Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/बिहार-दक्षिण-में-नीचे-गया-पानी-9950.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | बिहार-- दक्षिण में नीचे गया पानी | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

बिहार-- दक्षिण में नीचे गया पानी

विधानमंडल. हर प्रखंड के पांच-पांच चापाकलों की मापी : मंत्री
दक्षिण बिहार के 17 जिलों में मार्च, 2014 व मार्च, 2015 की तुलना में भूगर्भ जल स्तर में दो फुट की गिरावट आयी है. इसमें नालंदा, पटना, गया, नवादा, लखीसराय, रोहतास, नवादा और औरंगाबाद जिले शामिल हैं.

पटना : लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण(पीएचइडी) मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने बताया कि सरकार के सुशासन के कार्यक्रम के तहत 2015-20 के अंतर्गत हर घर नल का पानी देने की योजना की शुरुआत हो गयी है. सरकार सभी नागरिकों को नल का जल देने की योजना पर काम कर रही है.

उन्होंने बताया कि हर भूगर्भ जलस्तर की माॅनीटरिंग के लिए हर प्रखंड के पांच-पांच चापाकलों के जलस्तर की मापी ली जा रही है. इससे पेयजल की समस्या होने पर पूर्व में ही आकलन किया जा सके. उन्होंने स्वीकार किया कि दक्षिण बिहार के 17 जिलों में मार्च 2014 व मार्च 20015 की तुलना में भूगर्भ जलस्तर में दो फुट की गिरावट आयी है

इसमें नालंदा, पटना, गया, नवादा, लखीसराय, रोहतास, नवादा और औरंगाबाद जिले शामिल हैं. दक्षिण बिहार के अधिकतर जिलों में भू जलस्तर 30 फुट तक नीचे है. सिर्फ भभुआ जिला में जलस्तर 38 फीट छह इंच है. दक्षिण बिहार के सभी जिलों में इंडिया मार्क-दो व इंडिया मार्क-तीन पंप लगाया जाता है. इससे भूगर्भीय जल 80 फुट नीचे तक को लिफ्ट किया जा सकता है.

पीएचइडी मंत्री शुक्रवार को विधानसभा में विजय कुमार खेमका से प्राप्त सूचना कि राज्य सरकार द्वारा नागरिकों को स्वच्छ जल आपूर्ति करने में सरकार की असफलता से उत्पन्न स्थिति पर हुए दो घंटे के विमर्श का जवाब दे रहे थे. जब वह जवाब दे रहे थे तो विपक्षी सदस्य अपनी सीट पर खडे होकर पानी-पानी का नारा लगा रहे थे. पीएचइडी मंत्री ने बताया कि उत्तर बिहार के किसी भी जिले में भूगर्भ जलस्तर में गिरावट नहीं आयी है. गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या के निबटारे के लिए आकस्मिक योजना तैयार करने का निर्देश दिया गया है.

दक्षिण बिहार के 17 जिलों में 26 जल टैंकर रखे गये हैं. उत्तर भाग के 21 जिलों के लिए 25 जल टैंकर की व्यवस्था है. पेयजल की समस्या की सूचना मिलने पर जल टैंकर से भी पेयजल की व्यवस्था त्वरित गति से की जायेगी. विभाग द्वारा चलंत जल शोधन संयंत्र के साथ छह जलदूत की व्यवस्था भी की गयी है. इसके अलावा सरकार ने अन्य तैयारियां भी की है जिसमें टैंकर व पीवीसी टैंक के माध्यम से ढुलाई कर जलापूर्ति करने के लिए संभावित बसावटों व टोलों की पहचान कर रूट चार्ट के साथ पेय जल की व्यवस्था करना शामिल है.

पीएचइडी मंत्री ने बताया कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक कराये गये सर्वेक्षण के अनुसार एक लाख 10 हजार 144 ग्रामीण टोले हैं. कोई भी टोला पेयजल स्रोत विहीन नहीं है. पिछले वर्ष करीब आठ लाख चापाकलों का निर्माण ग्रामीण क्षेत्रों में किया गया, वित्तीय वर्ष 2015-16 में अब तक 63 हजार चापाकलों का निर्माण कराया गया.

