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प्राइवेट स्कूलों में नहीं मिल रहा गरीब बच्चों को एडमिशन

रायपुर. प्रदेश में शिक्षा के अधिकार नियम का पालन प्राइवेट स्कूलों द्वारा न करने का मामला गूंजा। कांग्रेस विधायकों ने मांग की कि ऐसे निजी स्कूलों को बंद करा दिया जाए जो कानून का पालन नहीं करते। उन्होंने कहा कि राजकुमार कालेज में एक बच्चे मोहम्मद अनस को एडमिशन के लिए डीईओ ने छह बार लिखा, बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने निर्देश दिया। अंतत: हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी।

प्रश्नकाल में अमित जोगी ने इस मुद्दे पर शिक्षामंत्री केदार कश्यप को घेरा। उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आंकड़े पेश करते हुए कहा कि 5778 निजी स्कूलों में 9 लाख 46 हजार 583 बच्चे हैं। आरटीई अनुसार 25 प्रतिशत बच्चों यानी 2 लाख 36 हजार 645 को एडमिशन मिलना चाहिए, लेकिन 56 हजार यानी 4 प्रतिशत को ही प्रवेश दिया गया। जोगी ने जानना चाहा कि डीपीएस, आरकेसी, जैन, युगांतर, मयूर व एनएच गोयल आदि स्कूलों में कितने बच्चों को एडमिशन मिला है। जोगी ने मंत्री के इस जवाब पर आपत्ति की कि बिलासपुर जिले के सेंट फ्रांसिस स्कूल के बारे में कहा गया कि उसने एडमिशन देने से मना कर दिया जबकि वह आरटीई के अंतर्गत ही नहीं है।

जोगी ने कहा कि उनके पास पूरे प्रमाण हैं मंत्री चाहे तो वे प्रस्तुत कर सकते हैं। सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि शासन को आरटीई का पालन करना चाहिए। अमरजीत भगत ने कहा कि आदिवासी गरीब बच्चों को आरटीई का लाभ नहीं मिल रहा। भाजपा विधायक देवजी पटेल ने भी आरोप लगाया कि एडमिशन नहीं देने वाले किसी भी स्कूल के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। योजना के प्रचार-प्रसार में विभाग को कोई रूचि नहीं है। डीपीएस स्कूल के बाजू में सेमरिया गांव है, लेकिन वहां के लोगों को नहीं मालूम कि गरीब का बच्चा डीपीएस में पढ़ सकता है।

मंत्री ने कहा पालन हो रहा नियम

शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में आरटीई का पालन हो रहा है। सत्र 2013-14 में 38400 का लक्ष्य के विरुद्ध 31473 बच्चों को प्रवेश दिया गया है। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग व राजनांदगांव जिलों के 564 निजी स्कूलों में वर्ष 2011-12 में 867, वर्ष 2012-13 में 1164 और वर्ष 2013-14 में 2862 बच्चों को प्रवेश मिला है। डीपीएस राजनांदगांव में 14 व बिलासपुर में 6, आरकेसी में 1, एमजीएम में 1 व होली क्रास कापा में 8 बच्चों को प्रवेश मिला है।

सीमेंट की बढ़ी कीमतों का उठा मामला

विधानसभा में गुरुवार को सीमेंट की बढ़ी कीमतों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक जमकर बरसे। उन्होंने मांग की कि सीमेंट कंपनियों पर नियंत्रण करने सरकार कानून लाए। प्रदेश से क्लींकर की बाहर सप्लाई पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी जाए। कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा ने अविलंबनीय लोक महत्व के मामलों के तहत सदन में यह मुद्दा उठाया। रायपुर जिले में 7 सीमेंट फैक्ट्री हैं, लेकिन किसी में स्थानीय को काम नहीं मिलता। प्रदेश क्लींकर बाहर भेजा जा रहा है जिससे दूसरे प्रदेशों में सीमेंट बन रहा है।

शर्मा ने मांग की कि सीमेंट प्रबंधकों पर सरकार दबाव बनाए कीमतें कम करने, जब सरकार की ओर से फैक्ट्रियों को पूरी सुविधाएं दी जा रही हैं तो कीमतें अधिक क्यों ? भाजपा विधायक देवजी पटेल ने कहा कि सरकार कानून बनाकर सीमेंट कंपनियों पर नियंत्रण करे। क्लींकर को बाहर ले जाने पर प्रतिबंध लगाए या टैक्स लगाए।निर्दलीय विधायक विमल चोपड़ा ने विधानसभा में सीमेंट की कीमतों पर नियंत्रण के विषय पर चर्चा में कहा कि विधानसभा में इसकी चर्चा जरूर कराई जाती है, लेकिन सरकार इस चर्चा को गंभीरता से नहीं लेती।

ओडि़शा में छत्तीसगढ़ से तीस रुपए कम में सीमेंट बिक रही है। हर सीमेंट कंपनी राजनीतिक दलों को चंदा देती हैं, इसलिए कार्रवाई नहीं होती। नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा कि उद्योगों पर नियंत्रण जरुरी है। सरकार ऑटो का किराया तय कर सकती है तो फिर सीमेंट के दाम क्यों नहीं। कीमत के साथ क्वालिटी की भी मानिटरिंग होनी चाहिए। सरकार ऐसा तंत्र विकसित करके जिससे इन पर नियंत्रण हो सके। विधायक वृहस्पत सिंह ने कहा कि सरकार आम लोगों को सीमेंट पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दे, तब उनके सपनों का घर बन सकेगा।

