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तड़पती रही मां, नवजात की मौत

जयपुर. डॉक्टरों की चौखट पर एक घंटे तक प्रसव पीड़ा में महिला तड़पती रही..बिना इलाज। पति चिल्ला- चिल्ला कर सभी को पुकारता रहा। डॉक्टर-नर्स सामने से गुजरते गए मगर किसी ने नहीं सुनी।

आखिर एक राहगीर को दया आई और उसने 108 एंबुलेंस को फोन किया। करीब तीन किमी दूरी से एंबुलेंस तो पहुंच गई, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। महिला ने खुले में ही बच्चे को जन्म दे दिया था। एंबुलेंस कर्मचारी जब मां बच्चे को लेकर महज सौ कदम दूसरी पर स्थित इमरजेंसी पहुंचे, तो डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।



घटना चांदपोल स्थित जनाना अस्पताल परिसर में बने डॉक्टरों के आवास के सामने की है। महिला के पति रामरतन ने बताया कि वह शनिवार सुबह सात बजे के करीब पत्नी नीरा (35) को लेकर डॉ. कल्याण सहाय को दिखाने पहुंचा। क्वार्टर पर डॉक्टर नहीं मिले। बाहर काफी लोगों की भीड़ थी। इस दौरान नीरा को प्रसव दर्द शुरू हो गया। वह तड़पने लगी। अचानक बिगड़े हालात से घबराकर वह रोने लगा। इस दौरान एक युवक के समझाने पर वह उसके साथ जनाना अस्पताल ले गया। जहां डॉक्टरों और नर्स ने प्रसूता को गोदी में उठाकर लाने के लिए कहा।



लेवल-3 आईसीयू सुविधा नहीं



मौजूदा स्थिति में किसी भी सरकारी अस्पताल में समय पूर्व जन्मे या कम वजनी बच्चों के लिए लेवल-3 आईसीयू की व्यवस्था नहीं है। आए दिन होने वाली परेशानियों से निजात पाने के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है।



डॉक्टर ने कहा, मुझे कोई मतलब नहीं



एंबुलेंस में तैनात इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन भैरोंसिंह शेखावत ने बताया कि जब वह मौके पर पहुंचा तब तक प्रसव हो चुका था। महिला दर्द से तड़प रही थी। इस दौरान वहां से गुजर रही एक महिला डॉक्टर से मदद मांगी, लेकिन डॉक्टर ने उसे झिड़कते हुए कहा कि तुम्हारी तुम जानो, मुझे कोई मतलब नहीं है। बाद में ट्रॉली लाकर महिला को अस्पताल पहुंचाया गया।



अस्पताल अधीक्षक डॉ. शशि गुप्ता से बातचीत



अस्पताल परिसर में प्रसव हो गया, किसी ने भी ध्यान नहीं दिया?

ध्यान कैसे नहीं दिया। प्रसव होने की जानकारी मिलने के बाद इमरजेंसी से ट्रॉली भेज कर महिला को अस्पताल में भर्ती कर लिया था।



एक घंटे तक महिला डॉक्टर क्वार्टर के सामने तड़पती रही?

सूचना मिलने के तत्काल बाद ही महिला को इमरजेंसी में ले आए थे।



महिला का पति सूचना देने के लिए आया था, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया?

पति ने किसे सूचना दी, वह नाम ही नहीं बता रहा। किसी की पहचान करें तो उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।



घटनाक्रम



7 बजे : डॉक्टर कल्याण सहाय के जनाना अस्पताल स्थित क्वार्टर पर पहुंचा। वहां काफी भीड़ थी। वह भी एक तरफ बैठ गया।

7.15 बजे : नीरा को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। सब डॉक्टर के आने का इंतजार करते रहे।

7.30 बजे : पति ने दौड़कर अस्पताल में डॉक्टरों को बताया। रामरतन का आरोप है कि मदद करने की बजाय उसे भगा दिया गया।

8.00 बजे : एंबुलेंस आई, तब तक महिला के प्रसव हो चुका था।

8.05 बजे : पास से गुजर रही डॉक्टर ने भी मदद से इनकार किया।

8.15 बजे : महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया।



डॉक्टर कल्याण सहाय से सवाल



आपके क्वार्टर के सामने महिला एक घंटे तक तड़पती रही?

यह तो पता नहीं, लेकिन जब मैं आया तब उसे ट्रॉली से ले जाया जा रहा था।



महिला का आपके पास इलाज चल रहा था?

हां, दवा भी दी थी। महिला सात माह से गर्भवती थी। ऐसा लगता है कि बच्ची की मौत करीब दस दिन पहले ही हो चुकी थी।