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बिना विंडो पीरियड टेस्ट चढ़ाया जा रहा लाखों मरीजों को खून

रायपुर (निप्र)। प्रदेश में वे लाखों जानें खतरें में हैं, जिन्हें किसी न किसी वजह से खून चढ़ाया जा रहा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि उन्हें जिन व्यक्ति का खून चढ़ाया जा रहा है, उस व्यक्ति का सिर्फ एचआईवी टेस्ट हुआ है, न कि विंडो पीरियड टेस्ट। रायपुर अंबेडकर अस्पताल स्थित प्रदेश के सबसे बड़े ब्लड बैंक मॉडल के साथ-साथ किसी भी सरकारी, गैर सरकारी ब्लड बैंक में इस टेस्ट की सुविधा मौजूद नहीं है, क्योंकि यह टेस्ट बेहद ही महंगा है, इसकी मशीन करोड़ों में आती है।

'नईदुनिया' पड़ताल में सामने आया कि एचआईवी टेस्ट में सिर्फ व्यक्ति एचआईवी पॉजीटिव है, यह स्थित साफ होती है। अगर रिपोर्ट निगेटिव आती है तो खून चढ़ा दिया जाता है, लेकिन खून चढ़ाए जाने के 6 महीने बाद भी मरीज को एचआईवी इंफेक्शन हो सकता है। ब्लड बैंक में रक्तदाताओं से लिए जाने वाले खून की एचआईवी टेस्ट रेपिड या फिर एलाइजा विधि से जांच होती है, जो 100 फीसदी कारगर नहीं है, लेकिन एचआईवी वायरस के विंडो पीरियड टेस्ट पॉलीमर्स चेन रिक्रिएशन (पीसीआर) विधि से होता है, जो यह बता देता है कि व्यक्ति में एचआईवी वायरस है या फिर वह पैदा हो रहा है।

जो साधारण टेस्ट से पता नहीं चलता है। इसे फोर्थ जनरेशन एंटिजन/एंटीबॉडी टेस्ट भी कहते हैं। 99.97 फीसदी इंफेक्शन का पता ला लेता है। हालांकि टेस्ट बहुत महंगा, लेकिन इसे मेट्रो सिटी, दिल्ली-मुंबई-कोलकाता और भी अन्य शहरों में करवाया जा सकता है।

सरकार के पास है मशीन खरीदने का प्रस्ताव

यह टेस्ट महत्वपूर्ण है, इसलिए करीब 2 साल पहले छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति से एक प्रस्ताव शासन के पास भेजा गया था, जिसमें विंडो पीरियड टेस्ट से संबंधित मशीनें खरीदने, सेटअप की जानकारी दी गई थी, लेकिन अब तक शासन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया है। एक तरफ प्रदेश में एचआईवी वायरस से पीड़ितों की संख्या का आंकड़ा 19 हजार पार गया है, दूसरे खून चढ़ाने से एचआईवी न हो, इसे रोकने के लिए विंडो पीरियड टेस्ट शुरू नहीं किया जा रहा है।

सबसे ज्यादा एचआईवी का खतरा इन मरीजों को

सिकल सेल बीमारी से पीड़ित मरीजों को सबसे ज्यादा खतरा है, क्योंकि उन्हें हर 15-20 दिन में ब्लड ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता होती है, उन्हें बगैर विंडो पीरियड टेस्ट के ही ब्लड चढ़ाया जा रहा है। एक शोध के मुताबिक सिकल सेल के अधिकांश मरीज का एचआईवी टेस्ट पॉजीटिव होता है।

अभी तक रक्तदान के पहले ये 5टेस्ट ही अनिवार्य

1- एचआईवी- एड्स के पहले होने वाली स्थिति का पता लगाने के लिए।

2- हेपेटाइटिस-बी- रक्त व यौन संक्रमण से होने वाला पीलिया।

3- हेपेटाइटिस-सी- रक्त व यौन संक्रमण से होने वाला पीलिया।

4- बीआरएल- वेनेरियल डिसीज (यौन संबंधित)।

5- मलेरिया पैरासाइट्स- फेल्सिफेरम और वायबेक्स मलेरिया।

बेहद जरूरी टेस्ट

प्रदेश के किसी भी सरकारी, निजी दोनों ही ब्लड बैंक में विंडो पीरियड टेस्ट की सुविधा उपलब्ध नहीं है। मैंने करीब दो साल पहले शासन को इस सुविधा को शुरू करने संबंधित प्रस्ताव बनाकर भेजा था, लेकिन अब तक ऊपर से कोई आदेश नहीं है। काफी महंगा टेस्ट हैं, मशीनें भी महंगी हैं, लेकिन यह टेस्ट जरूरी है, जो एचआईवी इंफेक्शन को 99.97फीसदी तक डिटेक्ट कर सकता है।

डॉ. एसके बिंझवार, अतिरिक्त परियोजना संचालक, सीजीसैक्स