Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/बिहार-के-56-सीबीएसइ-स्कूलों-में-शौचालय-नहीं-छात्र-हो-रहे-बीमार-8655.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | बिहार के 56% सीबीएसइ स्कूलों में शौचालय नहीं, छात्र हो रहे बीमार | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

बिहार के 56% सीबीएसइ स्कूलों में शौचालय नहीं, छात्र हो रहे बीमार


पटना: सीबीएसइ के एक सर्वे के मुताबिक अधिकतर सीबीएसइ स्कूलों में शौचालय और पेयजल की दिक्कतें हैं. सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि पटना जोन (बिहार-झारखंड) के 1014 स्कूल सीबीएसइ से मान्यताप्राप्त हैं, जिनमें से 537 (53}) में शौचालय नहीं है. अगर सिर्फ बिहार की बात करें, तो 610 में 341 (56}) स्कूल बिना शौचालय के हैं. पटना में ऐसे 12 स्कूल हैं.

बड़ी संख्या में ऐसे स्कूल हैं, जहां पर लड़के और लड़कियां दोनों पढ़ते हैं, लेकिन स्कूल ऑथोरिटी ने अलग-अलग शौचालय नहीं बनवाये हैं. इन सभी स्कूलों को सीबीएसइ ने नोटिस जारी किया है. इन स्कूलों से पूछा गया है कि शौचालय और पेयजल की व्यवस्था क्यों नहीं की गयी? शौचालय नहीं होने के कारण आये दिन क्लास में स्टूडेंट्स की अनुपस्थिति भी देखी गयी है. जब सीबीएसइ ने इसकी वजह जाननी चाही, तो पता चला कि अधिकतर स्टूडेंट्स बीमार रह रहे हैं, जिसके कारण पेट से संबंधित अधिक हैं. छात्रओं के बीमार रहने का कारण अधिक देर तक पेशाब रोके रखना पाया गया है.

अधिकतर ने नहीं दी जानकारी
स्कूल में सेनिटेशन और पीने के पानी के सर्वे के लिए सीबीएसइ ने छह माह पहले स्कूलों से कुल 10 प्वाइंट पर जवाब मांगा था. लेकिन, अधिकतर स्कूलों ने सीबीएसइ को इसकी जानकारी नहीं दी. इसके बाद सीबीएसइ की ओर से एफिलिएशन के तहत की गयी जांच में इन प्वाइंट को देखा गया. इसके बाद सीबीएसइ को सारी जानकारियां प्राप्त हुईं.

साफ-सफाई नगण्य
सीबीएसइ की रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल की साफ-सफाई पर स्कूल आथॉरिटी बिल्कुल ही ध्यान नहीं देती है. सीबीएसइ ने पटना जोन के 365 (36}) ऐसे स्कूलों की सूची बनायी है, जहां साफ-सफाई नगण्य है. स्कूल के बाहर और अंदर कूड़े का ढेर लगा होता है. इतना ही नहीं, अगर किसी स्कूल में शौचालय है, तो वह इतना गंदा है कि उससे भी बीमारियां फैलती हैं. सीबीएसइ के अनुसार इन शौचालयों की सफाई महीनों में एक बार होती है. शौचालय की बदबू भी आसपास फैली रहती है.
पटना जोन के स्कूल संबंधित जानकारी
स्कूलों की कुल संख्या - 1014
कितने स्कूलों के पास शौचालय नहीं - 537
बिहार में स्कूूलों की कुल संख्या - 610
पटना में कितने स्कूलों के पास शौचालय नहीं - 12
बिहार में कितने स्कूलों के पास शौचालय नहीं - 341
बिहार के कितने स्कूलों में लड़के-लड़कियों दोनों के लिए शौचालय हैं - 155
कितने स्कूलों में सिर्फ लड़कों के लिए शौचालय हैं - 114
झारखंड में स्कूलों की कुल संख्या - 404
झारखंड में कितने स्कूलों के पास शौचालय नहीं - 196

पटना में बिना शौचालयवाले स्कूल
स्कूल का नाम स्टूडेंट्स की संख्या
1. एएएम चिल्ड्रेन एकेडमी (एफिलिएशन नंबर 330108) - 2014
2. आर्मी पब्लिक स्कूल (एफिलिएशन नंबर 380001) - 1933
3. भागवत विद्यापीठ (एफिलिएशन नंबर 330171) - 1576
4. डीएवी पब्लिक स्कूल (एफिलिएशन नंबर 330006) - 1324
5. दिग्दर्शन सेकेंडरी स्कूल (एफिलिएशन नंबर 330189) - 1200
6. दुखन राम डीएवी पब्लिक स्कूल (एफिलिएशन नंबर 330124) - 1098
7. ज्ञान भारती मॉडल स्कूल (एफिलिएशन नंबर 330173) - 1356
8. हिमालय पब्लिक स्कूल (एफिलिएशन नंबर 330183) - 1176
9. सेंट पॉल स्कूल (एफिलिएशन नंबर 330045) - 987
10. विद्या बिहार रेजिडेंसियल हाइस्कूल (एफिलिएशन नंबर 330063) - 1765

नोट : स्कलों की यह लिस्ट सीबीएसइ ने अपनी वेबसाइट पर जारी की है. इस लिस्ट में उन तमाम स्कूलों की पूरी रिपोर्ट है, जहां पर शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है. सेनिटेशन और ड्रिकिंग वाटर नाम की इस रिपोर्ट में सीबीएसइ ने तमाम स्कूलों की पूरी रिपोर्ट डाली है.


