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पेड़ों पर चल रही आरी, रो रहा पंजाब

जालंधर। पंजाब में विकास और औद्योगिकीकरण के नाम पर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और वृक्षारोपण की धीमी गति से वन क्षेत्र दिनों दिन घटता जा रहा है। राज्य के कुल भूभाग का 33 फीसदी क्षेत्र वनाच्छादित होना चाहिए लेकिन रकबा तकरीबन छह फीसदी ही है।

हालांकि, राज्य सरकार ने वन क्षेत्र 33 फीसदी करने का दावा किया था लेकिन बाद में लक्ष्य को घटा कर 17 फीसदी कर दिया। अमृतसर जिले में महज 3 फीसदी भू भाग पर वन संपदा है। आंकड़ों के मुताबिक, अमृतसर डिवीजन में 15 हजार हेक्टेयर में वन संपदा है। यहा गो ग्रीन मुहिम छेड़ी गई थी। 5 करोड़ की लागत से लाखों पौधे रोपे गए, लेकिन देखभाल के अभाव में इस जानदार मुहिम का जनाजा निकल गया।

महानगर की मेयर ने 2010 को पर्यावरण वर्ष घोषित किया है। शहर को हरा-भरा बनाने के लिए 4.5 करोड़ के प्रोजेक्ट पर काम भी चल रहा है। नगर निगम ने नोएडा की बेहट हार्टीविजन कंपनी से एग्रीमेंट भी किया है। पिछले वर्ष तय हुए प्रदेश सरकार के हर वार्ड में पांच सौ पौधे लगाने के लक्ष्य के मुताबिक जालंधर शहर में 60 वार्ड के हिसाब से 30 हजार पौधे लगने थे। मीडिया की आलोचना व विधानसभा कमेटी को रिपोर्ट सौंपने के दबाव के चलते नगर निगम ने लक्ष्य से अधिक 30, 590 पौधे लगा तो दिए, लेकिन लक्ष्य पूर्ति के चक्कर में चूक यह हो गई कि प्रत्येक वार्ड में 500 पौधे नहीं लग सके।

दो पार्षदों ने तो लिख कर दे दिया कि उनके वार्ड में पौधे लगाने के लिए जगह नहीं है। शिवालिक की पहाड़ियों पर बसे होशियारपुर जिले में किसी जमाने में हरे भरे रहने वाले जंगल अपनी दुर्दशा पर आसू बहा रहे हैं। जिले में 3.9 लाख हेक्टेयर जमीन में से मात्र 44 हजार हेक्टेयर भूमि वनाच्छादित है। नवाशहर जिले के कुल क्षेत्रफल का 12 फीसदी क्षेत्र वनों के अधीन आता है।

जिला शहीद भगत सिंह नगर व होशियारपुर में पड़ती शिवालिक पहाड़ियों का अगर जिक्र करें तो इसके तहत कुल 51 हजार हेक्टेयर भूमि वन क्षेत्र के तहत आती है। पठानकोट में करीब 7500 स्केयर किलोमीटर में फैले जंगलों की सुरक्षा में वन विभाग बेबस नजर आ रहा है पौधारोपण मुहिम की बात तो दूर है। गुरदासपुर में सरकारी व गैर सरकारी संगठन पौधारोपण कर वनों का रकबा बढ़ाने के दावे करते हैं, लेकिन पौधारोपण में आमजन की जागरूकता का अभाव और पौधों की देखभाल न होने से दावे हवा हवाई ही साबित हो रहे हैं।

कपूरथला शहर की हालत ये है कि नगर कौंसिल के पास योजनाएं व बजट तो है लेकिन क्रियान्वित करने के लिए अलग से बागवानी शाखा नहीं हैं। कपूरथला के फायर ब्रिगेड स्टाफ के लोग ही वृक्षारोपण से लेकर रखरखाव के कार्यो का निरीक्षण करते हैं।