Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/दो-स्तर-पर-पंचायत-ले-सकती-हैं-टैक्स-में-हिस्सा-6110.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | दो स्तर पर पंचायत ले सकती हैं टैक्स में हिस्सा | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

दो स्तर पर पंचायत ले सकती हैं टैक्स में हिस्सा

पंचायत निकाय राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कर वसूल सकते हैं, उन्हें दो स्तरों पर कर में भागीदारी भी मिलने की व्यवस्था है, जिससे वे अपने क्षेत्र के विकास कार्य करवा सकते हैं. पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों के लिए यह जरूरी है कि वे पंचायत निकायों के वित्तीय अधिकारों को भी जानें. ताकि अपने अधिकारों का ज्यादा कारगर ढंग से संरक्षण कर सकें. तो आइए जानें झारखंड पंचायती राज अधिनियम की धाराएं पंचायत निकायों के वित्तीय अधिकारों व कोष के बारे में क्या कहती हैं :

धारा 94 के अनुसार, जिला स्तर पर पंचायत राज निधि के नाम से एक अलग निधि गठित की जाएगी. राज्य सरकार द्वारा तय किये गये नियमों के अनुसार इस निधि का संचालन होगा. पंचायत निकाय खुद के द्वारा वसूले जाने वाले टैक्स को अपने पास नहीं रख सकतीं, बल्कि उसे राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार संग्रहण प्रभार अपने पास रख कर इस निधि में जमा करना होगा. यानी पंचायतों को कर संग्रह के बदले उनका एक हिस्सा दिया जाएगा.


यदि कोई अतिरिक्त स्टांप शुल्क हो तो उसे राज्य की संचित निधि में जमा किया जाएगा. राज्य सरकार हर वित्तीय वर्ष की शुरुआत में विधानसभा द्वारा द्वारा बनाये गये कानून के अनुसार राज्य की उस संचित निधि से रकम की निकासी कर सकेगी. राशि का पंचायतों के बीच वितरण : पंचायत राज निधि में संचित राशि को त्रिस्तरीय पंचायत निकायों के बीच वितरित किया जाएगा. यह वितरण राज्य सरकार द्वारा तय किये गये अनुपात में ही वितरित किया जाएगा.


धारा 95 के अनुसार, टैक्स को तय करने, उसका संग्रहण करने, उसका हिस्सा बांटने के लिए नियम राज्य सरकार बना सकेगी. इसके लिए बनाए गए किसी नियम या उपनियम के संबंध में कोई आपत्ति होने पर उसे अधिनियम की शर्तो के अनुसार ही स्वीकार किया जाएगा. कानून के तहत ही उस पर सवाल उठाये जाएंगे अन्यथा सवाल नहीं पूछे जाएंगे. धारा 96 के अनुसार, बाजार शुल्क आदि को ठेके पर दिया जाएगा. पंचायत राज निकाय सरकार द्वारा बनाये गए कानून के अनुसार ही किसी को शुल्क के संग्रहण का कार्य नीलामी के तत या ठेके पर दिया जाएगा.

धारा 97 के अनुसार, राज्य सरकार को बकाया को वसूलने का भी हक होगा. कर, शुल्क, जुर्माना व अन्य देय रकम की वसूली उसके द्वारा की जाएगी. धारा 98 के अनुसार, जब कोई व्यक्ति किसी कर शुल्क, दर या देय किसी रकम का भुगतान करने में चूक करता है, तो वह बकाये की रकम के अतिरिक्त टालमटोल के फलस्वरूप तय दर व जुर्माना राशि के साथ उस रकम का भुगतान करेगा.

धारा 99 के अनुसार, यदि राज्य सरकार को यह शिकायत मिलती है कि किसी ग्राम पंचायत, पंचायत समिति या जिला परिषद द्वारा लागू किया गया कर का भार करदाताओं पर अधिक है, तो वह संबंधित पंचायत निकाय के बारे में रिपोर्ट मांग सकती है. और इस रिपोर्ट के आधार पर कर की दर या रकम राज्य सरकार कम कर सकेगी. राज्य सरकार स्वप्रेरणा से पंचायत को उस विषय में अपने विचार अभिव्यक्त करने का अवसर दे सकती है. राज्य सरकार किसी व्यक्ति को या व्यक्तियों के वर्ग या समूह को या फिर किसी संपत्ति को किसी कर के भुगतान से पूरी तरह या आंशिक रूप से छूट दे सकती है.