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बलिदान नहीं, योगदान चाहिए - आनंद पांडे

संयुक्त परिवार की यूं तो तमाम खूबियां-खामियां होती हैं... पर उसकी एक सबसे बड़ी खूबी होती है- परिवार का आर्थिक संबल। परिवार के आर्थिक रूप से सबसे कमजोर सदस्य को भी इस बात का पूरा भरोसा रहता है कि संयुक्त परिवार की वजह से उसकी पत्नी या बच्चों को कभी भी दो जून की रोटी का संकट नहीं आएगा।

उनके महंगे शौक भले ही पूरे न हों, लेकिन मूलभूत जरूरतें पूरी हो ही जाएंगी। इस बात का ध्यान पूरा परिवार रखता भी है। क्या मध्यप्रदेश के खुदकुशी करते किसानों को बचाने के लिए हम सब लोग संयुक्त परिवार जैसा नहीं सोच सकते हैं?

कल्पना कीजिए कि हम लोग महंगे नए कपड़े पहनकर... नई-नई किस्म के पटाखे फोड़ रहे हैं और उधर कोई किसान अपनी जान दे रहा है। क्या ऐसे में अनार या फुलझड़ी अपनी रंगीनियत बिखेर पाएगी? क्या ऐसे में पटाखों का शोर जानलेवा नहीं हो जाएगा? क्या अनार की ऐसी रोशनी हमारी आंखों में चुभेगी नहीं?

क्या हमें हमारी आत्मा धिक्कारेगी नहीं? प्रदेश सरकार इस हालात से निपटने के लिए क्या कर रही है, यह बहस और समीक्षा का विषय हो सकता है... यह हम बाद में भी कर सकते हैं। फिलहाल तो हमें सिर्फ इतना करना है कि हम इस बार अपने बच्चों को समझाएं और पटाखों की लिस्ट थोड़ी छोटी कर दें... महंगे या ब्रांडेड कपड़े लेने की बजाय थोड़ी कम कीमत वाले कपड़े खरीद लें... महंगी मिठाई, महंगे गिफ्ट और दीपावली के नाम पर दी जाने वाली पार्टियों से तौबा करके भी हम ये सारी रकम जरूरतमंद किसानों तक पहुंचा सकते हैं।

यकीन मानिए किसान या उसका परिवार कभी भी लक्जरी की मांग नहीं करता है। उसकी तो रोजमर्रा की जरूरतें पूरी हो जाएं, वह इतने में ही खुश है। यह वक्त है जब हमें खुलकर मुख्यमंत्री सहायता कोष में पैसा जमा करना चाहिए। खुद्दार किसान मरना पसंद करेगा पर किसी के सामने हाथ नहीं फैलाएगा... यह तो पूरे परिवार की ही नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह किसान का हाथ थाम ले।

आप ऐसे कर सकते हैं पीड़ित किसानों की मदद

मुख्यमंत्री सहायता कोष (किसान राहत) में दान देने के लिए भारतीय स्टेट बैंक की वल्लभ भवन शाखा (भोपाल) में एकाउंट खोला गया है। इसका नंबर 33693482819 है। इसमें कहीं से भी कितनी भी राशि जमा कराई जा सकती है। ऑनलाइन राशि ट्रांसफर के लिए आईएफएसआई कोड SBIN0001056 है। कोष में जमा कराई गई राशि पर आयकर नहीं लगेगा। राशि प्रभावित किसानों की सहायता में लगाई जाएगी। इसमें मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने अपना एक माह का वेतन जमा करा दिया है।