Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/तीन-दिन-में-1200-बच्चे-बीमार-अब-मिलेगी-आयरन-गोली-की-आधी-खुराक-5896.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | तीन दिन में 1200 बच्चे बीमार: अब मिलेगी आयरन गोली की आधी खुराक | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

तीन दिन में 1200 बच्चे बीमार: अब मिलेगी आयरन गोली की आधी खुराक

चंडीगढ़. प्रदेश में आयरन की गोलियां खाने से बच्चों के बीमार होने का सिलसिला अभी थमा नहीं है। तीन दिन में करीब 1200 बच्चे बीमार हो चुके हैं। सरकार इसे गंभीरता से लेने के बजाय अपनी सफाई देने में जुटी है।

नेशनल रूरल हेल्थ मिशन (एनआरएचएम) इस बात को दबी जुबान में स्वीकार कर रहा है कि बच्चों को दवा खिलाने में कहीं न कहीं लापरवाही हो रही है।

उधर, स्वास्थ्य विभाग ने दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर पर संज्ञान लेते हुए पहले से बीमार या कमजोर बच्चों को आयरन की आधी खुराक देने का फैसला किया है। अब बीमार व कमजोर बच्चों को पहले ६0 एमजी (मिलीग्राम) की गोलियां दी जाएंगी। जब उनकी टॉलरेंस पावर बढ़ जाएगी तो आयरन गोलियों की मात्रा भी बढ़ाई जाएगी।

ये होनी चाहिए थी सावधानियां

भूखे पेट गोली न खाएं। ञ्चआयरन गोली को चबाकर न खाएं। ञ्चगोली खाने के बाद एक गिलास पानी पीएं। ञ्चपहले से बीमार बच्चों को गोली न खिलाएं। ञ्चव्रत या रोजा रखने वाले बच्चों को गोली न दें। ञ्च दूध के साथ आयरन गोली बिल्कुल नहीं लें। ञ्च अगले दिन भी भरपेट खाना खाए।

ये हो सकती हैं गड़बड़ी दवा निर्माता कंपनी के अनुसार यह गोलियां विशेषज्ञों की देखरेख में दी जानी चाहिए। सरकार कहती है कि उसके पास इतना स्टाफ नहीं है। लिहाजा शिक्षक दवा खिला रहे हैं। एक शिक्षक 30-40 बच्चों को दवा खिला रहा है। गोलियां खिलाने में जो सावधानियां बरती जानी चाहिए, उनकी प्रॉपर मॉनीटरिंग नहीं हो रही है। दवा पर लिखा है कि इसे 25 डिग्री तापमान पर ही रखा जाना चाहिए। राज्य स्कूलों में और कई जगहों पर 35 से 38 डिग्री के बीच तापमान रहता है। इससे दवा की क्वालिटी प्रभावित हो सकती है। हालांकि एमडी एनआरएचएम का दावा है कि गोली पर कोटिंग और पैकिंग ऐसी है कि इसकी गुणवत्ता खराब होने का सवाल ही नहीं है।


भास्कर की खबर पर लिया संज्ञान :

हेल्पलाइन होगी शुरू

आयरन गोलियों के साइड इफेक्ट्स की स्थिति में सहायता के लिए हेल्पलाइन शुरू की जा रही है। यह अगले सोमवार से शुरू होगी। शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने हेल्पलाइन नंबर शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि आयरन गोलियां मिड डे मील के बाद दी जानी चाहिएं।

विशेषज्ञों ने गोलियों की जांच कराने की सलाह दी

पीजीआई अस्पताल चंडीगढ़ के प्रोफेसर डॉ. अरुण कुमार अग्रवाल ने सरकार को सलाह दी है कि जहां-जहां गोलियां खाने से बच्चे बीमार हुए हैं। वहां से उस बैच की गोलियों के सैंपल लेकर उनकी क्वालिटी की पुन: जांच कराई जानी चाहिए।

कहां क्या स्थिति

बुधवार को झज्जर जिले में आयरन की गोलियां खाने से ४७, सिरसा में 190, हिसार में 253 बच्चों की हालत बिगड़ गई। वहीं, फतेहाबाद में ७० बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

गोलियां खिलाने में रूचि है, कार्रवाई में नहीं

चिकित्सा विभाग और शिक्षा विभाग बार-बार एक ही बात पर जोर दे रहे हैं कि आयरन गोलियां खिलाना जरूरी है। गोलियां खिलाने में लापरवाही बरतने की बात तो दोनों ही विभाग मान रहे हैं, लेकिन कार्रवाई करने से बच रहे हैं।

इन गोलियों के कुछ साइड इफेक्ट्स तो होने हैं। परंतु ये खतरनाक नहीं हैं। जितने बच्चे बीमार होकर आ रहे हैं, वे अपेक्षा से काफी कम हैं। धीरे-धीरे इनमें और कमी आएगी। प्रदेश के बच्चों में चूंकि खून की कमी है। इससे उनके शारीरिक व मानसिक विकास प्रभावित होता है, इसलिए उन्हें आयरन गोलियां खिलाया जाना जरूरी है।'
-राकेश गुप्ता, एमडी, एनआरएचएम (नेशनल रूरल हेल्थ मिशन)