प्रदेश में सस्ता है सीमेंट : मूणत

उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राजेश मूणत ने चर्चा के जवाब में कहा कि पिछले दो सालों के दौरान प्रदेश में सीमेंट के दाम में पांच से सात रुपए की ही वृद्धि हुई है। छत्तीसगढ़ में सीमेंट 265 से 272 रुपए प्रति बोरी है। यह देश के दूसरे राज्यों की तुलना में कम है। हमारी भावना है कि यहां के उपभोक्ताओं को और सस्ते दर पर सीमेंट मिले। सरकार कभी इससे पीछे नहीं हटेगी। सरकार इसके लिए सीमेंट कंपनियों से चर्चा करके रास्ता निकालेगी।

बिलद्वार गुफा हादसे पर सदन में होगी चर्चा

सूरजपुर जिले के बिलद्वार गुफा हादसे पर विधानसभा में चर्चा होगी। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव की सूचना दी थी, जिसे अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने नामंजूर कर दिया। सदन में गुरुवार को सिंहदेव ने इस मामले को सरकार की चूक का नतीजा बताते हुए चर्चा करने की मांग की। तब मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि यह गंभीर विषय है और सरकार इस पर जवाब देने को तैयार है। चर्चा कराने में दिक्कत नहीं है। अध्यक्ष ने अभी चर्चा का वक्त व दिन तय नहीं किया है। 

गजराज तालाब पाटने की जांच होगी

राजधानी के बोरिया खुर्द गजराज बांधा तालाब को पाटकर सड़क बनाने की जांच होगी। राजस्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय विधायक सत्यनारायण शर्मा के साथ स्थल निरीक्षण करने जाएंगे। मौके पर कब्जे मिले तो उन्हें भी हटाया जाएगा। विधानसभा में शर्मा ने ध्यानाकर्षण के दौरान यह मुद्दा उठाया था। शर्मा ने कहा कि तालाब पाटने से खेतों में पानी जाना बंद हो गया है। सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग है कि तालाब न पाटें। उन्होंने आरोपी के खिलाफ एफआईआर की मांग की। मंत्री ने जवाब दिया कि सबकुछ प्रक्रिया के तहत हुआ है कहीं त्रुटि होगी तो दिखवा लेंगे। धनेंद्र साहू ने भी प्रदेश के तालाबों से अतिक्रमण हटाने की मांग की। विधायक दलेश्वर साहू ने राजनांदगांव में मडियान जलाशय के बांध की ऊंचाई बढ़ाने तथा नहर के लाइनिंग कार्य में अनियमितिता की ओर इरिगेशन मंत्री का ध्यान आकृष्ट किया।

स्कूल बंद फिर भी बन रहा मध्यान्ह भोजन
कोंटा विधायक कवासी लखमा ने यह कहकर शिक्षा मंत्री को घेरा की कोंटा ब्लाक में कई स्कूल बंद हैं फिर भी वहां आपने मध्यान्ह भोजन बनने की जानकारी जवाब में दी है। उन्होंने कहा कि कई स्कूलों में शिक्षक नहीं है, जहां हैं वे शिक्षक ही स्कूलों में नहीं जा रहे तो स्कूल बंद हैं, तो मध्यान्ह भोजन कौन पका रहा? लखमा ने मामले की जांच की मांग तो मंत्री ने कहा कि जांच करवा लेंगे।

बस्तर का पैसा रायपुर तक हो रहा खर्च

बस्तर विकास प्राधिकरण का पैसा रायपुर में और टाटा मोटर्स को बांटने पर विधायक मोहन मरकाम ने आपत्ति जताई। प्राधिकरण के फंड से रायपुर को 68 लाख व टाटा मोटर्स को 60 लाख रुपए दिए गए। मरकाम ने कहा कि आदिवासियों के हित का पैसा दूसरों को बांटना है तो इसका नाम छत्तीसगढ़ विकास प्राधिकरण कर दें।

प्रश्नकाल में मरकाम ने आदिम जाति विकास मंत्री केदार कश्यप से पूछा था कि प्राधिकरण का पैसा कहां खर्च कर रहे हैं? मंत्री ने बताया कि बस्तर क्षेत्र के विकास, सिंचाई, रोड,  पुलिया आदि बनाने पर लगाया जा रहा है। ऐसे विकास में जिसके लिए स्टेट बजट में राशि नहीं मिलती। बस्तर विकास प्राधिकरण का विस्तार राजनांदगांव, दुर्ग व रायपुर तक कर दिया गया है। इसलिए रायपुर व टाटा मोटर्स को राशि दी गई। इससे वनवासी भाइयों के निर्माण कराए गए हैं। अमरजीत भगत ने सरगुजा में सिंचाई योजनाओं से संबंधित जानकारी कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से मांगी।

खेल साय सिंह ने शिक्षा मंत्री से सूरजपुर जिले में राजीव गांधी शिक्षा मिशन के तहत मंजूर कार्यों की जानकारी मांगी। भूपेश बघेल ने कृषि रकबे की जानकारी को लेकर कृषि मंत्री को घेरा। नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने प्रदेश में निर्माणाधीन जल परियोजनाओं की जानकारी सिंचाई मंत्री अग्रवाल से ली। सत्यनारायण शर्मा ने इस बात पर आपत्ति जताई कि सक्षम अफसरों के रहते निगम-मंडलों में संविदा नियुक्तियां की जा रही हैं।