Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/पंचायतों-निकायों-को-मिली-पशुपालन-व-मत्स्य-विभाग-की-जिम्मेवारी-5884.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | पंचायतों निकायों को मिली पशुपालन व मत्स्य विभाग की जिम्मेवारी | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

पंचायतों निकायों को मिली पशुपालन व मत्स्य विभाग की जिम्मेवारी

निधि (पैसों) पर सिर्फ जिला परिषद का अधिकार

कार्य व कर्मी की जिम्मेवारी तीनों स्तरों पर बांटी गयी

झारखंड सरकार ने पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के अंतर्गत पशुपालन, गव्य विकास व मत्स्य विभाग से संबंधित अधिकार पंचायत निकायों को सौंपे हैं. इससे पूर्व समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग, कृषि एवं गन्ना विभाग, शिक्षा विभाग सहित कुछ अन्य विभागों के अधिकार पंचायत निकायों को स्थानांतरित किये गये हैं. एक जून 2013 को परामर्शी परिषद की बैठक में सरकार ने पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के अधिकार पंचायतों को सौंपने का निर्णय लिया. ब्योरा इस प्रकार है :

जिला परिषद

जिला परिषद को पशुपालन के क्षेत्र में कई तरह के अधिकार दिये गये हैं. उन्हें कार्यों (फंक्शन) की जिम्मेवारी के साथ, कर्मी (फंक्शनरीज)व निधि (फंड) की भी जिम्मेवारी सौंपी गयी है. उसे गव्य विकास प्रक्षेत्र व मत्स्य प्रक्षेत्र की भी जिम्मेवारी सौंपी गयी है.

कार्य : पशु चिकित्सा व पशुपालन योजनाओं का अनुश्रवण करना, जिला स्तर पर पशुचिकित्सा व पशुपालन के लिए प्रशिक्षण परामर्श देना भी जिला परिषद का कार्य है. चारागाह विकास योजना के पर्यवेक्षण की जिम्मेवारी जिला परिषद पर होगी. पंचायत समिति द्वारा चारागाह विकास योजना को क्रियान्वित किया जाएगा, जिसकी निगरानी जिला परिषद करेगी. जैसे पशुचिकित्सा व पशुपालन योजनाओं का अनुश्रवण, जिला स्तर पर पशुचिकित्सा/पशुपालन योजनाओं के लिए परामर्श. मछुआ आवास योजना का पर्यवेक्षण जिला परिषद करेगी, अनुदानित मूल्य पर तालाबों का निर्माण/जीर्णोद्धार, मत्स्य विपणन योजना के लिए लाभुकों का चयन एवं पर्यवेक्षण, मात्स्यिकी योजनाओं/कार्यों का अनुश्रवण व पर्यवेक्षण की जिम्मेवारी भी जिला परिषद पर ही है.

कर्मी : जिला परिषद को जिला पशुपालन पदाधिकारी का नियंत्रण भी सौंपा गया है. अब जिला परिषद ही उसके काम का अनुश्रवण करेगी और उसे सलाह देगी. जिला पशुपालन पदाधिकारी के आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति भी जिला परिषद के माध्यम से ही की जाएगी. जिला गव्य विकास पदाधिकारी एवं अधीनस्थ गव्य तकनीकी पदाधिकारी के कार्यों का अनुश्रवण एवं उन्हें सलाह देना व उनके आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति जिला परिषद का काम है. इसके साथ ही जिला मत्स्य पदाधिकारी, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी, मत्स्य प्रसार पर्यवेक्षक के कार्यों का अनुश्रवण एवं उन्हें मंतव्य देना भी जिला परिषद का काम है.

