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न्यायमूर्ति जेएस वर्मा समिति की रिपोर्ट

16 दिसंबर को दिल्ली में हुई बलात्कार की नृशंस घटना के बाद न्यायमूर्ति जेएस वर्मा की अध्यक्षता में गठित समिति ने महिलाओं को समाज में सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए अपनी रिपोर्ट जारी कर दी है. दिल्ली में न्यायमूर्ति वर्मा, गोपाल सुब्रह्मण्यम और जस्टिस लीला सेठ ने एक पत्रकार वार्ता के दौरान इस रिपोर्ट को जारी किया. इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए 80,000 लोगों का सुझाव लिया गया.  रिपोर्ट की सिफारिशें.

बलात्कार पर यह हैं सजाएं

बलात्कार जैसे अपराध के दौरान अगर पीड़ित की हत्या कर दी जाती है या फिर वो इस कदर घायल हो जाता है कि सामान्य जीवन बिताने लायक नहीं रहता तो अपराधी को 20 साल की सजा या उम्रक़ैद होनी चाहिए, सामूहिक दुष्कर्म से मौत या मौत की स्थिति में पहुंचने पर जीवनपर्यंत कैद की सजा, दोबारा दुष्कर्म के आरोपी को जीवनपर्यंत जेल की सजा और सुरक्षा का दायित्व निभाने में नाकामी की वजह से दुष्कर्म की स्थिति में जिम्मेदार अधिकारी को सात से 10 साल की सजा की बात कही गई है. इसके अलावा नाबालिग से दुष्कर्म की स्थिति में 10 साल से उम्रकैद तक की सजा की सिफारिश की गई है. साथ ही साथ बलात्कार की शिकार महिला की मेडिकल जांच को आसान बनाया जाए. इसमें दुष्कर्म की शिकार पीडिता को मुआवजा भी दिया जाए.


नहीं बर्दाश्त होगी पुलिस की संवेदनहीनता

पुलिस पूछताछ में संवेदनशील तरीके से पेश आया जाए और जांच प्रक्रिया और सुनवाई जल्दी पूरी हो. अगर छेड़खानी व दुष्कर्म के मामले में एफआइआर दर्ज़ करने वाले अधिकारी पीड़ित महिला के साथ सहयोग नहीं करते हैं तो उन्हें पांच साल की सजा हो सकती है.


दुष्कर्म करने वाले सैनिक भी हो जाएं सचेत

कश्मीर और उत्तर-पश्चिमी राज्यों में तैनात सैनिक, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के लोग अगर यौन अपराध करते हैं तो उन पर आम अदालत में मुकदमा चलाया जाए. उन्हें शस्त्र बल विशेषाधिकार कानून के तहत सुरक्षा नहीं दी जाए.

महिलाओं की तस्करी

महिलाओं की तस्करी भी एक बहुत ही बड़ा मुद्दा है. आए दिन ऐसे कई मामले आते हैं जहां महिलाओं को जिस्म फरोशी के दलदल में ढकेलने के लिए उनकी तस्करी की जाती है. ऐसे मामलों में आरोपी को 7 से 10 साल की सजा हो सकती है.  एक से अधिक लड़कियों की तस्करी पर सजा 10 साल से उम्रकैद तक की सजा, नाबालिग की तस्करी में भी 10 साल से उम्रकैद तक की सजा,  एक से अधिक नाबालिग की तस्करी पर 14 साल से उम्रकैद तक की सजा, एक से अधिक बार मानव तस्करी में पकड़े जाने पर जीवित रहने तक जेल की सजा, तस्करी कर लाए गए बाल श्रमिक को काम देने वाले नियोक्ता को भी पांच साल की सजा और वहीं तस्करी कर लाए बालिग को नौकरी पर रखने वाले को तीन से पांच साल की सजा.


आरोपी नहीं लड़ सकता चुनाव

समिति की मानें तो अगर किसी नेता पर महिलाओं का उत्पीड़न करने का आरोप है तब वह मुद्दा अदालत में चले जाने की स्थिति में आरोपी चुनाव नहीं लड़ सकता. चुनाव के दौरान प्रत्याशियों के हलफनामे की कैग से जांच होनी चाहिए.


इन पर भी हैं नजरें

समाज में कुछ ऐसी घटनाएं घटती हैं जिसका सामना अधिकतर महिलाओं को करना पड़ता है. समिति के मुताबिक अश्लील हरकत करने पर आरोपी को एक साल की सजा हो सकती है,  शारीरिक छेड़छाड़ पर 5 साल की सजा, महिला के कपड़े जबरन उतारने पर तीन साल से सात साल की सजा, महिला का पीछा करने वाले को एक से तीन साल की सजा और छेड़खानी करने पर 1 से 7 साल की सजा हो सकती है. इसके अलावा समिति ने आत्मरक्षा कानून में संशोधन कर एसिड हमले को भी शामिल किए जाने की बात कही है. एसिड हमले के दोषी को 10 साल से आजीवन कारावास तक की सजा की सिफारिश की गई है.