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दिल्ली AIIMS में मरीजों का बोझ बढ़ा, संक्रमण भी

नई दिल्ली। देश में नए-नए एम्स व सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल खुलने के बावजूद दिल्ली स्थित एम्स में मरीजों की भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है। बल्कि एम्स पर इलाज का बोझ बढ़ता जा रहा है। संस्थान की नई वार्षिक रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि एम्स की ओपीडी में मरीजों की संख्या एक साल में 17 फीसद बढ़ी है। जबकि सात सालों से एम्स में खास सुविधाएं नहीं बढ़ पाई हैं। मरीजों की भीड़ बढ़ने के साथ ही एम्स में संक्रमण दर बढ़ रहा है।

हालांकि संक्रमण दर बढ़ने के बावजूद अस्पताल में मरीजों की मृत्युदर में कमी आई है। 2011-12 में एम्स और उसके आठ सेंटरों की ओपीडी में 27,56,538 मरीज पहुंचे थे। इसमें एनसीआर के गाजियाबाद व बल्लभगढ़ स्थित सेंटर के मरीजों का आंकड़ा भी शामिल है। यदि दो सेंटरों के मरीजों की संख्या को अलग कर दें तो 2011-12 में एम्स की ओपीडी में 24,65,404 मरीज पहुंचे थे। तब एम्स के सभी सेंटरों को मिलाकर बेड की संख्या 2328 थी।

संस्थान की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 2016-17 में एम्स व उसके सभी सेंटरों की ओपीडी में 41,40,747 मरीज ओपीडी में पहुंचे। इसमें से 7,24,659 मरीजों का इलाज गाजियाबाद के नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर, बल्लभगढ़ स्थित कम्यूनिटी सेंटर व झज्जर स्थित ओपीडी में हुआ। शेष 34,16,088 मरीज एम्स की ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचे। फिर भी एम्स में बेड की कुल संख्या 2362 ही है।

इससे पहले 2015-16 में सभी सेंटरों को मिलाकर ओपीडी में 35,33,67 मरीज पहुंचे थे। इसमें से 29,47,876 मरीज एम्स के मुख्य अस्पताल, आरपी सेंटर, कैंसर सेंटर, कार्डियक सेंटर, न्यूरो सेंटर, ट्रॉमा सेंटर व डेंटल सेंटर में पहुंचे थे। ओपीडी में जितनी मरीजों की संख्या बढ़ी है उस अनुपात में अस्पताल में भर्ती किए जाने वाले मरीजों की संख्या व सर्जरी में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हो पा रही है। हालांकि सुविधाएं जस की तस होने के बावजूद एक साल में 6807 मरीजों की सर्जरी अधिक हुई।

संक्रमण दर बढ़कर 6.9 फीसद हुआ

एम्स में 2014-15 में संक्रमण दर 5.38 फीसद था। 2015-16 में यह बढ़कर 5.7 हुआ जबकि इसके अगले साल यह बढ़कर 6.9 फीसद पर पहुंच गया। मुख्य अस्पताल के अलावा आरपी सेंटर में आंखों के मरीज व ट्रॉमा सेंटर में हादसा पीड़ित मरीज अधिक बड़े हैं। आरपी सेंटर में पहले करीब सवा चार लाख मरीज इलाज के लिए पहुंचते थे। अब वह संख्या बढ़कर छह लाख से अधिक हो गई है। इसी तरह ट्रॉमा सेंटर में मरीजों की संख्या 68,640 से बढ़कर 1.10 लाख से अधिक हो गई है। कैंसर सेंटर में भी करीब 10,000 मरीजों की संख्या बढ़ी है।