निधि : पशुपालन योजनाओं में दी जाने वाली अनुदान की निधि पर अब जिला परिषद का नियंत्रण होगा. इसके साथ ही प्रचार-प्रसार/कार्यशाला/पशु मेला, पशु चिकित्सा शिविर आदि का आयोजना करने के लिए मिलने वाले पैसों पर भी जिला परिषद का ही नियंत्रण रहेगा. इसे खर्च भी जिला परिषद के द्वारा ही किया जायेगा. चारागाह विकास योजना की निधि पर व मत्स्य विकास योजनाओं में दी जाने वाली अनुदान की निधि, प्रचार प्रसार, ग्राम गोष्ठी, कार्यशाला आदि के आयोजन के लिए मिलने वाली निधि पर भी जिला परिषद का ही नियंत्रण रहेगा. पशुपालन योजनाओं में दी जाने वाली अनुदान की निधि, प्रचार-प्रसार/कार्यशाला/पशु मेला, पशु चिकित्सा शिविर इत्यादि का आयोजन करने की निधि को स्वीकृति जिला परिषद के द्वारा ही दिये जाने की व्यवस्था बनायी गयी है. मत्स्य विकास योजनाओं में दी जाने वाली अनुदान की निधि व उसके प्रचार-प्रसार/ग्रामगोष्ठी/कार्यशाला आदि के आयोजन की निधि की जिम्मेवारी जिला परिषद को सौंपी गयी है.

 

पंचायत समिति

कार्य : पंचायत समिति को पशु औषधालय की योजना, पशु कृत्रिम गर्भाधान की योजना, पशु टीकाकरण की योजना, पशु चिकित्सा शिविर की योजना, नए पशु अस्पताल, पशु औषधालय एवं कृत्रिम गर्भाधान केंद्र खेालने के लिए भूमि का चयन करने का कार्य सौंपा गया है. चारागाह विकास योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेवारी पंचायत समिति को सौंपी गयी है.

कर्मी : प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी/भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी के कार्यों के अनुश्रवण एवं मंतव्य प्रेषण की जिम्मेवारी पंचायत समिति को सौंपी गयी है. इनके आकस्मिक अवकाश को स्वीकृत करने का अधिकार भी पंचायत समिति को सौंपा गया है.

निधि : पंचायत समिति को पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की किसी प्रकार की निधि नहीं सौंपी गयी है.

ग्राम पंचायत

कार्य : पशु महामारी एवं छूत रोगों की रोकथाम में सहयोग करने की जिम्मेवारी ग्राम पंचायत को सौंपी गयी है. पशुपालन केंद्र तथा कृत्रिम गर्भाधान केंद्र का रख-रखाव एवं जीर्णोद्धार में सहयोग करना, मृत पशुओं को निस्तारण में सहयोग, पशु परिसंपत्तियों के रख-रखाव में सहयोग करना व पशुपालन योजनाओं के लिए लाभुकों का चयन एवं वितरण करना ग्राम पंचायत का काम है.

अनुदान आधारित दुधारु पशुओं के वितरण कार्यक्रम का पर्यवेक्षण व सुपात्र लाभान्वितों के चयन के लिए अनुशंसा एवं वितरण, विभिन्न एजेंसी द्वारा संचालित डेरी पशु विकास केंद्रों का पर्यवेक्षण, राज्य के अंदर तथा राज्य के बाहर गव्य विकास संबंधी विविध प्रशिक्षण के लिए लाभुकों का चयन एवं अनुशंसा, इनपुट वितरण के लिए लाभुकों का चयन एवं अनुशंसा की जिम्मेवारी ग्राम पंचायतों को सौंपी गयी है. इसके अलावा मत्स्य कृषकों, मत्स्य मित्रों, मत्स्य बीजा उत्पादकों का प्रशिक्षण के लिए चयन, इनपुट वितरण के लिए लाभुकों का चयन एवं परिसंपत्तियों का रख-रखाव ग्राम पंचायतों का काम है.

कर्मी : ग्रामीण क्षेत्र में पदस्थापित पशुधन सहायक, प्रावैधिक सहायक, पशु चिकित्सालय में पदस्थापित कर्मचारी के कार्यों के अनुश्रवण एवं मंतव्य प्रेषण की जिम्मेवारी ग्राम पंचायतों को सौंपी गयी है. उनके आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति नियंत्री पदाधिकारी की अनुशंसा के आलोक में ग्राम पंचायतों द्वारा दी जाएगी.

निधि : ग्राम पंचायतों को भी पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की निधि नहीं सौंपी गयी है. ग्राम पंचायतों के द्वारा होने वाले कार्यों के लिए निधि की स्वीकृति भी जिला परिषद के स्तर से ही मिलेगी.