Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/पति-के-जिंदा-रहते-महिला-उसके-माता-पिता-की-जिम्‍मेदारी-नहीं-कोर्ट-10990.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | पति के जिंदा रहते महिला उसके माता-पिता की जिम्‍मेदारी नहीं: कोर्ट | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

पति के जिंदा रहते महिला उसके माता-पिता की जिम्‍मेदारी नहीं: कोर्ट

मुंबई। मुंबई की सेशन कोर्ट ने पति-पत्‍नी के बीच चल रहे विवाद को लेकर कहा है कि अगर पति जिंदा है तो एक महिला उसके माता-पिता की जिम्‍मेदारी नहीं हो सकती। अदालत ने यह बात एक व्‍यक्ति की याचिका पर सुनवाई के दौरान कही है जिसमें उसने अपनी पत्‍नी को भरण-पोषण के खर्च देने से राहत की मांग की थी।

महिला को 2011 में उसके ससुराल वालों ने किसी अन्‍य व्‍यक्ति से अवैध संबंध के आरोपों में घर से निकाल दिया था फिलहाल अपने माता-पिता के पास रह रही है। मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि महिला के माता-पिता की अपनी जिम्‍मेदारियां हैं और उन्‍हें खुद का भी भरण-पोषण करता है ऐसे में वो शादी के बाद उनकी बेटी का भार वहन नहीं कर सकते।

घरेलु हिंसा कानून से राहत देने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कुर्ला मजिस्‍ट्रेट कोर्ट ने 4 जनवरी 2013 को आदेश दिए थे कि पति को अपनी पत्‍नी को 3 हजार रुपए की अंतरिम सहायता दे। इसके खिलाफ पति ने सेशन कोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई करते हुए कहा कि पति द्वारा मुआवजा ना दिए जाने और ससुराल वालों के व्‍यवहार के चलते महिला को अपने माता-पिता के घर जाना पड़ा। प्रायमा फेसी यह मामला घरेलु हिंसा का नजर आता है।

अदालत ने कहा महिला अपनी बेटी के साथ उसके पति के घर में साथ रहने के लिए अधिकृत हैं लेकिन पति के व्‍यवहार के चलते वो अपने पिता के घर रह रही है। ऐसे में उनके पास अधिकार है कि उसे वैकल्पिक रहने की जगह मिले।

बता दें कि इस दंपति की 2006 में शादी हुई थी और उसके बाद एक बेटी ने जन्‍म लिया। महिला ने आरोप लगाया कि बाद में समस्‍याएं बढ़ गईं। उसने यह भी आरोप लगाया कि नवंबर 2011 में पति ने झगड़ा शुरू किया और उसके चरित्र पर शंका की। इसके बाद उसे ससुराल ने निकाल दिया गया।

वहीं पति ने आरोप लगाया कि महिला कभी संयुक्‍त परिवार में नहीं रहना चाहती थी। यहां तक की जब वो अस्‍पताल में भर्ती था तो उसे देखने तक के लिए नहीं। उसने यह भी आरोप लगाया कि महिला अपनी मर्जी से घर छोड़कर गई थी और कई बार मनाने के बावजूद लौटने से इन्‍कार कर दिया। पति ने कहा कि वो एक मॉल में 4 हजार रुपए महीने की नौकरी करता है जिसमें से दो हजार उसके इलाज का खर्च है।