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पशुओं के लिए खुलेगा आपदा केंद्र, बाढ़ से बचाए जा सकेंगे - अतुल शुक्ला

अतुल शुक्ला, जबलपुर। बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने शासन-प्रशासन द्वारा कदम उठाए जाते रहे हैं, लेकिन इस प्रकोप से पशुओं को बचाने न तो कोई प्रयास हुए और न ही किसी को इसके लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया। केन्द्रीय गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इस ओर ध्यान दिया है। मध्यभारत का पहला पशु आपदा प्रबंधन सेंटर वेटनरी कॉलेज में खोला जा रहा है। ये सेंटर मध्यप्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़, उड़ीसा, महाराष्ट्र और उत्तप्रदेश के क्षेत्र में भी काम करेगा।

टीम ने देखी जगह

सेंटर खोलने के लिए वेटनरी कॉलेज की जमीन और सुविधा का निरीक्षण करने राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण से सीनियर रिसर्च ऑफिसर डॉ.एके सिन्हा और वर्ल्ड एनिमल प्रोटेक्शन के कंट्री डायरेक्टर गजेंन्द्र शर्मा जबलपुर पहुंचे। इन्होंने वेटनरी विवि के डायरेक्टर इंट्रेक्शन डॉ.एसके जैन के साथ सेंटर से जुड़े सभी पहलुओं का मुआयना किया। उन्होंने डायरेक्टर फार्म में पशुओं को रखने और प्रबंधन से जुड़ी जानकारी ली। इसके बाद विवि के कुलपति से भी मुलाकात की।

अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट देंगे प्रशिक्षण

डॉ. सिन्हा ने बताया कि पशुओं को बाढ़ से बचाने के लिए ये सेंटर खास भूमिका अदा करेगा। इसके लिए यहां विशेष प्रशिक्षण के लिए बजट और सुविधा की दृष्टि से बेहतर बनाया जाएगा। उम्मीद है कि सेंटर बनने का काम तीन माह के भीतर शुरू होगा। यहां तीन चरण में क्रमशः प्रोफेसर्स, विद्यार्थियों और ऑफिसर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय एक्टपर्ट आएंगे।

क्यों है जरूरी

बाढ़ से होने वाले नुकसान में सबसे ज्यादा मौत पशुओं की होती हैं। अब तक इन्हें बचाने के लिए न तो कोई विशेष प्रयास किए गए और न ही कोई प्रशिक्षण दिया गया। जानकारी के मुताबिक हर साल बाढ़ में देश में 10 से 15 हजार के करीब पशुओं की मौत होती है। इन आंकड़ों को कम करने के लिए प्रयास शुरू हो गए है। सेंटर की मदद से पशुओं को बाढ़ से निकालने, उन्हें बेहतर जगह पहुंचाने, इलाज देने और इससे जुड़ीं सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ग्रामीण और पशुपालकों को भी इस सेंटर से जोड़ा जाएगा

ये होगा फायदा

- बाढ़ से पशुओं को बचाया जाएगा

- साधन और सुविधा एक जगह पर मिलेगी

- हर जानकारी के लिए एक विशेष नंबर होगा

- पशुओं की संख्या और उनसे जुड़े डाटा एकत्रित होंगे

- सेंटर उड़ीसा, छग, महाराष्ट्र और यूपी तक काम करेगा

- बजट और जानकारी में कोई कमी नहीं होगी

- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट प्रशिक्षण देंगे

ये होता है नुकसान

- बाढ़ से पशुओं को बचाने कोई साधन नहीं

- जानकारी न होने से प्रयास भी सफल नहीं होते

- हर साल पशुओं की मौत की संख्या बढ़ रही

- पशुपालकों को न सुविधा न जानकारी

पशुओं को बाढ़ से बचाने के लिए प्रोफेसर्स के अलावा विद्यार्थी और वीओ को भी खास प्रशिक्षण दिया जाएगा। हमारा पूरा प्रयास है कि यह सेंटर वेटनरी कॉलेज में बने।

-डॉ.अमरजीत सिंह नंदा, पशु चिकित्सा विवि कुलपति