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तारों की ओढ़नी, भूमि का बिछौना

जम्मू [अंचल सिंह]। राज्य में ऐसे परिवारों की कमी नहीं जो तारों की ओढ़नी और भूमि का बिछौना बनाकर सोते हैं। केवल इस आस में कि कभी तो केंद्र की योजनाएं जमीनी स्तह पर पहुंचेंगी और उन्हें भी छत मुहैया होगी, लेकिन गरीबों और उनके आशियाने के बीच 'राजनीतिक पहुंच' आड़े आ रही है।

जम्मू-कश्मीर में करीब चार हजार परिवार ऐसे हैं जिनके सिर पर छत नहीं। कोई झोपड़पट्टी में तो कोई खुले में सोने को मजबूर है। जबकि सरकार का दावा है कि दो-तीन साल में शहर के अधिकतर गरीबों को छत मुहैया करवा दी जाएगी। लंबे इंतजार के बाद केंद्र के जवाहर लाल नेहरू नेशनल अरबन मिशन की बेसिक सर्विसिस फार अरबन पुअर [बीएसयूपी] स्कीम के तहत जम्मू व श्रीनगर में फ्लैट बनाने का कार्य तो शुरू हो चुका है, लेकिन इसमें भी कई पेंच हैं।

जम्मू शहर से करीब दस किलोमीटर की दूरी पर सुंजवां इलाके में गरीबों के लिए 608 फ्लैट बनाए जा रहे हैं, जिनमें राजीव नगर के गरीब लोगों को बसाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा करीब तीन किलोमीटर दूर भगवती नगर स्थित कुष्ठ आश्रम में रहने वाले 36 परिवारों को भी ऐसे ही फ्लैट बनाकर देने का प्रस्ताव है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ये फ्लैट जायज लोगों को मिलेंगे? क्योंकि निर्माणाधीन फ्लैटों को लेकर अभी से राजनीति शुरू हो गई है। कुछ मंत्री अपने चहेतों को खुश करने और वोट बैंक बनाने के लिए चुनिंदा लोगों को अलाटमेंट करने की फिराक में हैं, जबकि विपक्षी दल भी इसी ताक में हैं कि कब इनकी अलाटमेंट शुरू हो और वे हंगामा करें। जाहिर है ऐसे में फ्लैटों के नाम पर गरीबों के अरमानों की रोटियां सेंकी जाएंगी।

इसके अलावा केंद्र की एक अन्य योजना के तहत एक-दो मरले की जमीन रखने वाले गरीबों को उसी स्थान पर कमरे बनाकर देने का भी प्रस्ताव है, लेकिन उसपर भी अभी कार्य शुरू नहीं हो पाया है। वहीं इंदिरा आवास योजना के तहत आवास मुहैया करवाने के सरकारी दावे भी आम व्यक्ति की पहुंच से दूर हैं।

बात श्रीनगर की करें तो यहां के राक-ए-अर्थ, बड़गाम और बारामूला जिले में करीब 2200 परिवारों को बसाने का प्रस्ताव है, लेकिन प्रोजेक्ट अभी निर्माणाधीन है और इसमें समय लगेगा। इन फ्लैटों को लेकर लोग अभी से मंत्रियों के चक्कर काट रहे हैं और मंत्री भी अपने वोट बैंक को ध्यान में रखे हुए हैं। ऐसे में गरीब लोग यह चाहते हैं कि सरकार जब भी इनकी अलाटमेंट करे तो गरीबों को ही यह दिए जाएं।

'सुंजवां और भगवती नगर में निर्माणाधीन फ्लैट बनाकर शहर में रहने वाले गरीबों को छत मुहैया करवाई जा रही है। सरकार किसी भी तरह की अड़चनों से निपटने के लिए तैयार है और लोगों को बेहतर उपलब्ध करवाना सरकार की प्राथमिकता है।'

-रमण भल्ला, पुनर्वास मंत्री

'फ्लैटों का निर्माण जोरशोर से हो रहा है और अगले साल इनका लोकार्पण करने की कोशिश की जाएगी।'

-तारा चंद, उपमुख्यमंत्री [आवास एवं शहरी विकास विभाग]