Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/बल-त-क-र-म-जब-औरत-पर-ह-उठ-सव-ल.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | बलात्कार में जब औरत पर ही उठे सवाल | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

बलात्कार में जब औरत पर ही उठे सवाल

-बीबीसी,

जब आपकी जेब काट ली गई हो तो कोई पलट कर ये नहीं पूछता कि, "तुम ही ने कुछ किया होगा?" पर जब मामला बलात्कार का हो तो ये सवाल उठता रहा है. कानून में ऐसा सवाल पूछना गैरकानूनी करार दिए जाने के बाद भी ये सवाल पूछा जा रहा है.

जब तहलका पत्रिका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल को बलात्कार के आरोपों से बरी करनेवाले फैसले को पढ़ा तो इस सवाल की गूंज साफ सुनाई दी.

सवाल था कि नवंबर 2013 की दो रातों को तरुण तेजपाल ने अपनी जूनियर सहकर्मी के साथ लिफ्ट में बलात्कार किया या नहीं?

जवाब तक पहुंचने में पीड़िता से ही पूछा गया.

सवाल कि इससे पहले उन्होंने कब किसके साथ यौन संबंध बनाए, किसे ईमेल कर क्या लिखा, किसके साथ मेसेज भेजकर फ्लर्ट किया - अगर वो सेक्स की इतनी आदि थीं तो उन दो रातों में भी उनकी सहमति रही होगी?

 

कथित बलात्कार के बाद भी वो मुस्कुरा रहीं थी, अच्छे मूड में दिख रहीं थी, दफ्तर के आयोजनों का हिस्सा बनती रहीं - अगर वो इतनी खुश थीं तो क्या वो सचमुच बलात्कार की पीड़ित हो सकती हैं?

तरुण तेजपाल की जांघें ज़मीन से किस ऐंगल पर थीं, पीड़िता की ड्रेस में शिफॉन की लाइनिंग घुटनों के ऊपर तक थी या नीचे भी, तेजपाल ने उंगलियों से छुआ या उन्हें पीड़िता के शरीर में दाखिल किया - अगर पीड़िता को ये सारी बातें ठीक से याद नहीं तो वो सच बोल भी रही हैं?

527 पन्नों के उस फैसले में बलात्कार के आरोप को गलत माना गया और अभियुक्त बरी हो गया.

ये महज़ इत्तेफाक़ नहीं है. भारत में पिछले 35 सालों में हुए अलग-अलग शोध बताते हैं कि जब बलात्कार की पीड़िता समाज के हिसाब से 'सही' माने जाने वाले बर्ताव से अलग तरीके से बर्ताव करती हैं तो उनके अभियुक्त को कम सज़ा दी जाती है या बरी कर दिया जाता है.

बलात्कार के आरोप की सुनवाई में पीड़िता के बर्ताव को अहमियत देने को कानून गलत बताता है. इसके बावजूद कई जज ऐसी सोच के आधार पर फैसलों तक पहुंचते हैं. आईए कुछ उदाहरण देखें.

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.