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नरेगा से हो रहा कृषि कार्य प्रभावित

नई दिल्ली। एक संसदीय समिति ने फसल के मौसम में राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के तहत काम नहीं देने की सिफारिश की है क्योंकि इससे देश का कृषि कार्य प्रभावित हो रहा है।

समिति ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि अनेक राज्यों में नरेगा के अंतर्गत काम करने की वजह से फसल के मौसम में कृषि कार्याे के लिए मजदूर उपलब्ध नहीं होते हैं जिसके चलते कृषि कार्य प्रभावित होते हैं। उसने कहा है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि नरेगा के तहत मजदूर केवल गैर कृषि मौसम में ही काम करें, दिशा-निर्देशों में संशोधन करना पड़े तो उसे किया जाए। समिति सरकार के इस तर्क से सहमत नहीं है कि नरेगा में 100 दिन काम करने के बाद मजदूर कहीं भी काम करने को स्वतंत्र है। संसदीय समिति का कहना है कि इस बात का बाकायदा सर्वेक्षण किया जाए कि नरेगा से फसल के मौसम में कृषि कार्य किस हद तक प्रभावित हो रहा है।

इसमें कहा गया है कि इस सर्वेक्षण के नतीजे के अनरूप दिशा निर्देशों में आवश्यक परिवर्तन किए जाएं जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि फसल के मौसम में नरेगा के तहत रोजगार नहीं दिया जाएगा। समिति का मानना है कि देश की कृषि उत्पादकता को प्रभावित होने से बचाने के लिए ऐसा करना जरूरी है। सरकार को चाहिए कि जब कृषि मौसम नहीं हो, उस अवधि में ही नरेगा के तहत रोज़गार दिया जाए।

रिपोर्ट में इस बात पर भी चिंता जताई गई है कि नरेगा के तहत सृजित परिसंपत्तियों की गुणवत्ता कुल मिलाकर घटिया, गैर टिकाऊ और गैर उत्पादक है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार ने रोज़गार प्रदान करने की उत्सुकता में इस योजना के तहत सृजित की जा रही परिसंपत्तियों की गुणवत्ता को नज़रअंदाज़ किया है।

समिति ने सरकार से मांग की है कि वह उसे सूचित करे कि नरेगा के तहत सृजित होने वाली परिसंपत्तियों की गुणवत्ता और टिकाऊपन के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।

नरेगा में भ्रष्टाचार के बारे में संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट में कहा गया है योजना के तहत श्रमिकों को मजदूरी के भुगतान में अनेक विसंगतियां देख कर समिति व्यथित है। इसमें कहा गया है कि 21 राज्यों की अनेक ग्राम पंचायतों ने जारी किए गए जाब कार्डो की संख्या, रोज़गार की मांग करने और उसे पाने वालों की सूची, प्राप्त और खर्च की गई धनराशि, किए गए भुगतान, स्वीकृत कार्य और शुरू किए गए कार्य, कार्यो की लागत और उन पर व्यय का विवरण, कार्य की अवधि, सृजित मानव-दिवस, स्थानीय समुदायों की रिपोर्ट और मस्टर रोलों की प्रतियों आदि के संबंध में ताज़ा आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए हैं।