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बंजर भूमि पर किसान उपजा रहे सोना

मगध (गया/औरंगाबाद/नवादा/जहानाबाद)। कृषि क्षेत्र में भी राज्य सरकार की पहल अब रंग लाने लगी है। मगध प्रमंडल के कृषकों को बेहतर उत्पादन के गुर सिखाए जा रहे हैं। बदलते परिवेश में विशेषकर मौसम के उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए फसलों के उत्पादन एवं इकाई क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ाने के लिए किस्मों का चुनाव, समय से बोआई, नराई-गुहाई, तृण-नियंत्रण, निर्धारित समय पर उचित मात्रा में जैविक एवं रासायनिक उर्वरकों का व्यवहार, सिंचाई की उचित व्यवस्था, कीट एवं व्याधियों से फसल की सुरक्षा के उपाय। ये सारी जानकारियां किसानों को अब घर बैठे मिलने लगी हैं जिससे किसान बंजर पड़ी भूमि में भी सोना उपजा रहे हैं। अब उपज का सही मूल्य मिले इसके लिए किसान विशेषज्ञों की सेवा ले रहे हैं। प्रमंडल में पंचायत स्तर पर कृषि स्नातकों को विषय वस्तु विशेषज्ञ के पद पर बहाल किए गए हैं।

अब खेतों की पगडंडियों पर विशेषज्ञों को आते देख किसान नये-नये गुर सीखने के लिए उन्हें पगडंडी पर ही रोक लेते हैं। बस यहीं शुरू हो जाती है किसानों की पाठशाला। लेकिन इसमें एक अड़चन आ रही है। जिले में लक्ष्य के अनुरूप कृषि स्नातक नहीं मिल पा रहे। गया में 332 पंचायत हैं। इस तरह जिले में पंचायतवार 332 विषय वस्तु विशेषज्ञों की जरूरत है। पर गया को अब तक मिले हैं 84। जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह के अनुसार गया में 299 विषय वस्तु विशेषज्ञों की बहाली होनी थी। किंतु 84 ही बहाल हो पाये। आगे बताया कि कृषि स्नातक संवर्ग के विषय वस्तु विशेषज्ञों को प्रतिमाह 8500 रुपये मानदेय के रूप में दिये जा रहे हैं जिनकी सेवा संविदा के आधार पर ली जा रही है। श्री सिंह ने बताया कि विशेषज्ञों को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें अनुदान दर पर मिलने वाले धान के प्रमाणित बीज हो या पावर टीलर पर अधिकतम छूट, कौन पम्पसेट उक्त इलाकों में ज्यादा कारगर होगा, और कौन बेहतर है व अगले माह में आप किस खेत में कौन से धान रोपेंगे आदि शामिल है। विशेषज्ञ खेती के साथ-साथ विभाग की योजनाओं की जानकारी भी दे रहे हैं। कृषि रोड मैप को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया के तहत नवादा जिले में 48 कृषि स्नातकों की नियुक्ति अनुबंध पर की जा चुकी है। शेष की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। नियुक्त स्नातकों को प्रखंडों में भेजा जा रहा है। जिला कृषि पदाधिकारी भगवान राय बताते है जहां-जहां इनकी नियुक्ति हुयी है वहां किसानों की समस्याओं का समाधान खेतों में ही किया जा रहा है। औरंगाबाद में कृषि स्नातक के 178 पद स्वीकृत हैं। 87 कृषि स्नातक नियुक्त हैं। शेष प्रकिया में हैं। जिला कृषि पदाधिकारी शिलाजीत सिंह ने बताया कि 10 राजस्व गांवों पर एक कृषि स्नातक विशेषज्ञ की नियुक्ति करनी है। जिले में 1775 राजस्व गांव चिह्नित किए गए है। कृषि स्नातकों का कार्य गांवों के किसानों को कृषि के नए तरीकों से उत्पादन कैसे बढ़ेगा इस पर किसानों को जानकारी देना है। जहानाबाद में 29 विषय वस्तु विशेषज्ञों की बहाली हुई जिसमें अब तक 24 विशेषज्ञों ने योगदान देने के साथ खुद भी प्रशिक्षण ले रहे हैं। डीएम ने बताया कि रिक्त स्थानों पर 15 कृषि स्नातक की बहाली 26 मई को होनी है।