिला बैंक और सहायक बैंकों का भारतीय स्टेट बैंक में विलय रहा. इससे एसबीआइ दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में आ गया.