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फैक्ट्री की इमारत ढहने से गईं 10 जानें, 100 से अधिक अभी भी दबे

जालंधर. रविवार देर रात ध्वस्त हुई शीतल फाइबर में 10 श्रमिकों की मौत हुई है। बचाव दल ने सोमवार रात तक मलबे से 3 शव निकाले जबकि 6 शवों को निकालने की कोशिश जारी थी। एक घायल ने अस्पताल में दम तोड़ा।

मलबे से अभी तक 58 लोगों को जिंदा निकाला गया है पर अभी भी 100 से ज्यादा लोगों के फंसे होने आशंका है। फैक्ट्री के मालिक शीतल विज को सोमवार शाम गिरफ्तार कर लिया गया। उनके खिलाफ गैरइरादतन हत्या, साजिश और लापरवाही के केस दर्ज किया गया है। सेना, पुलिस और पैरा मिल्रिटी जवानों के साथ एनडीआरएफ की आठ टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। हादसा कैसे हुआ, इसकी जानकारी दूसरे दिन भी नहीं मिल पाई। डीसी प्रियांक भारती ने सोमवार शाम कहा कि फैक्ट्री मालिक शीतल विज ने 70-75 लोगों के फंसने की बात कही थी।

जब उनसे पूछा गया कि बचाए गए लोगों ने करीब 300 लोगों के होने की बात कही है तो उन्होंने ऐसी कोई जानकारी होने से इनकार किया। बठिंडा से सुबह छह बजे एनडीआरएफ की टीम पहुंचने के बाद ही बचाव कार्य में तेजी आई। टीम ने प्रशासन से बड़ा गैस कटर मुहैया करवाने को कहा, जो तब तक नहीं लाया गया था।

बाहरी राज्यों के हैं अधिकतर श्रमिक

मलबे में फंसे अधिकांश श्रमिक उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ के हैं। मृतकों में से दो की पहचान सरूप सरकार और मुकेश कुमार के रूप में हुई है। दोनों कहां के रहने वाले थे, फिलहाल पता नहीं चल पाया है।

सरकार देगी आश्रितों को दो-दो लाख मुआवजा

चंडीगढ़. श्रमिकों की मौत पर मुख्यमंत्री ने गहरा शोक जताया है। सीएम आफिस के प्रवक्ता ने बताया कि मुंबई गए मुख्यमंत्री ने मारे गए श्रमिकों के वारिसों को 2-2 लाख रुपए मुआवजा देने, आंशिक घायलों को 45-45 हजार और गंभीर रूप से घायल मजदूरों को 65-65 हजार रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है।

मोबाइल पर गुहार

मलबे में फंसे कुछ लोगों ने मोबाइल से परिजनों से संपर्क किया। मुकेश ने बताया कि अशोक का पांच बार फोन आया। अब उसका फोन बंद है। लगता है, उसकी बैट्री खत्म हो गई है। इसी तरह कई अन्य लोगों का कहना है कि मलबे के नीचे फंसे लोगों का फोन आ रहा है। प्रशासन फैक्ट्री के पास नहीं जाने दे रहा है। अब भी वे चीख-चीखकर खुद को बचाने के लिए कह रहे हैं। फैक्ट्री के एक हिस्से में 25 मजदूरों के दबे होने की खबर है। यह हिस्सा मलबे के बीचोबीच में है।

राहत-बचाव जारी

भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील जालंधर में आपदा से निपटने के इंतजाम नाकाफी हैं। 24 घंटे बाद भी राहत कार्य मुकम्मल नहीं हो पाया है। प्रशासनिक अमला पहुंचा जरूर, लेकिन राहत कार्य आसपास के लोगों ने ही शुरू किया। 12:30 बजे सेना और एनडीआरएफ को बुला गया था। राहत कार्य अभी तक जारी है।