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कोरबा। नईदुनिया न्यूज

ग्राम पंचायतों को ग्राम विकास के लिए जारी शासकीय मद का किस तरह से दुरूपयोग किया गया है, इसका अनुमान वसूली सूची देखकर लगाया जा सकता है। कोरबा के 20 व करतला विकासखंड के 8 ग्राम पंचायतों के सरपंच-सचिवों पर 42 लाख का बकाया है। जिम्मेदार अधिकारी विकास कार्य के निरीक्षण में कितने सजग हैं, इस बात की पोल खुल गई है। जिन लोगों से राशि वसूल की जानी है उनमें पूर्व एवं वर्तमान सरपंच-सचिव शामिल हैं। इंदिरा आवास व विभिन्न निर्माण कार्य के लिए जारी राशि का गबन किए जाने के मामले में अनुविभागीय अधिकारी ने नोटिस जारी किया है।

शासन के विकासमूलक कार्यों की दुर्दशा का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है, ग्राम विकास के ऐसे एक भी कार्य नहीं, जिसमें कमीशनखोरी न की गई हो। गांव में विकास कार्यों को गति दने के लिए जनप्रतिनिधि व ग्रामवासियों में आपसी सामंजस्य नहीं है। परिणामस्वरूप आए दिन कलेक्टोरेट में शिकायत करने वाले ग्रामीणों की भीड़ लगी रहती है। इन शिकायतों के माध्यम से कई तरह की अनियिमितता उजागर हो रहे हैं। राशि गबन के मामले पूर्व सरपंच के कार्यकाल से लेकर वर्तमान 2016-17 में बरती गई आर्थिक अनियिमतता की वसूली भी शामिल है। इंदिरा आवास बनाने के नाम पर राशि निकाली गई है, किंतु भवन बनाने की बजाय राशि को आहरित कर अन्य कार्यों में उपयोग किया गया है। इन हितग्राहियों में अधिकांश के खुद के पक्के आवास हैं। हितग्राहियों के नाम चयन करने में सरपंच व सचिव की सहमति रही है, जिससे राशि का आहरण हुआ है। आवास निर्माण के लिए दूसरी किश्त की राशि जारी करने के पहले भौतिक सत्यापन के लिए सर्वे किए जाने पर अनियमितता उजागर हुई है। राशि वसूलने के लिए जिला पंचायत विभाग ने सक्षम अनुभाविभागीय कार्यालय को सूची दी है। इसमें वूसली के लिए नोटिस जारी किया गया है। जिन पंचायतों में नोटिस जारी किया गया है उनमें श्यांग, नकिया, देवपहरी, बेला, पहंदा, मुढ़ुनारा, तिलकेजा, पुरेना, नकटीखार, तुमान, सोहागपुर, जोगीपाली आदि पंचायत शामिल हैं।

 

बढ़ रही फेहरिश्त

विकासमूलक कार्यों में की जा रही बंदरबांट के विरूद्ध एक ओर पूर्व सरपंच व सचिवों से राशि की वसूली की जा रही है, वहीं वर्तमामन में राशि गबन करने वाले जनप्रतिनिधि व हितग्राहियों की तादात दिन-ब-दिन बढ़ने लगी है। समय रहते प्रशासनिक अधिकारियों के मामले में मॉनिटरिंग नहीं किए जाने के कारण मामले का तब पता चलता है, जब पूरी राशि गबन की जा चुकी होती है।

 

चुनाव खर्च की वसूली

चुनाव के समय किए गए खर्च को मेंटेन करने के लिए राशि बंदरबाट का चलन शुरू हो चुका है। चुनाव जीतने के लिए जिस तरह से प्रतिनिधियों ने पैसे को पानी की तरह बहाया है, उस राशि को वापस पाने अब विकास कार्यों के लिए स्वीकृत मद में हेराफेरी की जा रही है। यही वजह है कि पंचायतों में प्रत्येक विकास कार्यों में गड़बड़ी उजागर हो रही है।

 

पंचायतों में विकास कार्यों के लिए शासन से आवंटित राशि का दुरूपयोग किया गया गया है। वसूली प्रक्रिया की जारी है। कुछ प्रतिनिधियों ने राशि जमा करना शुरू भी कर दिया है।

- गजेंद्र सिंह ठाकुर, एसडीएम कोरबा