Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/पेयजल-का-74-फीसदी-हिस्सा-सीवर-का-पानी-5260.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | पेयजल का 74 फीसदी हिस्सा सीवर का पानी! | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

पेयजल का 74 फीसदी हिस्सा सीवर का पानी!

आगरा. आगरा और मथुरा के घरों में आ रहे पेयजल का 74 फीसदी हिस्सा सीवर है। इसे साफ कर ‘जहरीला’ पेयजल के रूप में परोसा जा रहा है। सिंचाई विभाग के रिकॉर्ड से चौंकाने वाली बात सामने आई है। रिकॉर्ड के मुताबिक पिछले सप्‍ताह यमुना में दिल्ली चला 101 क्यूसेक पानी मथुरा के गोकुल बैराज में बढ़कर एक हजार क्यूसेक हो गया। इस बीच हरनाल स्केप का मात्र 160 क्यूसेक पानी ही नदी में मिलाया गया। बाकि बचा 739 क्यूसेक पानी असलियत में नालों का सीवर है। यह दिल्ली, हरियाणा, नाएडा और मथुरा के सैंकड़ों नालों की गंदगी है। इसी को मामूली रूप से साफ कर आगरावासियों के घर तक पहुँचाया जा रहा है।
 
सिंचाई विभाग रिकॉर्ड ने यमुना प्रदूषण नियंत्रण की पोल खोल दी है। इसके अनुसार यमुना का अधिकतर पानी वजीराबाद बैराज में रोक लिया जा रहा है। आगे ओखला बैराज में दिल्ली की गंदगी नदी में मिल जाती है। अधीक्षण अभियंता मनोज कुमार सागर के मुताबिक एक महीने से इस बैराज से औसतन 101 क्यूसेक प्रति सेकेंड पानी छोड़ा जा रहा है। यह भी स्वच्छ नहीं है। मथुरा तक आने में यमुना में सैंकड़ों नालों का सीवर हावी हो रहा है। बिना स्वच्छ किए नालों का पानी छोड़ा जा रहा है।
 
यह बेहाली यमुना एक्शन प्लान (वाईएपी) को आइना दिखा रही है। प्रदूषण रोकने के इंतजाम विफल दिख रहे हैं। इस गंदगी को कम करने के लिए हरनाल स्केप से आने वाला 160 क्यूसेक पानी गंगाजल गोकुल बैराज में मिलाया जा रहा है। लेकिन इससे ज्यादा फर्क नहीं दिख रहा। बैराज से आगरा की ओर औसतन एक हजार क्यूसेक प्रति सेकेंड पानी छोड़ा जा रहा है। आगरा में 34 नाले यमुना में गिर रहे हैं। यह गंदगी प्रदूषण को और ज्यादा बढ़ा रही है।
 
यह पानी सिकंदरा और जीवनी मंडी स्थित जल संस्‍थान में शुद्ध कर सप्लाई की जा रही है। 90 पीपीएम क्लोरीन डालने के बाद ही पेयजल लायक स्थिति बदला जा है। यमुना प्रदूषण से शहरवासी ‘जहरीला’ पानी पीने को मजबूर हैं। इसके बाद भी यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड चुप बैठा है। बोर्ड ने इस महीने यमुना में प्रदूषण नियंत्रण के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. बीबी अवस्थी ने बताया कि वे जल्द ही कदम उठाएंगे।