स्टूडेंट बोले
हमारे स्कूल में गल्र्स के लिए सिर्फ दो शौचालय हैं. इस कारण हमें शौचालय जाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता हैं. कभी-कभी तो लंच आवर में इतनी लंबी लाइन लगी होती हैं कि शौचालय जाने का मौका ही नहीं मिलता. इससे दिन भर बिना शौचालय के रहने से पेट में दर्द होने लगता हैं. कई बार तो क्लास के बीच में जा कर अपना काम निकालते हैं.
सोनम गुप्ता, स्टूडेंट

मेरे स्कूल में एक भी शौचालय नहीं हैं. लड़के तो स्कूल के बाहर जाकर अपना काम निकाल लेते हैं. लेकिन, लड़कियों के लिए बहुत ही मुश्किल हो जाती है. कई बार तो कई लड़कियों की तबीयत भी खराब हो गयी हैं. शौचालय की वजह से कई लड़कियों ने स्कूल से नाम भी कटवा लिया हैं.
पिंकी सिंह, स्टूडेंट

अभिभावक बोले
मैंने अपने बेटी का नाम पटना के बड़े स्कूल में लिखवाया. गल्र्स स्कूल होने के बावजूद वहां शौचालय नहीं हैं. ऐसे में छह महीने में ही मेरी बेटी बीमार रहने लगी. उसकी किडनी में प्राब्लम होने लगा. पता नहीं चल रहा था कि क्या हुआ. फिर बेटी से पूछा, तो पता चला कि वह शौचालय नहीं जा पा रही है. मैंने तुरंत उस स्कूल से बेटी का नाम कटवा दिया.
अभिषेक कुमार, अभिभावक

पटना में स्कूलवाले बिल्डिंग तो खड़ा कर देते हैं, लेकिन शौचालय नहीं बनवाते हैं. मेरे दोनों की बच्चे एक ही स्कूल में पढ़ते हैं. 800 बच्चे पर सिर्फ दो शौचालय लड़कों के लिए और तीन शौचालय लड़कियों के लिए हैं. इन दोनों शौचालय की स्थिति बहुत ही बुरी हैं. गंदगी इतनी की बच्चे जाना नहीं चाहते हैं.
सत्यप्रकाश, अभिभावक

पेशाब रोकने से ये बीमारियां
त्नयूरिन इन्फेक्शन (इसके अंतर्गत इ-कोलाइ, बीकोलाइ आदि बीमारियां आती हैं)
किडनी प्राब्लम
किडनी स्टोन
यूरिन बर्निग (जलन)
पेट के नीचे में दर्द होना
ल्यूकोरिया

केस-1
रश्मि प्रिया सातवीं की छात्र है. स्कूल में शौचालय नहीं होने से वह शौचालय नहीं जा पाती थी. इससे उसे कुछ दिनों के बाद पेट में प्राब्लम शुरू हो गया. शौचालय नहीं जाना पड़े, इस कारण वह स्कूल में पानी भी काफी कम पीती थी. जब प्राब्लम काफी बढ़ गया, तो डॉक्टर से दिखाया. पता चला कि किडनी में इन्फेक्शन हो गया हैं. काफी इलाज के बाद सही हुई.

केस-2
आसीन सुबह सात से दो बजे तक शौचालय नहीं जाती थी. कई-कई घंटे पेशाब रोकने से उसे यूरिन इफेक्शन हो गया. इसके कारण उसे 10वीं बोर्ड परीक्षा ओपन स्कूलिंग से प्राइवेट कैंडिडेंट्स के रूप में देनी पड़ी. अभी वह 12वीं में है, पर यूरिन इन्फेक्शन का असर उसे अब भी ङोलना पड़ रहा हैं. वह बताती है कि स्कूल में एक भी गल्र्स शौचालय नहीं है.

स्कूल छोड़ने की वजह भी बन रहा शौचालय
सीबीएसइ ने जो एफिलिएशन बाइलॉज के तहत स्कूलों की जांच की हैं, उसके मुताबिक शौचालय के कारण सीबीएसइ स्कूलों से भी स्टूडेंट्स नाम कटवा कर दूसरे स्कूल में नामांकन ले रहें हैं. कई स्कूलों में तो डिसिप्लिनरी कमेटी के पास भी स्टूडेंट्स ने शिकायत की है. पटना के डीएवी से मिली जानकारी के अनुसार कई छात्रओं ने सिर्फ इस कारण स्कूल आना बंद कर दिया कि स्कूल मे शौचालय नहीं था.

39.45} में नहीं है पीने के पानी की व्यवस्था
रिपोर्ट के अनुसार पटना जोन के 400 (39.45}) स्कूलों में पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है. ऐसे स्कूलों के स्टूडेंट्स को पानी भी घर से लाना पड़ता है. स्कूल में न तो आरओ लगे हैं और न ही पानी को प्यूरिफाइ करने की व्यवस्था है. लंच आवर में भी स्टूडेंट्स को घर के पानी पर ही निर्भर होना होता है.

सीबीएसइ के अनुसार, लगभग 200 ऐसे स्कूल हैं, जहां पीने के पानी की व्यवस्था तो है, लेकिन चारों ओर काफी गंदगी पायी गयी है.

यूरिन का प्राब्लम टीन एजर्स में देखा जा रहा है. पेशाब को आधे घंटे तक रोका जा सकता है. अधिक देर तक पेशाब रोकने से यह पूरे शरीर को इन्फेक्टेड कर देता है.
डॉ रेखा रस्तोगी, गाइनोकोलॉजिस्ट