ग्रामीण क्षेत्रों में 700 ग्रामीण पाईप जलापूर्ति योजनाएं तथा एक बहु ग्रामीय पाइप जलापूर्ति योजना चालू है. इसके अलावा 1200 सौर ऊर्जा चालित मिनी जलापूर्ति योजनाएं भी चालू अवस्था में हैं. वर्तमान वित्तीय वर्ष में करीब एक लाख आठ हजार चापाकलों की साधारण मरम्मति कर चालू किया गया है. वर्ष 2012-13 में मुख्यमंत्री चापाकल योजना की शुरुआत की गयी. अब सात निश्चय में इसे शामिल किया गया है.

सदन में हुए दो घंटे के विशेष वाद-विवाद में विमर्श का प्रस्ताव रखते हुए विजय कुमार खेमका ने कहा कि यह सरकार पानी के नाम पर लोगों को अप्रैल फूल बनाना चाहती है. तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक घर पर एक चापाकल का प्रावधान किया था.

सदस्य चंद्रसेन प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बड़े-छोटे का भेद मिटाने के लिए हर घर में नल का जल पहुंचाने का निर्णय किया है. अरुण कुमार यादव का कहा कि जिन गरीबों ने पहले नल का पानी नहीं देखा था वह नल का पानी पी रहे हैं. मो अफाक आलम नें सरकार के कदम की सराहना करते हुए मांग किया कि चापाकल योजना कुछ दिन और चले. राघव शरण पांडेय ने परिणाम बजट और सरकार के कार्यक्रम में विरोधाभासों को रेखांकित करते हुए कहा कि सरकार का ट्रैक रिकार्ड क्या है. विभाग में आधे पद सहायक अभियंता व एक-तिहाई पद जूनियर इंजीनियर के खाली है. कुमार सर्वजीत ने का कहना था कि यह सरकार जीने का और साफ पानी पीने का अधिकार दे रही है.

रत्नेश सदा ने कहा कि भाजपा वालों के ग्रामीण जनता से कोई मतलब नहीं है. बीजेपी के विधायकों द्वारा कहीं भी चापाकल नहीं गाड़ा गया है. प्रह्लाद यादव ने अपने क्षेत्र में बंद पड़े 2922 चापाकल चालू कराने की मांग की. सुदर्शन सिंह ने योजना के लागू होने तक चापाकल योजना चालू रखने की बात की. मो नवाज आलम नें सात निश्चय को सरकार की बड़ी सफलता बताया. सत्यदेव राम ने कहा कि सरकार बताये कि यह योजना कैसे लागू होगी और कब तक लागू होगी. राजू तिवारी ने वैसे परिवारों की चर्ची की जिनके पास घर नहीं है. कहा कि पहले घर मिले तब तो जल मिलेगा. ललन पासवान का कहना है कि चीख-चीख कर पानी मांग रहे हैं. पानी के मामले पर सरकार बेपानी हो रही है. विद्यासागर केसरी का कहना था कि पांच साल में इस योजना को पूरा करना है. एक साल में 20 प्रतिशत जनता को पानी मिलेगा तो 80 प्रतिशत जनता प्यासी रहेगी.

विपक्ष ने किया सदन का बहिष्कार

पटना : भाजपा सहित एनडीए के विपक्षी सदस्यों ने शुक्रवार को विशेष वाद-विवाद पर लोक स्वास्थ्य एवं अभियंत्रण मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा के जवाब से असंतुष्ट होकर अंतिम समय में सदन का बहिष्कार किया. जब मंत्री हर घर जल का नल विषय पर आयोजित वाद विवाद पर सरकार का पक्ष रख रहे थे, तो विपक्ष के सदस्य अपनी सीट पर खड़े होकर पानी-पानी का नारा लगा रहे थे. विशेष वाद विवाद के लिए सुबह नौ बजे से 11 बजे तक का समय निर्धारित था. विपक्ष के सदस्यों में 11 बजे के चंद मिनट पहले सदन का बहिष्कार किया. इसके बाद शून्यकाल के दौरान विपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने ध्यानाकर्षण की सूचना के पहले सरकार से राज्य में 4.5 लाख संविदाकर्मियों की सेवा नियमित करने को लेकर सरकार से सदन में वक्तव्य देने की मांग की. सरकार की ओर से जवाब नहीं मिलने पर भाजपा सहित एनडीए के सदस्य वेल में आकर संविदाकर्मियों की सेवा नियमित करने की मांग करने लगे.