Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/पहली-बार-किसी-सरकार-ने-गांव-के-किसानों-पर-पूरा-ध्यान-दिया-है-लार्ड-मेघनाद-देसाई-9793.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | पहली बार किसी सरकार ने गांव के किसानों पर पूरा ध्यान दिया है- लार्ड मेघनाद देसाई | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

पहली बार किसी सरकार ने गांव के किसानों पर पूरा ध्यान दिया है- लार्ड मेघनाद देसाई

यह आम बजट आम आदमी का बजट है. बहुत ही अच्छा बजट है. सरकार ने इस बजट में गांव में रहनेवाले आम आदमी को राहत पहुंचाने का काम किया है. अब तक होता यह रहा है कि फायदा तो आम आदमी को जरूर पहुंंचता था, लेकिन उसका ज्यादातर लाभ शहरी आम आदमी उठा ले जाते थे. लेकिन, इस बार सरकार ने इस पर खास ध्यान रखा है.

सरकार ने कृषि क्षेत्र की बात की है और कृषि के लिए जो भी संभव था, वह किया है. बजट में एक बात और अच्छी लगी कि मोदी सरकार की अपील ने लोगों को आम आदमी के लिए कुछ करने की प्रेरणा देने का काम किया है. तभी तो सरकार के अपील पर 75 लाख लोगों ने एलपीजी सब्सिडी छोड़ दी है. ये वो लोग हैं, जो गरीबों के घर में चूल्हे जलाने के लिए अपनी सब्सिडी छोड़ी है. इसलिए सरकार का इस दिशा में अब और अधिक दायित्व बनता है.

इस बजट को देख कर ऐसा लगता है कि सरकार ने अपने तीसरे बजट में उन क्षेत्रों पर ज्यादा फोकस किया है, जिन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा समस्या है. उन क्षेत्रों को ज्यादा सबल बनाने की जरूरत है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था ठीक हो. स्थिर रहे और आगे बढ़े. हर बार बजट में किसान छूट जाता था, लेकिन इस बार बजट में ऐसा नहीं है. सरकार ने किसानों के लिए करने का साहस दिखाया है.

यह बहुत बड़ी बात है. बजट में किसी खास प्रदेश या इलाके पर फोकस न करके पूरे देश पर फोकस किया गया है. जहां-जहां समस्या ज्यादा है, उन समस्याओं पर वार करने का काम किया गया है. इकोनॉमी को गतिशील बनाने के लिए कई उपाय किये गये हैं. ब्लैक मनी रखने वालों को थोड़ी राहत दी गयी है कि वह सरकार को 45 फीसदी देकर उसकी घोषणा करें, इससे रखने वाले भी सही तरीके से काम कर पायेंगे और सरकार को भी पैसा आयेगा.

मोदी सरकार को यह पता है कि किसानों पर फोकस करने के साथ ही देश के आधारभूत संरचना का विकास करना सबसे बड़ी चुनौती है. विगत दिनों में सरकार ने इस क्षेत्र में काफी काम किया है, लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है. इसे देखते हुए आधारभूत संरचना के विकास के लिए 221243 करोड़ का प्रावधान किया गया है, वहीं ग्रामीण सड़क योजना के लिए 97000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. इसी तरह से ग्रामीण विकास 87765 करोड़, ,सड़क हाइवे 55000 करोड़ आदि शामिल है.

स्वास्थ्य पर जोर देते हुए सभी जिला अस्पतालाें में डायलिसिस सेवा की शुरूआत करना, पीएम जन औधधि योजना, स्टार्ट अप, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, किसानों की आय को अगले पांच वर्ष में बढ़ा कर दोगुना करने जैसे पहलों से निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था और देश को गति मिलेगी. आम आदमी के जीवन के लिए जरूरी बातें हैं. बजट को पढ़ने के बाद लगता है कि मोदी सरकार का उद्देश्य अच्छा है.

हमारे लिए यह आश्चर्य की बात है कि अब तक सभी सरकारें गरीबों की बात करती रही हैं, लेकिन गरीबों के गरीबी को दूर करने और उसे छोटे-छोटे चीजों को देकर उसकी समस्या को दूर करने की रचनात्मक पहल अब तक किसी सरकार ने ठीक ढंग से नहीं की है. मोदी सरकार रचनात्मकता के साथ ही सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ रही है, जिसकी झलक इस बजट में दिखती है. जिला अस्पतालों में डायलिसिस की सुविधा देना, मकान कर्ज पर छूट, छोटे करदाताओं को राहत और बड़े करदाताओं पर कमाई के मुताबिक टैक्स यह सब मोदी सरकार ने बजट में प्रमुखता से रखा है.

वित्त मंत्री ने बजट की शुरुआत में ही कृषि, सड़क आदि बुनियादी जरूरतों की ओर इशारा किया है. इन जरूरतों को दुरुस्त करने की सख्त जरूरत है. दो सालों से मौसम की मार ने किसानों के कमर को तोड़ दिया है. इसीलिए मोदी सरकार के लिए भी यह बजट करो या मरो वाली स्थिति बन कर खड़ी थी. दो साल के सूखे के बाद इस साल सामान्य माॅनसून के संकेत मिल रहे हैं.

इसलिए लगता है कि किसानों की हालत बदलेगी. दूसरा मार्केट में मिलने वाले सामान और किसानों से खरीदे गये समान के बीच के अंतर को यदि पाटा गया, तो इससे किसानों का बहुत भला होगा. पहली बार इस बजट से ग्रामीण आम आदमी को सबसे ज्यादा फायदा होगा. क्योंकि जब बजट आता था, तो उसमें घोषित योजनाओं का लाभ शहरी लोग पहले उठा लेते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. बजट से गांव में रहने वाले किसानों, मजदूरों को फायदा होगा.

नौकरी पेशा लोगों के लिए इस बजट में बहुत कुछ नहीं मिला है. लेकिन, उन पर किसी तरह का टैक्स भी नहीं लगाया है. जो करोड़पति लोग हैं, उन्हें अब टैक्स ज्यादा चुकाना पड़ सकता है. इनकम टैक्स पे करनेवालों को किसी तरह की राहत टैक्स में नहीं मिली है. सातवें वेतन आयोग को लेकर भी क्लियरिटी नहीं है, इसका कारण कई राज्य सरकारों ने केंद्र से इसे कुछ दिनों तक टालने का आग्रह किया है. सरकार ने इस बार टैक्स के स्लैब में कोई परिवर्तन नहीं किया है.

सरकार को लगता है कि उसने महंगाई पर काबू पाया है. चीजों के दाम में कमी आयी है, इसलिए भी वह विशेष रियायत देने के पक्ष में नहीं है. इतना ही नहीं, दूसरे देशों में जो अर्थव्यवस्था का हाल है, उस हिसाब से अपनी अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के साथ ही आम लोगों के हित की बात इस बजट में प्रमुखता से शामिल किया गया है.

(अंजनी कुमार सिंह से बातचीत पर आधारित)